हरियाणा चुनाव के नतीजों से उत्साह में BJP, यूपी उपचुनाव और मिशन-27 के लिए मिली ऊर्जा
- हरियाणा की जीत का कई मायने में UP पर असर पड़ना तय है। अव्वल तो लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के PDA समीकरण के आगे मात खाए BJP संगठन में यह जीत नए सिरे से जूझने का जज्बा भरेगी। वहीं कुछ हद तक मायूस हो रहे कार्यकर्ताओं को भी एक उम्मीद जगेगी।
BJP in Uttar-Pradesh: हरियाणा चुनावों में तमाम सियासी झंझावात के बावजूद भारतीय जनता पार्टी की विजय यूपी में आसन्न विधानसभा उपचुनावों के लिए पार्टी संगठन को नई ऊर्जा और जोश से भर गई हैं। यही नहीं हरियाणा में लगातार तीसरी बार डबल इंजन की जीत ने यूपी में मिशन:2027 के लिए भी सुखद संदेश दिया है। पार्टी का अब इस ऊर्जा से लबरेज हो उपचुनाव में जी-जान झोंकने के साथ ही मिशन-2027 के लिए जुटना तय माना जा रहा है।
लोकसभा चुनाव की हार के बोझ को किया कम
हरियाणा की जीत का कई मायने में यूपी पर असर पड़ना तय है। अव्वल तो लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के पीडीए समीकरण के आगे मात खाए संगठन में यह जीत नए सिरे से जूझने का जज्बा भरेगी। वहीं कुछ हद तक मायूस हो रहे कार्यकर्ताओं को भी एक उम्मीद जगेगी कि चुनौतियों के बीच परिश्रम कर मनचाहे परिणाम हासिल किए जा सकते है। साथ ही मिशन:2027 के लिए लगाई जा रही अटकलों पर भी विराम लगना तय माना जा रहा है। ऐसा नहीं है कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी संगठन ने हाथ-पैर डाल दिए हों। जहां खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे बढ़ कर उपचुनाव की 10 सीटों पर मोर्चा संभाल रखा है। मुख्यमंत्री न केवल लगातार सीटों पर जाकर संपर्क कर रहे हैं बल्कि समीक्षा और सरकार की योजनाओं के जरिये समाजवादी पार्टी की सरकारों के कारनामों से भी मतदाताओं को सतर्क कर रहे हैं।
संगठन भी जी-जान से जुटा
भाजपा संगठन ने भी हर सीट पर दो या एक-एक मंत्री को प्रभारी बनाया है। कुल 30 मंत्रियों को प्रभारियों के रूप में तैनात किया गया है। मु्ख्यमंत्री, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद व ब्रजेश पाठक, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने दो-दो सीटों का जिम्मा संभाल रखा है। पार्टी इन दौरों के जरिये कांग्रेस व सपा द्वारा लोकसभा चुनाव में संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने जैसे मुद्दों पर तस्वीर साफ करने में जुटी है। सभाओं में इसे लेकर बड़े नेता हकीकत बयां करने में लगे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार सपा सरकार की कानून-व्यवस्था की कमियों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। ऐसे में यह जीत उपचुनाव के लिए संजीवनी साबित हो तो हैरत नहीं।
डबल इंजन की जीत भी यूपी में देगी संदेश
चाहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हों या फिर पार्टी के प्रदेश मुखिया भूपेंद्र चौधरी उपचुनाव के लिए हो रही सभाओं में डबल इंजन सरकार के फायदे गिनाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री केंद्र व राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में लोगों को बताना नहीं भूलते। कौन सी योजना केंद्र ने शुरू की और कैसे यूपी ने उस पर संजीदगी से अमल कर हर वर्ग को लाभ पहुंचाया। कमोबेश मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के हर भाषण के केंद्र में यही विषय रहता है। ऐसे में कहना गलत न होगा कि हरियाणा में डबल इंजन की जीत यूपी में मिशन-2027 के लिए भी राह प्रशस्त करे।