लखनऊ और नोएडा में सात ठिकानों पर सीबीआई के छापे, आरडीएसओ में रिश्वतखोरी का रैकेट पकड़ा
- सीबीआई ने लखनऊ, नोएडा में छापेमारी की। इस दौरान सीबीआई ने आरडीएसओ के सात ठिकानों ठेका लेकर काम करने वाली निजी फर्मों के बिल का भुगतान करने के लिए हो रही रिश्वतखोरी का भण्डाफोड़ किया है।
सीबीआई ने आरडीएसओ (अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन) में ठेका लेकर काम करने वाली निजी फर्मों के बिल का भुगतान करने के लिए हो रही रिश्वतखोरी का भण्डाफोड़ किया है। सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने गुपचुप तरीके से पड़ताल कर सुबूत जुटाए। फिर आरडीएसओ के लेखा विभाग के एक अफसर, दो कर्मचारियों समेत सात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इसमें तीन निजी फर्मों के निदेशक और कर्मचारी भी शामिल हैं।
एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई की चार टीमों ने बुधवार को लखनऊ के पांच और नोएडा में दो ठिकानों पर छापे मारे। इस दौरान कई दस्तावेज जब्त कर साक्ष्य भी जुटाए। देर रात तक सीबीआई के अधिकारी इस मामले में पड़ताल कर रहे थे। लखनऊ में आरडीएसओ कालोनी स्थित अब्दुल लतीफ व करीम सिद्धीकी के मकानों पर छापे मारे गए। वहीं कृष्णानगर में इंडस्ट्रियल कंप्यूटर्स वर्क्स के मालिक के ठिकाने पर छापे मारे गए। इसी तरह नोएडा में सीबीआई ने एडीजे इंजीनियरिंग के मालिक मनीष कुमार पाण्डेय के नोएडा सेक्टर-2 मकान नंबर-सी-108 में छापे मार कर तलाशी ली। साथ ही पुरी इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड के ठिकाने भी खंगाले गए।
सीबीआई को सूचना मिली थी कि आरडीएसओ में टेंडर दिलाने और फर्मों के लाखों रुपये के भुगतान के लिए रिश्वत ली जा रही है। इसके लिए लेखा विभाग के अधिकारी, कर्मचारी के साथ लखनऊ की फर्म इंडस्ट्रिएल कंप्यूटर वर्कस और नोएडा की पुरी इलेक्ट्रानिक्स कंपनी की मिलीभगत है। इस पर ही टीम ने कार्रवाई शुरू की थी। सीबीआई ने मंगलवार को तीन अलग-अलग मुकदमों में आरडीएसओ मानकर नगर के एकाउंटेंट अब्दुल लतीफ, इनके भाई अब्दुल करीम सिद्दकी, अभिनव सिन्हा, इंडस्ट्रिएल कम्प्यूटर वर्क्स के मालिक, जूनियर एकाउंटेंट नासिर हुसैन, नोएडा की पुरी इलेक्ट्रानिक्स लि. के निदेशक अशोक पुंज, एडीजे इंजीनिंयरिंग प्रा. लि. व दो अज्ञात आरडीएसओ कर्मियों व फर्म के कर्मचारी को नामजद किया है। सीबीआई के डिप्टी एसपी रानू चौधरी इस प्रकरण की जांच कर रहे हैं।
निजी खातों में जमा कराई रिश्वत की रकम
सीबीआई ने एफआईआर में लिखाया है कि इनमें से दो कर्मचारियों ने अपने निजी खातों में इन फर्मों के संचालक से रिश्वत की रकम जमा करवाई है। ये रकम कभी पांच लाख रुपये जमा की गई तो कभी 50 हजार और 25 हजार रुपये। सीबीआई ने बैंक से इसका ब्योरा भी ले लिया है। सीबीआई का दावा है कि आरडीएसओ के वित्त एवं लेखा प्रभाग के अफसरों व कर्मचारियों ने निजी फर्मों के लम्बित भुगतान के लिए रिश्वत लेने के उनके पास पूरे साक्ष्य हैं।
छापा पड़ते ही भाग निकले आरोपी
सीबीआई ने गुपचुप तरीके से आरोपितों के लखनऊ और नोएडा में ठिकानों पर छापे मारे। हालांकि सीबीआई की टीम जैसे ही आरडीएसओ के कार्यालय पहुंच कर दस्तावेज खंगालने लगी, इसकी भनक लगते ही आरोपी फरार हो गए। सीबीआई के एक अधिकारी के मुताबिक लखनऊ और नोएडा में इन टीमों ने छापे में कई दस्तावेज बरामद किए हैं।