Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Battle Karhal between Lalu and Mulayam sons in law around whose neck will people place garland victory

लालू और मुलायम के दामादों के बीच करहल की जंग, किसके गले में जीत का हार डालेगी जनता?

  • यूपी की नौ सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। सपा ने सभी नौ सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है तो वहीं बसपा और भाजपा ने आठ सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है।

Dinesh Rathour इटावा/मैनपुरी, वार्ता।Thu, 24 Oct 2024 06:19 PM
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यूपी की नौ सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। सपा ने सभी नौ सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है तो वहीं बसपा और भाजपा ने आठ सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है। लेकिन नौ सीटों में से एक करहल सीट इन दिनों काफी चर्चा में है। करहल सीट पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा ने मुलायम सिंह यादव के दामाद और सपा प्रत्याशी तेज प्रताप यादव के फूफा अनुजेश यादव को मैदान पर उतार कर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। तेज प्रताप बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद है, इस तरह करहल का मुकाबला यादव परिवार के दो दामादों के बीच होना तय हो गया है। अब करहल की जनता पर निर्भर करता है कि वह मुलायम और लालू के दामाद में से किसके गले में जीत का हार पहनाती है। ये तो चुनाव परिणामों के नतीजों के बाद ही पता चलेगा।

अनुजेश प्रताप यादव भाजपा से राजनीति करते हो लेकिन उनकी असल पहचान आजमगढ़ से सपा सांसद धर्मेंद्र यादव के बहनोई के रूप में है। अनुजेश सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के भाई अभयराम यादव के दामाद है, इस लिहाज से अनुजेश यादव मुलायम के रिश्ते के दामाद हुए।सपा समर्थकों का मानना है कि करहल विधानसभा के उपचुनाव के लिए भाजपा को जब कोई जिताऊ उम्मीदवार नहीं मिला तो अनुजेश यादव पर ही दांव लगा डाला मगर यह भी सच है कि भाजपा के इस तीर से सपा के गढ़ में सेंध लगने के आसार बढ़ गये हैं।

2015 में मैनुपरी जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं थीं अनुजेश की पत्नी

अनुजेश यादव की पत्नी संध्या यादव साल 2015 में मैनपुरी में जिला पंचायत अध्यक्ष बनी लेकिन जुलाई 2017 में सपा संध्या यादव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई जिसमें 32 के मुकाबले 23 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए लेकिन भाजपा की मदद से सपा का अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया और इसके साथ ही पहले संध्या ने और बाद में अनुजेश ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। अनुजेश के भाजपा में शामिल होने से खफा धमेन्द्र ने 23 मार्च 2019 को सार्वजनिक तौर पर एक पत्र जारी कर उनसे संबंध विच्छेद करने की घोषणा कर दी थी। संध्या यादव के पति अनुजेश प्रताप यादव ने कहा था कि शीर्ष नेतृत्व का रिश्तेदार होने के बावजूद उन्हें पार्टी ने सम्मान नहीं दिया, इसलिए उन्होने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। अनुजेश का परिवार भी राजनीतिक रूप से काफ़ी सक्रिय और प्रभावी रहा है। अनुजेश यादव की माँ उर्मिला यादव और उनके चाचा जगमोहन यादव भी तत्कालीन घिरोर विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं।

करहल विधानसभा सीट पर साढ़े तीन लाख से ज्यादा हैं वोटर

अनुजेश यादव का दावा है कि वो भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में मजबूती से चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं । राष्ट्र प्रेम की राजनीति करने वाली भाजपा के उम्मीदवार के रूप में उनकी जीत हर हाल में सुनिश्चित इसलिए है क्योंकि उनका मुकाबला परिवारवाद की राजनीति करने वालो से है और परिवारवाद की राजनीति अब देश से पूरी तरह से मुक्त होने जा रही है। दूसरी ओर सपा उम्मीदवार तेज प्रताप यादव का दावा है कि करहल विधानसभा एक लंबे अरसे से समाजवादियों का गढ़ रही है इसलिए इस सीट पर भगवा फहरने करने की कतई कोई संभावनाएं नहीं है। करहल विधानसभा सीट पर मतदाताओं की संख्या तीन लाख 75 हजार है। जातीय समीकरण की बात करें तो करहल में एक लाख 30 हजार यादव और 60 हजार अनुसूचित जाति के मतदाता हैं। इसके साथ ही 50 हजार शाक्य, 30 हजार ठाकुर, 30 हजार पाल/ बघेल, 25 हजार मुस्लिम, 20 हजार लोधी, 20 हजार ब्राह्मण और 15 हजार के करीब बनिया समाज के मतदाता भी दोनो उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।

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