महाकुंभ में बसंत पंचमी स्नान से पहले और चार SP, 3 ASP प्रयागराज भेजे गए, कमर कस रही सरकार
- महाकुंभ में बसंत पंचमी स्नान से पहले सरकार ने कमर कस ली है। भगदड़ के बाद अब शासन और प्रशासन पूरी तरह से सर्तक है। सरकार ने अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की है। सरकार ने और चार SP, तीन ASP को प्रयागराज भेज दिया है। इससे पहले 5 बड़े अफसर भेजे जा चुके हैं।
मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद बसंत पंचमी को होने वाले स्नान को लेकर शासन ने कमर कस ली है। शासन-प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। शुक्रवार को प्रयागराज के लिए अतिरिक्त तैनाती की गई है। चार एसपी और तीन एएसपी को महाकुंभ के लिए प्रयागराज भेज दिया गया। इसमें दीपेंद्र नाथ चौधरी, लक्ष्मीनिवास मिश्र, राज धारी चौरसिया और श्रवण कुमार सिंह शामिल हैं। इसके साथ ही एएसपी विकास चंद्र त्रिपाठी, ओम प्रकाश सिंह और प्रवीण कुमार यादव को भी महाकुंभ भेजा गया है।
आपको बता दें कि इससे पहले भगदड़ बाद के शासन ने पांच बड़े अफसरों को भेजा गया था। इसमें कुंभ 2019 की सफलता में योगदान देने वालों आशीष गोयल और भानु चंद्र गोस्वामी को महाकुंभ के अगले दो स्नान पर्व की कमान सौंपी। दोनों ही 2019 के कुम्भ के दौरान सेवाएं दे चुके हैं। आशीष गोयल 2019 के कुंभ में मंडलायुक्त थे जबकि भानु चंद्र गोस्वामी ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण, पीडीए के उपाध्यक्ष रहते हुए कुंभ 2019 के सफलता से कराने में उल्लेखनीय योगदान दिया था। बाद में वह प्रयागराज के डीएम भी बनाए गए थे। यह दोनों अफसर 12 फरवरी तक प्रयागराज में रह कर महाकुम्भ की व्यवस्था को देखेंगे।
अब प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती तीसरे और आखिरी अमृत स्नान पर्व यानि बसंत पंचमी की है। इस परीक्षा को पूरा करने के लिए जिला और मेला प्रशासन के अफसरों ने अपने स्तर पर तैयारी की है। प्रशासन ने कमर कस ली। भीड़ नियंत्रण के लिए जबरदस्त प्लानिंग की गई। शासन से भेजे गए पांच विशेष अधिकारी आईट्रिपलसी में बनाए गए कंट्रोल रूम और प्रयागराज जंक्शन पर बनाए गए कंट्रोल रूम में रहेंगे। इनका काम होगा कि आसपास के जिलों के अफसरों से समन्वय बनाए रखे। इसके साथ ही करीब के जिले के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वो पूरा सहयोग करें। साथ ही दूसरे जिलों से समन्वय स्थापित किया जाएगा। जैसे ही मेला क्षेत्र में भीड़ बढ़ेगी शहर और आसपास के जिलों में श्रद्धालुओं को रोका जाएगा। जब मेला क्षेत्र खाली हो जाएगा तभी दूसरे जिलों से धीरे-धीरे लोगों को छोड़ा जाएगा।