रामगंगा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी जारी, 161.420 मीटर पहुंचा जलस्तर
पहाड़ों पर हुई बारिश के बाद जलाशयों से पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे रामगंगा और किच्छा नदियां उफान पर हैं। बरेली में रामगंगा अभी खतरे के निशान से दूर है, लेकिन कई गांवों में बाढ़ का पानी पहुंच चुका है।...
पहाड़ों पर हुई बारिश के बाद लगातार जलाशयों से पानी छोड़ा जा रहा है। इसके चलते रामगंगा, किच्छा नदियां उफान मारने लगी है। हालांकि बरेली में अभी भी रामगंगा खतरे के निशान से दूर हैं, जबकि मीरगंज के साथ आलमपुर जाफराबाद के कई गांवों में बाढ़ का पानी पहुंच चुका है। बीते दिनों हुई भारी बारिश के बाद रामगंगा को प्रभावित करने वाली नदियों में बैराज से पानी छोड़ा जा रहा है। इससे नदियां उफान पर पहुंच रही है। सोमवार शाम छह बजे रामगंगा का जलस्तर 161.420 मीटर दर्ज हुआ। सोमवार को बाढ़ खंड विभाग से प्राप्त रिकॉर्ड के अनुसार अब तक करीब दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी रामगंगा नदी में छोड़ा जा चुका है। सोमवार को बहगुल जलाशय से 2752 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसी तरह प्रमुख नदियों में लालपुर बियर से 18 हजार, खो बैराज से नौ हजार, कोसी से 10 हजार, गोला से पांच हजार, दूनी से 17 हजार, कैमरी बैराज से पांच हजार, हरबेली बैराज से 500 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। वहीं अन्य सहायक नदियों से भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। इससे रामगंगा का जलस्तर चढ़ाव पर है। नदी के तटवर्ती गांवों में जलप्रवाह की संभावना बनी हुई है। इसे देखते हुए बाढ़ चौकियां अलर्ट की गई हैं। इसके साथ ही बाढ़ विभाग व राजस्व विभाग के द्वारा रामगंगा के किनारे खतरे वाले गांवों को खाली करा लिया गया है। इसके साथ ही लोगों को सचेत रहने को भी कहा जा रहा है।
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