कलंक के खिलाफ: कम भूमि पर बांटा 40 लाख का ऋण, मैनेजर दोषी, सचिवों पर चार्जशीट
Bulandsehar News - जिला सहकारी बैंक की चौढ़ेरा शाखा में किसानों को ऋण वितरण में अनियमितताओं का मामला सामने आया है। जांच में बैंक मैनेजर, दो सचिव और बी-पैक्स सोसायटी के सभापति दोषी पाए गए हैं। कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू...
जिला सहकारी बैंक की छतारी स्थित चौढ़ेरा शाखा में विगत दिनों किसानों को ऋण वितरण के मामले में पाई गई अनियमितताओं में कर्मचारियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। जांच समिति ने एआर कोऑपरेटिव को पूरे प्रकरण की जांच सौंप दी है, इसमें बैंक मैनेजर, दो तत्कालीन सचिव व बी-पैक्स सोसायटी के सभापति दोषी पाए गए हैं। बैंक मैनेजर प्रीत पाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए जिला सहकारी बैंक के जीएम को लिखा गया है। बी-पैक्स सोसायटी के सभापित को धारा-38 का नोटिस जारी किया गया है। कार्रवाई शुरू होने से बैंक में हड़कंप मचा हुआ है। समिति के अकाउंटेंट को पूर्व में निलंबित किया जा चुका है। सहकारी बैंक चौढ़ेरा की शाखा में विगत दिनों एक ऐसा मामले सामने आया जिसमें क्षेत्र के करीब 100 ऐसे किसानों को ऋण वितरण किया गया था जिनके पास भूमि कम थी और उन्हें पैसा ज्यादा दिया, इसके अलावा कुछ भी ऐसे किसान बताए जा रहे हैं। इनके पास खेती की जमीन नहीं और उन्हें फर्जी खसरा-खतौनी पर ऋण दिया गया। अफसरों की मानें तो 40 लाख से अधिक का यह ऋण वितरण किया गया।
शिकायत होने के बाद मामले में सहकारिता विभाग ने जांच शुरू करा दी तो पाया गया कि ऋण वितरण में बड़े स्तर पर अनियमितताएं बरती गई हैं। एआर कोऑपरेटिव अमित कुमार त्यागी ने बताया कि जांच रिपोर्ट आ गई है दो तत्कालीन सचिव अरविंद कुमार व बनवारी लाल शर्मा दोषी पाए गए हैं, इनके खिलाफ चार्जशीट जारी हुई है। आरोपियों के खिलाफ विभाग जल्द कार्रवाई देगा।
बी-पैक्स सोसायटी के सभापति को नोटिस
ऋण वितरण के मामले में चौढ़ेरा की बी-पैक्स सोसायटी द्वारा लापरवाही बरती गई हैं। जांच टीम के अनुसार सोसायटी के अकाउंटेंट श्याम सुंदर उर्फ प्रवीण कुमार द्वारा अपने दायित्वों का निर्वाहन ठीक प्रकार से नहीं किया जिस दौरान ऋण वितरण किया गया तो उनके स्तर से बड़ी लापरवाही बरती गई थी, उसी दौरान उसे तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा पी-पैक्स सोसायटी के सभापित बिजेंद्र सिंह को विभाग की धारा-38 के अंतर्गत नोटिस जारी किया गया है जो पद से हटाने की कार्रवाई में आता है। सोसायटी के सभापित व अन्य कर्मचारियों की भूमिका इस मामले में संदिग्ध पाई गई है।
फर्जी खतौनी से लिया ऋण
ऋण वितरण में एक और नया मामले जांच टीम के सामने आया है इसमें कुछ किसान ऐसे भी हैं जिनके पास जमीन नहीं हैं और इन्हें भी बैंक से ऋण दिया गया है, इसमें सोसायटी की भूमिका शामिल है और कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। एक लाख से अधिक का ऋण किसानों को दिया गया है। जिसके चलते समिति के सभापित अनियमितताओं के लपेटे में हैं। हालांकि काफी किसानों द्वारा ऋण जमा भी कर दिया गया है और अभी उनसे वसूली जारी है। जांच टीम के अनुसार पूरे मामले में जल्द ही कार्रवाई हो जाएगी। कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई भी हो सकती है।
कोट---
जांच पूरी हो चुकी है। बैंक मैनेजर के खिलाफ जीएम को लिखा गया है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। दो सचिवों को चार्ज शीट दी गई है। ऋण वितरण में अनियितताएं मिली हैं। पूरी रिपोर्ट आ गई है। किसानों से ऋण की वसूली हो रही है।
-अमित कुमार त्यागी, एआर कोऑपरेटिव
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