यूपी में बिजली चोरी के मामलों ने बढ़ाई चिंता, मथुरा, आगरा और प्रयागराज टॉप पर
- उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी की घटनाओं ने चिंता बढ़ा दी है। प्रदेश के मथुरा, आगरा और प्रयागराज बीते साल 2024 में बिजली चोरी के मामलों में शीर्ष पर रहे। मथुरा में सबसे अधिक 7,560 मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी के मामलों ने चिंता बढ़ाई है। मथुरा, आगरा और प्रयागराज बीते साल 2024 में बिजली चोरी के मामलों में शीर्ष पर रहे। मथुरा में सबसे अधिक 7,560 मामले दर्ज किए गए, जिससे यह शहर बिजली चोरी के मामलों में सबसे आगे है। आगरा में 6,260 मामले सामने आए, जबकि प्रयागराज 5,707 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। नोएडा में बिजली चोरी के 4,449 और कानपुर सिटी में 3,122 मामले दर्ज हुए।
यह आंकड़े बताते हैं कि बड़े औद्योगिक और शहरी क्षेत्रों में भी बिजली चोरी गंभीर समस्या बनी हुई है। इसके विपरीत, प्रदेश के अन्य महानगरों में बिजली चोरी के मामलों की संख्या अपेक्षाकृत कम रही। वाराणसी में 1,677 और गोरखपुर में 1,227 मामले दर्ज किए गए। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि छोटे शहरों में बिजली चोरी का प्रचलन कम है।
स्मार्ट मीटर और नियमित निरीक्षण जैसे उपाय किए जा रहे
सरकार और बिजली विभाग ने इन मामलों पर लगाम कसने के लिए कड़े कदम उठाने की बात कही है। अधिकारियों का कहना है कि बिजली चोरी रोकने के लिए स्मार्ट मीटर और नियमित निरीक्षण जैसे उपाय किए जा रहे हैं। इसके अलावा आम जनता को बिजली चोरी के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है। बिजली चोरी न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि आम उपभोक्ताओं पर भी वित्तीय दबाव बढ़ा रही है।
उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी के मामलों ने चिंता बढ़ाई है। मथुरा, आगरा और प्रयागराज बीते साल 2024 में बिजली चोरी के मामलों में शीर्ष पर रहे। मथुरा में सबसे अधिक 7,560 मामले दर्ज किए गए, जिससे यह शहर बिजली चोरी के मामलों में सबसे आगे है। आगरा में 6,260 मामले सामने आए, जबकि प्रयागराज 5,707 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। नोएडा में बिजली चोरी के 4,449 और कानपुर सिटी में 3,122 मामले दर्ज हुए।
यह आंकड़े बताते हैं कि बड़े औद्योगिक और शहरी क्षेत्रों में भी बिजली चोरी गंभीर समस्या बनी हुई है। इसके विपरीत, प्रदेश के अन्य महानगरों में बिजली चोरी के मामलों की संख्या अपेक्षाकृत कम रही। वाराणसी में 1,677 और गोरखपुर में 1,227 मामले दर्ज किए गए। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि छोटे शहरों में बिजली चोरी का प्रचलन कम है।
स्मार्ट मीटर और नियमित निरीक्षण जैसे उपाय किए जा रहे
सरकार और बिजली विभाग ने इन मामलों पर लगाम कसने के लिए कड़े कदम उठाने की बात कही है। अधिकारियों का कहना है कि बिजली चोरी रोकने के लिए स्मार्ट मीटर और नियमित निरीक्षण जैसे उपाय किए जा रहे हैं। इसके अलावा आम जनता को बिजली चोरी के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है। बिजली चोरी न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि आम उपभोक्ताओं पर भी वित्तीय दबाव बढ़ा रही है।
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ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन भी पकड़े गए
प्रयागराज की बात करें तो पुराने शहर में सबसे ज्यादा बिजली चोरी के मामले पकड़े गए हैं। करेली, कसारी मसारी, कल्याणी देवी उपखंड में लगातार बिजली चोरी के मामले सामने आ रहे हैं। यहां पर ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन भी पकड़े गए हैं। शहर के कई नामी व्यापारियों के खिलाफ भी बिजली चोरी में मुकदमा दर्ज हुआ है।