केंद्र और यूपी सरकार कर रही धर्म विशेष के नागरिकों को टारगेट, मायावती ने साधा निशाना
- बसपा प्रमुख मायावती ने सरकार पर निशाना साधा है। मायावती ने कहा कि भाजपा सरकारों द्वारा कानून व सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके धर्म विशेष के नागरिकों व उनके धार्मिक स्थलों को टारगेट किया जा रहा है।

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कहा है कि यूपी ही नहीं बल्कि पूरे देश में भाजपा सरकारों द्वारा कानून व सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके धर्म विशेष के नागरिकों व उनके धार्मिक स्थलों को टारगेट किया जा रहा है। यह देश के विकास को बाधित करने वाला कदम है। केंद्र व अन्य राज्यों की सरकारों को द्वेष पूर्ण व साम्प्रदायिकता आदि के कृत्यों से बचना चाहिए।
मायावती ने गुरुवार को मीडिया को दिए गए बयान में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि वैसे तो यूपी सरकार यूपी को देश का ग्रोथ इंजन होने का दावा करते हुए नहीं थकती है, किन्तु यहां के लोगों की शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी आदि बुनियादी जरूरतों को लेकर दुर्दशा किसी से भी छिपी नहीं है। केन्द्र की तरह यूपी सरकार के पास भी धन की कमी नहीं है लेकिन इसका इस्तेमाल यहां के गरीब लोगों के हित-कल्याण तथा इनके जीवन सुधार में सही से नहीं हो रहा है। इस तरह के कांग्रेसी कृत्य के नक्श-ऐ-कदम पर अब भाजपा सरकारें भी चलती हुई नजर आ रही हैं।
मायावती ने याद दिलाया कि उत्तर प्रदेश में उनके नेतृत्व में चार बार सरकार रही। उन्होंने सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति का एतिहासिक सुधार जमीन पर उतारकर दिखाया। उन्होंने कहा कि केंद्र की आर्थिक नीतियों के चलते मुट्ठी भर धन्ना सेठ और धनवान बन रहे हैं। अमीरों को और अमीर बनाने के बजाए सरकार को दलितों व वंचितों की गरीबी व बेरोजगारी दूर करना चाहिए। सपा की तरह भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश में डॉ. भीम राव अम्बेडकर समग्र ग्राम विकास योजना को निष्क्रिय कर दिया गया।
कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को भिखारियों की फौज बताना जातिवादी सोच
मायावती ने कहा कि मध्य प्रदेश भाजपा सरकार के वरिष्ठ मंत्री द्वारा विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को भिखारियों की फौज बताने से इन करोड़ों गरीब उपेक्षितों के प्रति इनकी हीन, संकीर्ण एवं जातिवादी सोच ज्यादा प्रदर्शित होती है। सरकारी योजनओं के तहत इन्हें कुछ राहत देकर अपमानित करना यह अति-शर्मनाक है।
दलित शोषित पीड़ित गरीबों को थोड़ा सा अनाज देकर इनका वोट लेकर सरकार बनाना और सरकार बन जाने पर इनको भिखारियों की फौज बताकर इनके आत्म-सम्मान व स्वाभिमान को जबरदस्त ठेस पहुंचाना ठीक नहीं है। इस बात का भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने इसका संज्ञान लेना उचित नहीं समझा।