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श्यामगंज बाजार: पीढ़ियों से कर रहे किराना कारोबार, अब भी सुविधाओं का इंतजार

Bareily News - श्यामगंज बाजार, जो 110 साल पुराना है, अव्यवस्थाओं के कारण परेशान है। यहां 1000 से अधिक दुकानें हैं, लेकिन एक भी शौचालय नहीं है। व्यापारी जाम, पार्किंग की कमी, और अतिक्रमण से तंग हैं। व्यापारियों ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, बरेलीThu, 13 Feb 2025 02:13 AM
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श्यामगंज बाजार: पीढ़ियों से कर रहे किराना कारोबार, अब भी सुविधाओं का इंतजार

श्यामगंज बाजार: पीढ़ियों से कर रहे किराना कारोबार अब भी सुविधाओं का इंतजार श्यामगंज बाजार 110 साल से अधिक पुराना है। अंग्रेजों के जमाने का श्यामगंज बाजार अव्यवस्थाओं के जंजाल में फंस गया है। बाजार में कारोबार करने वाले व्यापारी-कारोबारी बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे हैं। 1000 से अधिक दुकानों वाले इस बाजार में शौचालय तक नहीं है। यहां किराना, जनरल मर्चेंट से लेकर दवा तक की बड़ी दुकाने हैं। दूसरे प्रदेश व जिलों के छोटे कारोबारी यहां सामान खरीदने आते हैं। बाजार में हर वक्त जाम के हालात रहते हैं। वाहनों की पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। जाम और अतिक्रमण से कारोबारी कराह रहे हैं। हिन्दुस्तान के बोले बरेली अभियान की टीम से कारोबारियों ने अपनी समस्याएं साझा कीं।

शहर के बीचोबीच स्थित श्यामगंज बाजार में रोजाना कई करोड़ का व्यापार होता है। समय के साथ बाजार का विस्तार हुआ। कारोबार भी बढ़ता गया। पश्चिम यूपी के साथ नेपाल, उत्तराखंड के व्यापारी यहां खरीदारी करने आते हैं। यहां एक हजार से अधिक दुकानें हैं। बाजार में कारोबार करने वाले व्यापारियों से लेकर खरीदार तक जाम और अतिक्रमण से परेशान है। बाजार को जाम से मुक्ति दिलाने की मांग करते हैं। इसके अलावा इतने बड़े और पुराने बाजार में एक भी शौचालय नहीं है। व्यापारी, खरीदार और मजदूर को भी परेशानी होती है। ऑनलाइन बाजार का असर यहां के व्यापारियों पर भी पड़ा है। समय के साथ-साथ बाजार में आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ती गईं लेकिन प्राचीन श्यामगंज बाजार में समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। ट्रैफिक जाम ने व्यापार की रफ्तार ब्रेक लगा दिया है। पार्किंग के इंतजाम न होने से समस्या गंभीर हो गई है। व्यापारी जाम की समस्या से निजात चाहते हैं। कारोबारियों ने कम से कम एक ग्रीन टॉयलेट के निर्माण की मांग भी दोहराई। शहर के थोक किराना बाजार का तमगा लेने वाले श्यामगंज बाजार में एक भी शौचालय की व्यवस्था नहीं है। जिससे व्यापारी और ग्राहक दोनों ही परेशान हैं। शौचालय के कारण सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को होती है। व्यापारियों ने बताया कि शौचालय न होने के कारण कुछ लोग सड़क किनारे खुले में तो कुछ लोग बंद पड़ी दुकान के बाहर ही टॉयलेट करते देखे जाते हैं। इससे गंदगी के साथ बीमारियां फैल रही है। वहीं बदबू से आसपास की दुकानों में बैठना भी मुश्किल हो जाता है। समस्या से कोई भी निजात नहीं दिला रहा है। अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधि भी समस्याओं पर ध्यान नहीं देते हैं।

व्यापारियों की शिकायतें:

