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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Big relief policemen posted nine districts including Basti Meerut Varanasi High Court put stay on departmental action

यूपी के नौ जिलों में तैनात इंस्पेक्टर और इन पुलिसकर्मियों को बड़ी राहत, हाई कोर्ट ने कार्रवाई पर लगाई रोक

यूपी के अलग-अलग जिलों में तैनात पुलिसकर्मियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने इन सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ चल रही विभागीय कार्रवाई पर रोक लगा दी है।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, प्रयागराज, विधि संवाददाताSat, 7 Sep 2024 03:48 PM
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजियाबाद, मेरठ, वाराणसी, मैनपुरी, सिद्धार्थनगर, बस्ती, आगरा, गोरखपुर एवं प्रयागराज में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर, दरोगा, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबलों के विरुद्ध जारी विभागीय कार्यवाही पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है।

यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने सुधीर कुमार सिंह, गौरव सिंह, यशवीर सिंह, हरीश कुमार, योगेश कुमार, राजीव चौधरी, दीपक कुमार सिंह, इमरान खान व अन्य पुलिसकर्मियों के विरुद्ध की याचिकाओं पर वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम एवं अधिवक्ता अतिप्रिया गौतम को सुनकर दिया है। साथ ही पुलिस विभाग के आला अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए उनसे जवाब मांगा है। कोर्ट ने इस तरह की अन्य याचिकाओं को कनेक्ट करते हुए सभी पर एकसाथ सुनवाई करने का निर्देश दिया है।

वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम एवं अधिवक्ता अतिप्रिया गौतम का कहना था कि जिन आरोपों में याचियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है, उन्हीं आरोपों के संबंध में विभागीय कार्यवाही की जा रही है। क्रिमिनल केस एवं विभागीय कार्यवाही के आरोप व साक्ष्य एक समान हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना था कि पुलिस रेग्यूलेशन के पैरा 483, 486, 489, 492 एवं 493 में यह व्यवस्था है कि पुलिसकर्मियों के विरुद्ध क्रिमिनल केस होने पर उन्हीं आरोपों में विभागीय कार्यवाही तब तक नहीं की जा सकती, जब तक क्रिमिनल केस में ट्रायल पूर्ण न हो जाए या फाइनल रिपोर्ट में आरोपी बरी न हो जाए। पुलिस रेग्यूलेशन के इस प्रावधान को सर्वोच्च न्यायालय ने जसवीर सिंह के केस में अनिवार्य माना है और यह कहा है कि पुलिस रेग्यूलेशन का पालन किए बगैर की गई कार्यवाही विधि सम्मत नहीं है एवं नियम और कानून के विरुद्ध है।

मामले के अनुसार याचियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार व अन्य मामलों में एफआईआर दर्ज है। इन्हीं क्रिमिनल केस के आरोपों के संबंध में उप्र पुलिस अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दंड एवं अपील) नियमावली 1991 के नियम 14(1) के तहत विभागीय कार्यवाही करते हुए आरोप पत्र भी निर्गत किए गए हैं। इन पुलिसकर्मियों द्वारा धारा 14(1) की विभागीय कार्यवाही के विरुद्ध याचिकाएं दाखिल कर चुनौती दी है।

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