महाकुंभ के साथ काशी और अयोध्या में भी सुरक्षा के होंगे कड़े इंतजाम, मुख्य सचिव ने की हाई लेवल मीटिंग
महाकुंभ के साथ ही काशी, अयोध्या व विंध्यधाम में भी में उच्च स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ में 40-45 दिन की अवधि में देश-विदेश से करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा है कि महाकुंभ के साथ ही काशी, अयोध्या व विंध्यधाम में भी में उच्च स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ में 40-45 दिन की अवधि में देश-विदेश से करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। महाकुंभ सुरक्षित व सुव्यवस्थित होना चाहिए।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मंगलवार को महाकुंभ-2025 की सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और विंध्याचल में विंध्यवासिनी कॉरिडोर समेत कई धार्मिक स्थल का निर्माण हुआ है। उम्मीद की जा रही है कि जो लोग इस बार महाकुंभ में आएंगे, उसमें से बहुत बड़ी संख्या में लोग इन स्थानों पर भी जाएंगे। इसे ध्यान में रखते हुए आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित कराई जाएं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की अपेक्षा है कि प्रयागराज महाकुंभ में सुरक्षा-व्यवस्था के बेहतर प्रबंध होने चाहिए। पुलिस विभाग और संबंधित विभागों को इस बार करीब 250 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट स्वीकृत किए गए हैं। प्रयागराज में बड़े पैमाने पर कार्य चल रहा है। सभी कार्य महाकुंभ से पूर्व पूरे हो जाएंगे। लगभग 40 हजार पुलिस दल वहां पर लगाए जा रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था में लगी सभी विभागों व एजेंसिंया द्वारा आपस में तालमेल रखा जाए।
पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की अपेक्षा है कि महाकुंभ एक डिजिटल महाकुंभ के रूप में पहचाना जाए। इस दिशा में हम लगातार काम कर रहे हैं और हमारा फोकस न सिर्फ डिजिटल फैसिलिटेशन पर है बल्कि डिजिटल सिक्योरिटी देने पर भी है। बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार, एडीजी एलओ एसटीएफ अमिताभ यश सहित सीआरपीएफ, रॉ, आईबी, एनएसजी सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों द्वारा वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रतिभाग किया गया।