1. श्यामगंज बाजार की सबसे बड़ी समस्या जाम है।

2. बाजार में एक शौचालय नहीं है।

3. पार्किंग की व्यवस्था नहीं, सड़क के बीच में खड़े हो रहे वाहन।

4. अतिक्रमण करने से बाजार की सड़क छोटी होती जा रही है।

5. झूलते तारों पर बंदरों के कूदने से हमेशा खतरा बना रहता है।

6. सीवर लाइन नहीं होने से बरसात में जलभराव की समस्या होती है।

7. आए दिन पानी की पाइप लाइन फटने से जलभराव होता है।

8. बंदरों, छुट्टा जानवरों के आतंक से व्यापारी परेशान है।

9. ई-रिक्शा, ठेला रिक्शा से सबसे अधिक जाम लगता है।

10.बाजार में नियमित कूड़ा न उठने से गंदगी का अंबार रहता है।

व्यापारियों के सुझाव:

1. बाजार के आसपास एक मल्टी स्टोरी पार्किंग का निर्माण कराया जाए।

2. जाम और अतिक्रमण की समस्या से निपटने के लिए ट्रैफिक पुलिस हों।

3. स्मार्ट सिटी से खुले हुए बिजली के तारों को अंडरग्राउंड कराया जाए।

4. बाजार में आने वाले लोगों और व्यापारियों के लिए स्थाई या अस्थाई शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए।

5. गंदगी के लिए सफाई कर्मियों की तैनाती होनी चाहिए। इनके मोबाइल नंबर सार्वजनिक होने चाहिए।

6. जर्जर सड़कों का निर्माण करा उन्हें जल्द दुरुस्त कराया जाए।

7. बंदरों व छुट्टा जानवरों को नगर निगम पकड़वाए।

8. सीवर लाइन डलवाने के साथ टूटी पानी की लाइनों को दुरुस्त कराएं।

9. बाजार में ई-रिक्शा, हथठेला आदि की नो इंट्री हो।

व्यापारियों की सुनिए

राम खंडेलवाल ने कहा कि श्यामगंज और आसपास के बाजारों में करीब एक हजार से अधिक व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं। यहां से कई हजार लोग जुड़े हैं। पार्किंग की समस्या है। लोग रोड पर ही वाहन छोड़ देते हैं।

भारत चौरसिया बोले कि श्यामगंज बाजार शहर का प्रमुख थोक किराना बाजार हैं। इस बाजार की स्थिति काफी खराब है। दिन में जाम का झाम है। व्यापारियों ने अपनी दुकानों के आगे अतिक्रमण कर रखा है।

अवधेश गुप्ता ने कहा कि बाजार की मुख्य समस्या जाम, अतिक्रमण और शौचालय है। जाम के कारण लोगों का इन बाजारों से मोह भंग होता जा रहा है। ज्यादातर लोग ऑनलाइन माध्यम से ही खरीदारी कर रहे हैं।

दीपक मेहरा की मानें तो 110 साल से पुराने श्यामगंज बाजार में समस्याएं हजारों हैं। बाजार में ट्रैफिक की समस्या से सभी परेशान हैं। बेतरतीब ई-रिक्शा जाम का कारण बनते हैं। इन्हें व्यवस्थित करने की जरूरत हैं।

अनिरुद्ध गुप्ता के अनुसार बाजार में सबसे बड़ी समस्या जाम और अतिक्रमण की है। दुकानदारों ने अपनी दुकानें और काउंटर बाहर निकाल रखे हैं। छोटी-छोटी गलियों में निकलने तक को रास्ता नहीं है।

सुनील माहेश्वरी ने कहा कि यहां एक हजार से अधिक दुकानें हैं। करोड़ों का रोजाना कारोबार होता है। घरेलू बाजार को बढ़ावा देने के लिए सरकार को सख्त नियम बनाने चाहिए। ताकि ऑनलाइन पर अंकुश लगे।

मनोज अग्रवाल बोले, बाजार में शौचालय की बड़ी समस्या है। पूरा बाजार नगर निगम की जद में आता है। लेकिन, यहां शौचालय एक भी नहीं बना हुआ है। अगर यहां शौचालय बन जाए तो समस्या कम हो जाएगी।

