Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Buddha's Tapasthli Shravasti will be developed as an international tourist destination, facilities will be improved

अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगी बुद्ध की तपोस्थली श्रावस्ती, बेहतर होंगी सुविधाएं

  • बुद्ध की तपोस्थली श्रावस्ती अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगी। यहां पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यटकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की पहल शुरू हो गई है।

Deep Pandey लाइव हिन्दुस्तान, श्रावस्ती, दिलीप पाठकMon, 20 Jan 2025 08:58 AM
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अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगी बुद्ध की तपोस्थली श्रावस्ती, बेहतर होंगी सुविधाएं

श्रावस्ती की भौगोलिक स्थिति ईको टूरिज्म के लिए बेहतर है। एक तरफ जहां हिमालय की पहाड़ियां हैं तो दूसरी ओर राप्ती नदी का तट है। वहीं भगवान बुद्ध की तपोस्थली होने से भी श्रावस्ती की पहचान विश्वपटल पर है। प्रतिवर्ष देश विदेश के हजारों पर्यटक व अनुयाई श्रावस्ती आते हैं। अब यहां पर्यटन को बढ़ावा देने व पर्यटकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की पहल शुरू हो गई है।

पर्यटकों को ठहरने के लिए बौद्धस्थली के जेतवन विहार के पास 2.289 हेक्टेयर भूमि में अतिथि गृह का निर्माण कराया जाएगा। इसकी प्रक्रिया तेज कर दी गई है। 2.289 हेक्टेयर भूमि में से 1.274 हेक्टेयर भूमि किसानों से ली जाएगी। भूमि अधिग्रहण को लेकर इकौना एसडीएम ओमप्रकाश ने चयनित भूमि से प्रभावित होने वाले किसानों के साथ बैठक की है। वहीं कुल 2.289 हेक्टेयर में 1.015 हेक्टेयर सार्वजनिक भूमि पहले से उपलब्ध है। जैसे ही किसान भूमि देने को तैयार हो जाएंगे वैसे ही निर्माण भी शुरू हो जाएगा।

80.24 करोड़ से बनेगा आइकॉनिक टूरिस्ट सेंटर

बौद्ध तपोस्थली को आइकॉनिक टूरिस्ट सेंटर बनाया जाएगा। 80.24 करोड़ की लागत से इंटरप्रिटेशन सेंटर सहित अन्य निर्माण कराए जाएंगे। स्कीम फार स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट फार कैपिटल इन्वेस्टमेंट के तहत पर्यटन विभाग की ओर से बौद्ध तपोस्थली को आइकॉनिक टूरिस्ट सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। केंद्र सरकार की ओर से प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए देश के 101 मंदिरों में बौद्ध तपोस्थली को भी शामिल किया गया है। आइकॉनिक टूरिस्ट सेंटर के लिए प्रदेश सरकार को 80.24 लाख रुपये केंद्र सरकार ब्याज मुक्त कर के रूप में देगी। आइकॉनिक टूरिस्ट सेंटर के तहत यहां इंटरप्रिटेशन सेंटर, प्रवेश द्वार, डोरमेट्री, सोलर पावर सिस्टम, बेंच, पार्किंग, बुद्ध वनम, लैंड स्केपिंग का निर्माण होगा। साथ ही जेतवन से अंगुलिमाल चौराहे तक मार्गों का सुंदरीकरण भी कराया जाएगा।

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श्रावस्ती की भौगोलिक स्थिति ईको टूरिज्म के लिए बेहतर है। एक तरफ जहां हिमालय की पहाड़ियां हैं तो दूसरी ओर राप्ती नदी का तट है। वहीं भगवान बुद्ध की तपोस्थली होने से भी श्रावस्ती की पहचान विश्वपटल पर है। प्रतिवर्ष देश विदेश के हजारों पर्यटक व अनुयाई श्रावस्ती आते हैं। अब यहां पर्यटन को बढ़ावा देने व पर्यटकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की पहल शुरू हो गई है।

पर्यटकों को ठहरने के लिए बौद्धस्थली के जेतवन विहार के पास 2.289 हेक्टेयर भूमि में अतिथि गृह का निर्माण कराया जाएगा। इसकी प्रक्रिया तेज कर दी गई है। 2.289 हेक्टेयर भूमि में से 1.274 हेक्टेयर भूमि किसानों से ली जाएगी। भूमि अधिग्रहण को लेकर इकौना एसडीएम ओमप्रकाश ने चयनित भूमि से प्रभावित होने वाले किसानों के साथ बैठक की है। वहीं कुल 2.289 हेक्टेयर में 1.015 हेक्टेयर सार्वजनिक भूमि पहले से उपलब्ध है। जैसे ही किसान भूमि देने को तैयार हो जाएंगे वैसे ही निर्माण भी शुरू हो जाएगा।

80.24 करोड़ से बनेगा आइकॉनिक टूरिस्ट सेंटर

बौद्ध तपोस्थली को आइकॉनिक टूरिस्ट सेंटर बनाया जाएगा। 80.24 करोड़ की लागत से इंटरप्रिटेशन सेंटर सहित अन्य निर्माण कराए जाएंगे। स्कीम फार स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट फार कैपिटल इन्वेस्टमेंट के तहत पर्यटन विभाग की ओर से बौद्ध तपोस्थली को आइकॉनिक टूरिस्ट सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। केंद्र सरकार की ओर से प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए देश के 101 मंदिरों में बौद्ध तपोस्थली को भी शामिल किया गया है। आइकॉनिक टूरिस्ट सेंटर के लिए प्रदेश सरकार को 80.24 लाख रुपये केंद्र सरकार ब्याज मुक्त कर के रूप में देगी। आइकॉनिक टूरिस्ट सेंटर के तहत यहां इंटरप्रिटेशन सेंटर, प्रवेश द्वार, डोरमेट्री, सोलर पावर सिस्टम, बेंच, पार्किंग, बुद्ध वनम, लैंड स्केपिंग का निर्माण होगा। साथ ही जेतवन से अंगुलिमाल चौराहे तक मार्गों का सुंदरीकरण भी कराया जाएगा।

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24 देशों के अनुयाई व पर्यटक आते हैं श्रावस्ती

ऐतिहासिक धरोहर को समेटे व विभिन्न मंदिरों की श्रृंखला से सुसज्जित बुद्ध तपोस्थली श्रावस्ती में भारत के साथ ही 24 देशों के पर्यटक व अनुयाई भ्रमण करने आते हैं। यहां अंगुलिमाल गुफा, लंका मंदिर, बौद्ध वृक्ष, जेतवन, सूर्य कुंड, डैन महामंकोल, विश्वशांति घंटाघर पार्क, स्वेताम्बर जैन मंदिर, दिगम्बर जैन मंदिर, बनीनाथ शिव मंदिर, महावीर जन्मस्थली धार्मिक स्थल आकर्षण का केन्द्र है। यहां हर साल भारत के साथ ही श्रीलंका, कम्बोडिया, चीन, म्यांमार, प्यूठान, विशाखा पट्टनम, थाईलैण्ड, कोरिया, जापान समेत करीब 24 देशों के अनुयाई व पर्यटक आते हैं।

-पर्यटन सूचना अधिकारी मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि श्रावस्ती बौद्धस्थली को पर्यटन के रूप में विकसित करने की पहल की गई है। आइकॉनिक टूरिस्ट सेंटर का निर्माण कराया जाएगा। इससे आने वाले पर्यटकों की संख्या और बढ़गी। अधिक पर्यटक आएंगे तो स्थानीय स्तर पर रोजगार भी बढ़ेगा।

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