यूपी के एक और जिले में होली जुलूस के दौरान बवाल, पथराव, लाठीचार्ज के बाद धरना शुूरू
यूपी में शाहजहांपुर के बाद अब उन्नाव में होली जुलूस के दौरान बवाल हुआ है। पथराव के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। इसमें कई लोग घायल हुए हैं।

यूपी में लाख सतर्कता के बाद भी पुलिस बवाल को रोक नहीं सकी। शाहजहांपुर के बाद उन्नाव में होली जुलूस के दौरान बवाल हुआ है। पुलिस पर पथराव के बाद लाठीचार्ज हुआ है। इसमें कई लोग घायल हुए हैं। पुलिस पर एक्शन को लेकर धरना भी शुरू हो गया है। पुलिस अधिकारी आक्रोशित लोगों को समझाने के प्रयास में जुटे हैं। बताया जाता है कि गंजमुरादाबाद कस्बे में परंपरागत फाग जुलूस के दौरान पुलिस के लाठी चलाने से भगदड़ मच गई। आक्रोश पनपते ही एएसपी, सीओ और एसडीएम ने मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया। तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए प्रशासन ने भारी फोर्स तैनात कर दिया है। दूसरी ओर, फाग टोली दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठ गई है, जबकि प्रशासन मामले को सुलझाने में जुटा हुआ है।
गंजमुरादाबाद कस्बा के गढ़ी मोहल्ला में शुक्रवार दोपहर निकला परंपरागत फाग जुलूस अपने गंतव्य तक जाकर लौट रहा था। शाम 3.45 बजे जब यह जुलूस मोहल्ला जोगियाना पहुंचा, तो पुलिस व होरियारों के बीच तालमेल बिगड़ गया। हालात को संभालने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया, लेकिन इससे भीड़ और भड़क गई। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठियां भांजनी शुरू कर दी, जिससे कुछ आक्रोशित लोगों ने पुलिस पर पत्थरबाजी कर दी। इसके जवाब में पुलिस ने जुलूस पर और जोरदार लाठीचार्ज किया, जिससे कई लोग घायल हो गए।
सूचना मिलते ही एसीपी प्रेमचंद, उपजिलाधिकारी नम्रता सिंह, क्षेत्राधिकारी अरविंद चौरसिया, तहसीलदार रामाश्रय और नायब तहसीलदार दीपक गौतम मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया।
पुलिस कार्रवाई के विरोध में फाग टोली के सदस्य दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। प्रशासन मामले को शांत करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन दो घंटे बीतने के बाद भी धरना जारी है। इस घटना में करीब एक दर्जन लोग घायल हुए, जिन्हें स्थानीय सीएचसी केंद्र में इलाज के लिए भेजा गया। हालांकि, किसी की हालत गंभीर नहीं बताई जा रही है।
गौरतलब है कि इस फाग जुलूस के दौरान होरियारों द्वारा गाए जाने वाले आपत्तिजनक गीतों का विरोध लंबे समय से किया जाता रहा है। इस साल भी इसे प्रतिबंधित करने की मांग उठी थी। ऐसे में कुछ लोग इस लाठीचार्ज को एक सुनियोजित घटना बता रहे हैं।
पुलिस का कहना है कि उसने पत्थरबाजों को काबू करने के लिए लाठीचार्ज किया, जबकि जुलूस में शामिल लोगों का आरोप है कि पुलिस ने बिना किसी ठोस वजह के बल प्रयोग किया। स्थानीय महिलाओं ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि बिना महिला पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के ही घर के दरवाजे पर खड़ी महिलाओं और बुजुर्गों पर लाठियां बरसाई गईं।

घायल हुए लोगों ने भी पुलिस कार्रवाई की आलोचना की। उनका कहना है कि बिना किसी कारण के पुलिस ने अचानक लाठीचार्ज कर दिया। फिलहाल, प्रशासन स्थिति को सामान्य करने की कोशिश में जुटा है और नगर में भारी पुलिस बल तैनात है।
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