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'लव जिहाद' देश के लिए खतरा, मजहब विशेष के लोग दे रहे इसे अंजाम: अदालत

आनंद बनकर लव जिहाद करने वाले मोहम्मद आलिम को आजीवन कारावास सुनाने के दौरान बरेली की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की। फास्ट ट्रैक प्रथम रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट ने माना कि लव जिहाद के पीछे विदेशी फंडिंग है।

Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तान, बरेलीWed, 2 Oct 2024 04:02 PM
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लव जिहाद मामले में बरेली की एक अदालत ने बड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने माना कि लव जिहाद के पीछे विदेशी फंडिंग है। उन्होंने इसे पाकिस्तान, बांग्लादेश की तरह भारत देश को अस्थिर करने की साजिश और देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा बताया है। कोर्ट ने अपने फैसले में लव जिहाद को भी परिभाषित किया है। फास्ट ट्रैक प्रथम रवि कुमार दिवाकर ने अपने फैसले में लिखा, हिंदू लड़कियों को अवैध धर्मांतरण के लिए प्यार में फंसाया जा रहा है। भारत में पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसी स्थितियां पैदा की जा रही हैं। कोर्ट ने ये टिप्पणी 25 साल के मोहम्मद अलीम को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए की, जिसमें उसे अपनी पहचान गलत बताकर एक छात्रा से बलात्कार करने और उसे धमकाने का दोषी ठहराया गया। 

कोर्ट ने उसके 65 साल के पिता को भी अपराध में व्यक्ति की सहायता करने के लिए दो साल की जेल की सजा सुनाई। जज दिवाकर ने अपने फैसले में लिखा, लव जिहाद का मुख्य उद्देश्य हिन्दुस्तान के खिलाफ एक धर्म विशेष के कुछ अराजक तत्त्वों द्वारा जनसांख्यिकीय युद्ध और अंतरराष्ट्रीय साजिश के तहत वर्चस्व स्थापित करना है। आसान शब्दों में कहें तो लव जिहाद समुदाय विशेष के पुरुषों द्वारा गैर समुदायों से जुड़ी महिलाओं को उनके धर्म में परिवर्तित करने के लिए प्रेम का ढोंग करके शादी करना है। लव जिहाद के माध्यम से अवैध धर्मांतरण, उस धर्म विशेष के कुछ अराजक तत्व करते हैं, करवाते हैं, उसमें सहयोग करते हैं या फिर इस षड्यंत्र में शामिल होते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि यह कृत्य कुछ ही अराजक तत्व कराते हैं लेकिन पूरा धर्म विशेष बदनाम होता है।

विदेशी फंडिंग से हो रहा लव जिहाद, देश के लिए खतरा

कोर्ट ने फैसले में कहा है कि लव जिहाद के माध्यम से अवैध धर्मांतरण होता है। अवैध धर्मांतरण रोकने को उप्र सरकार द्वारा उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 पारित किया गया। कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि लव जिहाद के माध्यम से अवैध धर्मांतरण किसी अन्य बड़े उद्देश्य की पूर्ति को कराया जाता है। यदि समय रहते भारत सरकार के द्वारा लव जिहाद के माध्यम से अवैध धर्मांतरण पर रोक नहीं लगाई गई तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम देश को भुगतने पड़ सकते हैं।

कोर्ट ने माना धर्मांतरण के लिए किया लव जिहाद

फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के जज रवि कुमार दिवाकर ने इसे लव जिहाद का केस मानकर सात मार्च 2024 को आरोप तय कर सुनवाई शुरू की थी। आरोप साबित करने को एडीजीसी क्राइम दिगम्बर पटेल ने पीड़िता छात्रा समेत छह गवाह पेश किए थे। कोर्ट ने दोनों पक्ष की दलीलों को सुनकर धर्मांतरण के उद्देश्य से लव जिहाद करने के दोषी आलिम को आजीवन कैद की सजा सुनाई।

धर्मस्थल में की गई शादी अवैध करार

कोर्ट ने आलिम द्वारा पीड़िता से फतेहगंज पश्चिमी के धर्मस्थल में की गई शादी को भी अवैध करार दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि हिन्दू विवाह अधिनियम में दोनों का हिन्दू होना जरूरी है जबकि आलिम ने धर्म परिवर्तन नहीं किया है। सिर्फ लव जिहाद और धर्मांतरण के इरादे से उसने युवती को फंसाने के लिए मांग में सिंदूर भर दिया, जिसे शादी नहीं माना जा सकता।

प्रमुख सचिव व डीजीपी को भेजी आदेश की कॉपी

कंप्यूटर छात्रा से लव जिहाद के मामले में देवरनिया पुलिस ने उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम में कार्यवाही नहीं की। फास्ट ट्रैक प्रथम के जज रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट ने इस केस में फैसले की प्रति मुख्य सचिव, डीजीपी पुलिस और एसएसपी बरेली को भेजकर लव जिहाद के मामलों में इस अधिनियम के तहत कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। ताकि भविष्य में विधि अनुसार कार्रवाई हो।

लव जिहाद के दोषी को आजीवन कारावास

लव जिहाद के एक मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के जज रवि कुमार दिवाकर ने मोहम्मद आलिम को उम्रकैद की सजा सुनाई है। मामले के दूसरे दोषी आलिम के पिता साबिर को भी दो वर्ष कैद की सजा सुनाई है। साबिर पर पीड़िता के साथ गाली-गलौज करने का आरोप था। साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी दोषी पर लगाया गया है। एडीजीसी क्राइम दिगम्बर पटेल ने बताया कि देवरनिया थाने में कम्प्यूटर छात्रा ने आलिम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बरेली की छात्रा का आरोप था कि कंप्यूटर कोचिंग में पढ़ने के दौरान भोजीपुरा के जादोपुर निवासी आलिम से उसकी मुलाकात हुई। वह अपना नाम आनंद बताता था और हाथ में कलावा भी बांधता था। शादी का झांसा देकर एक दिन आरोपी ने एक धर्मस्थल में उसकी मांग में सिंदूर भर दिया। फिर यूनिवर्सिटी के पास दोस्त के कमरे पर संबंध बनाकर अश्लील वीडियो और फोटो बना लिए।इसके बाद फोटो-वीडियो वायरल करने की धमकी देकर कई बार होटल में दुष्कर्म किया। इससे वह गर्भवती हो गई। छात्रा का कहना है कि आरोपी के घर जादोपुर जाने पर पता चला कि उसका नाम आनंद नहीं मोहम्मद आलिम है। वहां आलिम के पिता साबिर, भाई वाजिद व नाजिम, बहन शिफा और उसकी मां ने गर्भपात करा धर्म परिवर्तन को कहा। छात्रा ने जब धर्म परिवर्तन करने का विरोध किया तो परिजनों ने उसे पीटकर घर से भगा दिया। हाफिजगंज के नर्सिंग होम में 11 मई 2023 को गर्भपात करा दिया। पुलिस ने आलिम के खिलाफ दुष्कर्म, मारपीट, गालीगलौज, हत्या की धमकी और उसके पिता साबिर के खिलाफ गालीगलौज के आरोप में चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी।

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