बरेली के सुनार कारीगर आर्थिक तंगी और रोजगार की कमी से जूझ रहे हैं। उनकी कला का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है और आधुनिक मशीनों की कमी भी एक बड़ा मुद्दा है। हल्के आभूषणों की बढ़ती मांग और सरकारी सहायता की...
शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें अपनी समस्याओं के निस्तारण में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। एसीपी, वेतन बिल और प्रमोशन के मामलों में देरी और स्थानीय अधिकारियों द्वारा अनदेखी की...
दिहाड़ी मजदूरों की जिंदगी संघर्षों से भरी हुई है। काम न मिलने, कम दिहाड़ी और सरकारी योजनाओं का लाभ न मिलने के कारण ये मजदूर मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। वे बैठने की जगह, पेयजल, शौचालय और बीमा जैसी...
बोले बरेली, शिक्षा को न समझें कारोबार, अभिभावक हो रहे लाचार बदलते दौर में
कुम्हार समाज कई समस्याओं का सामना कर रहा है, जिसमें मिट्टी की कमी और पुलिस द्वारा जबरन वसूली शामिल है। मिट्टी लाने के लिए कुम्हारों को अब बुग्गी या तांगे का उपयोग करना पड़ता है, जिसके लिए उन्हें अधिक...
बरेली के कटरा मानराय बाजार में थोक कपड़ा व्यापारियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां शौचालय, पार्किंग और जल निकासी जैसी सुविधाओं की कमी है। बाजार में जाम, अतिक्रमण और बिजली के तारों का...
रोजगार सेवक ग्रामीण विकास की रीढ़ हैं, लेकिन एक साल से मानदेय नहीं मिलने से इनकी जिंदगी बदरंग होती जा रही है। इन्हें प्रमोशन और ट्रांसफर की कोई सुविधा नहीं है। 7788 रुपये के मानदेय से परिवार चलाना...
गांवों और शहरों में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, लेकिन उन्हें केवल 6000 रुपये मानदेय मिलता है। वे बच्चों और गर्भवती महिलाओं की सेहत के लिए दिन-रात काम करती हैं। उन्हें कई...
बरेली की जरी-जरदोजी उद्योग 500 साल पुरानी है, लेकिन आज यह संकट में है। छह लाख परिवारों की आजीविका पर संकट है, क्योंकि नए पीढ़ी के लोग इस काम को छोड़ रहे हैं। कारीगरों की आमदनी बहुत कम है और बिचौलियों...
श्यामगंज बाजार, जो 110 साल पुराना है, अव्यवस्थाओं के कारण परेशान है। यहां 1000 से अधिक दुकानें हैं, लेकिन एक भी शौचालय नहीं है। व्यापारी जाम, पार्किंग की कमी, और अतिक्रमण से तंग हैं। व्यापारियों ने...