बीटेक-बीबीए युवकों ने डॉक्टर को किया डिजिटल अरेस्ट, 48 लाख वसूले; सरगना समेत 5 गिरफ्तार
- लखनऊ के अलीगंज में डॉ. अशोक सोलंकी को डिजिटल अरेस्ट कर 48 लाख रुपये हड़पने वाले गिरोह के सरगना समेत 5 आरोपितों को हरियाणा में गिरफ्तार कर लिया। इन युवकों ने Btech, BBA कर रखा है। इनमें 2 आरोपितों को बाकायदा कम्बोडिया में ट्रेनिंग दी गई थी।
Digital Arrest: यूपी एसटीएफ ने लखनऊ के अलीगंज में डॉ. अशोक सोलंकी को डिजिटल अरेस्ट कर 48 लाख रुपये हड़पने वाले गिरोह के सरगना समेत पांच आरोपितों को हरियाणा में गिरफ्तार कर लिया। इन युवकों ने बीटेक, बीबीए कर रखा है। इनमें दो आरोपितों को बाकायदा कम्बोडिया में ट्रेनिंग दी गई थी, कैसे भारत के लोगों को डिजीटल अरेस्ट कर रुपये वसूलने हैं। इनके पूरे देश में एजेन्ट फैले हुए हैं। एसटीएफ पहली बार ऐसे गिरोह के मूल स्थान तक पहुंची है। हालांकि बरामदगी एकदम न के बराबर सिर्फ 620 रुपये ही हुई है।
एसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक पकड़े गए लोगों में सरगना अलवर, बानसूर निवासी पंकज सुरेला (बीएससी), जालौन ऐट निवासी सागर सिंह (बीटेक), झांसी के सीपरी बाजार निवासी सनी वर्मा (बीबीए), झांसी के प्रेमनगर निवासी अंशुल माहौर (बीकॉम) और झांसी के ही रानी लक्ष्मी नगर निवासी अभय सिंह (बीबीए) हैं। इन सभी की उम्र 21 से 27 वर्ष के बीच है। इनके पास छह मोबाइल, दो एटीएम कार्ड, रेलवे व मेडिकल कार्ड, 133 पेज जिन पर व्हाटसएप के स्क्रीन शॉट व बैंक ब्योरे मिले हैं। इन सभी को हरियाणा के गुरुग्राम स्थित होटल द शान से पकड़ा गया है।
इस तरह वसूले थे 48 लाख
एएसपी ने बताया कि डॉ. अशोक सोलंकी के पास 20 अगस्त को फोन आया कि उन्होंने ईरान के लिए अरमान अली को कोरियर भेजा है, उसमें चार रद्द पासपोर्ट और 420 ग्राम नशीला पदार्थ एमडीएम है। इसके बाद उन्हें सीबीआई और नारकोटिक्स अधिकारी बनकर जालसाजों ने फोन किया। उन्हें एफआईआर और जांच के अन्य फर्जी कागजात भेजे। स्काइप के जरिए धमकाया गया। जालसाजों ने फिर कहा कि अपना बैंक खाता चेक करिए। उसमें गलत पैसा तो नहीं आया है। जो पैसा आपके खाते में है, वह इन एकाउन्ट में तुरन्त ट्रान्सफर करने को कहा। इस तरह से उनकी 48 लाख रुपये रकम हड़प लिए गए।
कम्बोडिया में देश के 100 लोगों को दी गई ट्रेनिंग
सरगना पंकज ने बताया कि उसे मार्च, 2024 में कम्बोडिया बुलाया गया था। वहां सुरेश सेन ने तीन लाख रुपये लेकर भेजा था। राजस्थान के अलवर निवासी बस्तीराम यादव और पाकिस्तान का एक नागरिक उसे एयरपोर्ट से करीब 500 किमी. दूर कम्पनी के आफिस लेकर गया। वहां पर चीन के पास छह लोग थे। यहां पर पहले से भारत, पाकिस्तान व नेपाल के लोग करते मिले। इन लोगों ने ही ट्रेनिंग दी कि किस तरह से कस्टम, सीबीआई और नारकोटिक्स अधिकारी बनकर लोगों को कॉल करना है। फिर भिन्न खातों में रकम डलवानी है। उसने यह भी खुलासा किया कि भारत में इन खातों के संचालन के लिए कंपनी के लोग रहते हैं। इनका एक आदमी कम्बोडिया में सिक्योरिटी के रूप में रहता है। बैंक खातों में आई रकम का 30 प्रतिशत इन लोगों को कमीशन के तौर पर दिया जाता है।
178 बैंक खातों में भेजी गई रकम
जालसाज पकड़े न जा सके, इसलिए ये लोग रकम कई खातों में डलवाते हैं। डॉ. अशोक के मामले में 48 लाख रुपये पहले दो बैंक खातों में जमा कराये गये। फिर उनको अलग-अलग 178 बैंक खातों में भेजा गया। इसके बाद इन्हें निकाला गया। इसमें राज कुमार सिंह, सागर सिंह,संदीप,सनी वर्मा सबकी मदद ली गई।
दीपावली से तीसरे दिन ढाई करोड़ की ठगी करी
आरोपी सनी वर्मा ने एसटीएफ को बताया कि दीपावली के तीसरे दिन जिस केनरा बैंक खाते में लगभग ढाई करोड रुपये की साइबर ठगी की गई थी, वह खाता उसने ही सागर को उपलब्ध कराया था। यहां पर लोगों को डिजिटली अरेस्ट कराकर बैंक खातों में ठगी कराने के लिए पहुंचे थे। उसके साथ अंशुल महौर व अभय सिंह भी आये थे। इस दौरान ही वह सब पकड़ लिए गए। इस संबंध में लखनऊ के साइबर थाने में मुकदमा दर्ज था।