सनातन को चुनौती देना असहनीय, नमो घाट के उद्घाटन पर बोले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
- देव दीपावली पर वाराणसी पहुंचे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सनातन हमारी आत्मा है और अगर कोई इसको चुनौती देता है तो यह असहनीय होगा। देव दीपावली के दौरान शुक्रवार को वाराणसी में अद्भुत नमो घाट राष्ट्र को समर्पित करने के बाद उन्होंने कहा कि सनातन ने हमेशा विश्व शांति का संदेश दिया है।
देव दीपावली पर वाराणसी पहुंचे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सनातन हमारी आत्मा है और अगर कोई इसको चुनौती देता है तो यह असहनीय होगा। देव दीपावली के दौरान शुक्रवार को वाराणसी में अद्भुत नमो घाट राष्ट्र को समर्पित करने के बाद उन्होंने कहा कि सनातन ने हमेशा विश्व शांति का संदेश दिया है। इसका मूल काशी में समाहित है। आज जैसी परिस्थिति है, उसके मद्देनजर हर भारतवासी को सनातन के संरक्षण का संकल्प लेना होगा। यह किसी एक व्यक्ति या एक सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ही प्रयासों से गंगा अविरल और निर्मल हुई हैं। आज उसका जल आचमन के साथ पीने योग्य हो चुका है।
राष्ट्रपति धनखड़ पत्नी सुदेश धनखड़ के साथ पांच घंटे के काशी प्रवास पर दोपहर में यहां पहुंचे। उन्होंने कहा कि सनातन समग्र है और सबको समाहित करता है। यह सनातन की मूल भावना है और हमें इसमें विश्वास होना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय संस्कृति दुनिया में अनूठी है। इसकी जड़ें काफी गहरी हैं। हमारे ऋषियों ने कहा है कि सांस्कृतिक जड़ें हमारे वर्तमान और भविष्य के निर्माण का आधार हैं। सनातन राष्ट्रधर्म का प्रतिबिंब है। हम भारतीय हैं और हमारे लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत आज तीव्र गति से विकास यात्रा पर अग्रसर है। दुनिया की पांच महाशक्तियों में एक भारत है। आगामी वर्षो में इसे तीसरी महाशक्ति बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता है कि हर भारतीय की सालाना आय आठ गुना बढ़े। इसके लिए सभी भारतीयों को सहभागिता निभानी होगी। हर भारतीय को निष्ठावान होकर आहुति देनी होगी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि मैंने भी यह नया संकल्प लिया है कि मेरे जीवन में कोई दायित्व हो तो उसमें राष्ट्रहित सर्वोपरि होगा। इसके लिए सभी आहुतियां देने का मैंने भी संकल्प लिया है। उपराष्ट्रपति ने नमोघाट पर ही देव दीपावली का शुभारम्भ करने के बाद चेतसिंह घाट तक गंगा भ्रमण कर घाटों की भव्यता औऱ अलौकितता निहारी। रात नौ बजे वह दिल्ली रवाना हो गए।