राजेंद्र कुमार माहेश्वरी ने कहा कि बाजार का इतिहास काफी पुराना है लेकिन यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। स्मार्ट सिटी में शामिल शहर का बाजार अभी तक स्मार्ट नहीं हो सका है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

दीपू सपरा ने कहा, बाजार में जाम की समस्या से काफी परेशानी है। पार्किंग न होने की वजह से सड़कों पर वाहन खड़े रहते हैं। जिसके कारण आवागमन में रास्ता बाधित होता है। इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा।

राजकुमार सपरा ने कहा कि अतिक्रमण होने से व्यवसायियों और ग्राहकों को परेशानी होती है। इसके चलते कारोबार पूरी तरह प्रभावित होता है। इसकी वजह से हमें नुकसान सहना पड़ता है।

छैल बिहारी खंडेलवाल ने कहा, श्यामगंज बाजार के व्यापारियों से बड़ा राजस्व हर साल सरकार के खजाने में जाता है। टैक्स देने के बाद भी व्यापारियों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए उससे हम सभी अछूते हैं।

अतिक्रमण से सिकुड़ गईं बाजार की सड़कें, रोजाना जाम का झाम

बरेली। श्यामगंज बाजार की अपनी एक अलग पहचान है। अतिक्रमण व अवैध पार्किंग के चलते बाजार की सड़के सिकुड़ गई हैं। कुछ लोगों ने अपनी दुकानें छह-छह फुट बाहर निकाली हुई हैं। बेतरतीब ई-रिक्शा और अतिक्रमण से बाजार की ट्रैफिक व्यवस्था फेल हो गई है।

इस बाजार को जाम और अतिक्रमण से मुक्ति मिले, तो यहां के व्यापार को एक बार फिर से पंख लग जाएंगे। घने बाजारों के बीच मिश्रित आबादी भी यहां निवास करती है। हिंदुस्तान के बोले बरेली अभियान की टीम श्यामगंज बाजार पहुंची तो व्यापारियों ने मुखर होकर अपनी समस्याएं बताईं। व्यापारियों का कहना है कि बाजार पूरी तरह से जाम और अतिक्रमण की जद में है। इसके कारण लोगों को आवागमन में परेशानी होती है। व्यापारियों ने बताया कि इस जाम और अतिक्रमण की समस्या के कारण लोग घरेलू बाजार से दूर होते जा रहे हैं। ऑनलाइन बाजार ने व्यापार की कमर तोड़ दी है। अब लोग घर बैठे ही ऑनलाइन प्लेटफार्म से सामान खरीद रहे हैं। व्यापारियों ने बताया कि सरकार को ऑनलाइन व्यापार पर रोक लगानी चाहिए। इसके लिए नियम बनाने चाहिए। तब कही जाकर हमारा व्यापार बच पाएगा।

बाजार में गंदगी की समस्या आम: व्यापारियों ने बताया कि बाजार में गंदगी की समस्या आम बात है। नियमित साफ-सफाई न होने के कारण बाजारों में चारों ओर गंदगी का अंबार रहता है। जिसके चलते दुकानदार और ग्राहक दोनों को परेशानी होती है।

बाजार में तारों का मकड़जाल

वैसे तो श्यामगंज बाजार में समस्याओं का अंबार है। बिजली के तारों ने समस्या को और बढ़ा दिया है। यहां के तारों को अंडरग्राउंड करने की मांग कारोबारी कर रहे हैं। शहर के सबसे पुराने श्यामगंज बाजार में दोपहर में बिजली के तारों पर झूलते बंदर खतरा बढ़ा देते हैं। व्यापारियों के मुताबिक कई साल पुराने इस बाजार में दुकानों के ऊपर से बिजली के खुले तार जा रहे हैं। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इससे बचाव के लिए या तो तारों को अंडरग्राउंड किया जाए या बंच केबल डाली जाए।

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