परिसंपत्तियों के मूल्यांकन के सत्यापन में गड़बड़ी करते रहे जेई
बरेली-सितारगंज फोरलेन और रिंग रोड परियोजना में पीडब्ल्यूडी के जेई और अमीन ने भूमि परिसंपत्तियों का अधिक मूल्यांकन किया। सीडीओ की समिति ने जांच की और एनएचएआई के मूल्यांकन में बड़ी गड़बड़ी पाई। इसके...
बरेली-सितारगंज फोरलेन और रिंग रोड परियोजना की अधिग्रहीत जमीन की परिसंपत्तियों का अधिक मूल्यांकन कराने में पीडब्ल्यूडी के जेई और अमीन ने बड़ी भूमिका निभाई। एनएचएआई इंजीनियर और नामित कंसल्टेंसी फर्म की मूल्यांकन रिपोर्ट का पीडब्ल्यूडी के जेई और अमीन ने मौके पर जाकर सत्यापन किया। अपने हस्ताक्षर के साथ सत्यापन रिपोर्ट एक्सईन को दी। एक्सईएन ने अपने अप्रूवल के साथ एसएलएओ को भेजी थी। बरेली-सितारगंज और रिंग रोड में गड़बड़ी की शिकायत पर सीडीओ की अध्यक्षता वाली समिति ने जांच की। परिसंपत्तियों के मूल्यांकन में बड़ी गड़बड़ी सामने आई। परिसंपत्तियों का मूल्यांकन एनएचएआई अपने इंजीनियर और कंसल्टेंसी फर्म से कराती है। इस दौरान साठगांठ कर बड़ा खेल हुआ। बिल्डिंगों का 10 गुने से अधिक मूल्यांकन कर दिया गया। एसएलएओ को एनएचएआई ने कंसल्टेंसी फर्म की मूल्यांकन रिपोर्ट को अपनी संस्तुति के साथ एसएलएओ ऑफिस भेजा। एसएलएओ ने मूल्यांकन से पहले पीडब्ल्यूडी एक्सईएन को सत्यापन के लिए भेजा। एक्सईएन ने अपने जेई और अमीन को मौके पर सत्यापन के लिए भेजा। जेई और अमीन ने सत्यापन में खेल कर दिया। कंसल्टेंसी के मूल्यांकन को सही बताते हुए एक्सईएन को रिपोर्ट दे दी। सबसे बड़ा मामला रिंग रोड के सरनिया गांव में पकड़ा गया। सरनिया में एनएचएआई और कंसल्टेंसी फर्म ने गोदाम का मूल्यांकन करीब 6 करोड़ कर दिया। एनएचएआई मुख्यालय की जांच में गड़बड़ी सामने आई। सीडीओ की जांच में गोदाम का मूल्यांकन 50 लाख पर सिमट गया। ऐसा ही बरेली-सितारगंज फोरलेन के गरगइया गांव में हुआ। बिल्डिंग का मूल्यांकन करीब 8.50 करोड़ किया गया था। जांच में वहां मलबा तक नहीं मिला। ड्रोन सर्वे और गूगल की तस्वीरों के जरिए बिल्डिंग का आकलन किया गया। यहां भी करीब 1.70 करोड़ का मूल्यांकन अधिक कर दिया गया। शासन ने समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर जेई और अमीन को सत्यापन में खेल करने का दोषी मानते हुए निलंबन के आदेश दिए।
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