प्रतिभा को साबित करने का बेहतर मंच हिन्दुस्तान ओलंपियाड
हिन्दुस्तान ओलंपियाड छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षा है, जो उनकी प्रतिभाओं को निखारने और बौद्धिक विकास में मदद करती है। विभिन्न बोर्डों के छात्र इसमें भाग ले रहे हैं। शिक्षण संस्थान इसे...
शिक्षा के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे गतिविधियां भी स्कूलों में आयोजित होती हैं। इससे छात्रों तैयारी करने का एक अच्छा प्लेटफार्म मिलता है, इसमें उनकी प्रतिभाएं निखरती हैं। ऐसी छिपी प्रतिभाओं को निखारने के लिए एक बार फिर हिन्दुस्तान ओलंपियाड आगाज हो गया है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में छात्र जुटे हुए हैं। उनकी प्रतिभाओं को निखारने के लिए आपके प्रिय समाचार पत्र हिन्दुस्तान द्वारा ओलंपियाड को शुरू किया है। इससे छात्रों को पढ़ाई के साथ तैयारी को मजबूती से करने का मौका मिलेगा। जिले के यूपी बोर्ड, सीबीएसई सहित अन्य बोर्ड के स्कूलों के छात्र इसमें बढ़ चढ़कर प्रतिभाग कर रहे हैं। सोमवार को आपके प्रिय समाचार पत्र हिन्दुस्तान ने ओलंपियाड को लेकर प्रमुख शिक्षण संस्थानों से व्हाट्सएप संवाद किया। सभी ने ओलंपियाड प्रतियोगिता को छात्रों के हित में बताया और उन्हें इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया।
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ये बोले शिक्षण संस्थानों के प्रबंधक
हिन्दुस्तान ओलंपियाड के माध्यम से छात्रों का बौद्धिक विकास होगा। इस परीक्षा में विषयवार प्रश्न सम्मिलित होते हैं। जिससे सभी विषयों का ज्ञान प्राप्त होता है। अभिभावकों को बच्चों को प्रतिभाग करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
-अभिराग शर्मा, मुख्य प्रशासक रैनेसा स्कूल
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कक्षा नौ के बाद छात्रों को विषयों पर पकड़ बनानी होती है, तो ऐसी प्रतियोगी परीक्षाएं उनके लिए बेहतर मंच साबित होंगी। ओलंपियाड प्रतिभाओं को निखारने का मंच है। इसमें सभी विषयों के सवाल पूछे जाते हैं तो छात्रों को विषयों में समझने में दिक्क्त नहीं आएगी।
-प्रशांत गर्ग, चेयरमैन संतोष इंटरनेशनल स्कूल
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ओलंपियाड परीक्षा से बच्चे अपनी प्रतिभा को निखारते हैं, अपना स्वयं मूल्यांकन कर पाते हैं और भविष्य की रूप रेखा को तैयार कर पाते हैं। छात्रों के लिए यह एक अच्छी गतिविधि है। इस परीक्षा से छात्रों का मागद र्शन होगा और उन्हें आगे चलकर सफलता मिलेगी।
-शाह फैसल, चेयरमैन सेंट मोमीना स्कूल्स
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बच्चों को प्रतियोगी बनाने के लिए हिन्दुस्तान ओलंपियाड जैसी प्रतियोगिता परीक्षाएं उनका सर्वागीण विकास करती हैं। समय समय पर प्रतियोगिता कराई जाए तो बच्चे मानसिक तौर पर मजबूत हो जाते हैं। धीरे-धीरे प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो जाते हैं। ऐसी परीक्षाओं से बच्चों के मन से परीक्षा का भय निकल जाता है।
-वासिक आजाद, चेयरमैन आजाद पब्लिक स्कूल
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शिक्षा के क्षेत्र में आज प्रतियोगी युग है। मौजूदा समय में छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभाग करना चाहिए। हिन्दुस्तान ओलंपियाड जैसी परीक्षाएं बच्चों अंदर से मजबूत करती हैं। छात्र इन परीक्षाओं में जरूर प्रतिभाग करें, जिससे वह आगे बढ़ सकें।
-वेदिका सिंह, निदेशिका, सैक्रेड हार्ट्स बालिक स्कूल
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प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभाग करने वाले छात्रों को ओलंपियाड में प्रतिभाग जरूर करना चाहिए, शिक्षा के डिजिटल युग में छात्रों के लिए ऐसी परीक्षाएं बहुत उपयोगी हैं। ओएमआर शीट पर सवाल पूछे जाते हैं तो इससे छात्रों को अनुभव काफी मिलता है।
-ललित शर्मा, चेयरमैन बीके पब्लिक स्कूल जहांगीराबाद
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हिन्दुस्तान ओलंपियाड की परीक्षा छात्रों का मार्ग दर्शन करेगी। छात्र इस परीक्षा में अवश्य प्रतिभाग करें। तैयारी को मजबूती से करने का ओलंपियाड एक मंच छात्रों को मिल रहा है। ऐसी परीक्षाएं छात्रों का मानसिका विकास करती हैं।
-डा. सारिका अग्रवाल, प्रबंधक हैप्पी ब्लू बर्ड स्कूल शिकारपुर
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हिन्दुस्तान ओलंपियाड छात्रों को सफलता की तरफ ले जाने को प्रयास है। इस परीक्षा से छात्रों को काफी नया कुछ सीखने को मिलेगा। यदि प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्रों को बेहतर मंच पाना है तो उनके लिए हिन्दुस्तान ओलंपियाड जैसी परीक्षाएं महत्वपूर्ण हैं।
-डा. सुधीर सोलंकी, प्रधानाचार्य जैन इंटर कॉलेज सिकंदराबाद
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आज का समय प्रतियोगी परीक्षाओं का है, हिन्दुस्तान ओलंपियाड बच्चों का बेहतर भविष्य सोच रहा है। सभी विषयों को लेकर इसमें सवाल पूछे जाएंगे जो पूरी तरह से प्रतियोगी परीक्षा को बढ़ावा देते हैं। छात्र ऐसी परीक्षाओं से जरूर जुड़े और अपना मार्ग दर्शन करें।
-नीलम द्विवेदी, प्रधानाचार्य वीरेंद्र स्वरूप भटनागर मार्डन एकेडमी सिकंदराबाद
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विषयवार बच्चों के माइंड को परखने के लिए हिन्दुस्तान ओलंपियाड बेहतर मंच है। अमूमन बच्चों को इससे काफी नया कुछ सीखने को मिलेगा। प्रतियोगी परीक्षा बच्चों के उनके विषयों पर पकड़ बनाती हैं, छात्रों को जनरल नॉलेज का ज्ञान भी मिलता है जो अब बेहद जरूरी है। यह एक बेहतर प्रतिभा निखारने का मौका है।
-एनके मित्तल, प्रधानचार्य महाराजा अग्रसैन पब्लिक स्कूल खुर्जा
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हिन्दुस्तान ओलंपियाड से बच्चों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इस परीक्षा से बच्चे आगे की पढ़ाई को बेहतर कर सकेंगे। खासकर विषयवार वह सब्जेक्ट पर पकड़ बना सकेंगे। प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे सवाल बच्चों से पूछे जाएंगे तो वह आगे चलकर ऐसी परीक्षाओं में खुद को साबित कर सकेंगे।
-रवि तोमर, डायरेक्टर, एसटीसी खुर्जा
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