खाली पड़े भवन पर कब्जे को लेकर उलझे दो विभाग
राजकीय आईटीआई बस्ती के परिसर में खाली पड़े भवन पर कब्जे को लेकर आईटीआई प्रबंधन और परिवहन विभाग के बीच विवाद चल रहा है। आईटीआई ने भवन को खाली कराने का दबाव बनाया है, जबकि परिवहन विभाग का कहना है कि यह...
बस्ती, निज संवाददाता। राजकीय आईटीआई बस्ती के परिसर में मौजूद खाली पड़े एक भवन पर कब्जे को लेकर आईटीआई व परिवहन विभाग आपस में उलझ गए हैं। आईटीआई प्रबंधन जहां इसे खाली करने के लिए परिवहन विभाग पर लगातार दबाव बना रहा है, वहीं परिवहन विभाग का कहना है कि जिला प्रशासन की ओर से एक प्रक्रिया के तहत यह भवन उन्हें सौंपा गया है। प्रशासनिक स्तर से ही इसे खाली कराया जा सकता है। कैली के पास बने परिवहन विभाग के कार्यालय में आए दिन हो रहे विवाद को देखते हुए राजकीय आईटीआई बस्ती के परिसर में मौजूद एक पुराने भवन में कुछ वर्ष पूर्व परिवहन विभाग का विस्तार पटल खोला गया। यहां पर डीएल व फिटनेस आदि का कार्य किया जा रहा है। इसी परिसर में राजकीय मोटर ड्राइविंग इंस्टीटयूट का भवन बनने के बाद विस्तार पटल का कार्यालय उसमें स्थानांतरित कर दिया गया, उसके बाद से आईटीआई का पुराना भवन खाली हो गया। आईटीआई प्रबंधन अब इस पर अपना कब्जा चाहता है। इसे लेकर आईटीआई के प्रधानाचार्य की ओर से काफी लिखा-पढ़ी की जा चुकी है।
इंस्टीट्यूट भवन के गेट पर लगाया ताला
राजकीय आईटीआई में दो गेट है। एक मुख्य गेट तथा दूसरा मोटर ड्राइविंग इंस्टीट्यूट की ओर छोटा गेट है। भवन को लेकर छिड़े विवाद के बाद आईटीआई प्रबंधन ने छोटे गेट पर ताला जड़ दिया है। इसे लेकर तल्खी और बढ़ गई है। विस्तार पटल पर डीएल व फिटनेस आदि का कार्य लेकर आने वालों को अब मुख्य गेट से लंबी दूरी तय कर कार्यालय तक आना पड़ता है।
परिवहन विभाग को अस्थायी तौर पर आईटीआई परिसर में भवन आवंटित किया गया था। विस्तार पटल उनके भवन में स्थानांतरित हो गया है। आईटीआई में प्रशिक्षण के लिए जगह कम पड़ रही है। इसीलिए अब भवन को वापस मांगा जा रहा है।
-गोविंद कुमार, प्रधानाचार्य, राजकीय आईटीआई बस्ती
विस्तार पटल के लिए भवन प्रशासन की ओर से आवंटित किया गया है। ट्रेनिंग इंस्टीटयूट में अस्थायी रूप से कार्यालय चलाया जा रहा है। इंस्टीटयूट चालू होने पर इसे वापस पुराने भवन में लाया जाना है। इसीलिए भवन को खाली नहीं किया जा सका है।
- पंकज कुमार सिंह, एआरटीओ, प्रशासन बस्ती
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