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छह साल मसूम के साथ दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल सजा

Balrampur News - अदालत से घटना गौरा थाना क्षेत्र में 29 दिसंबर 2024 को हुई, प्राथमिकी

Newswrap हिन्दुस्तान, बलरामपुरWed, 29 Jan 2025 05:37 PM
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छह साल मसूम के साथ दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल सजा

अदालत से घटना गौरा थाना क्षेत्र में 29 दिसंबर 2024 को हुई, प्राथमिकी दर्ज कर आरोपी को पुलिस ने भेजा था जेल

घटना के एक माह के भीतर आया फैसला, पाक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश सुनाई सजा

बलरामपुर, संवाददाता।

मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी को विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट दीप नरायन तिवारी ने 20 वर्ष साश्रम कारावास की सजा सुनाई है। दोषी को दस हजार रुपए अर्थदंड भी अदा करना होगा। जुर्माना न देने पर पांच साल अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। मामला गौरा थाना क्षेत्र से सम्बन्धित है।

गौरा थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने 29 दिसंबर 2024 को थाने में तहरीर दी। आरोप लगाया कि उसकी छह वर्षीय लड़की दिन में करीब एक बजे घर के पास रास्ते में खेल रही थी। गांव के ही मालिकराम पुत्र उदयभान उसे कुछ खिलाने का लालच देकर घर के करीब बने घारी में बुला ले गया और वहां पर उसके साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म किया। बच्ची के चिल्लाने पर मालिकराम उसे छोड़कर भाग गया। वह रोते-रोते घर आई और अपनी मां को घटना के बारे में बताया। तहरीर के आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की और दोषी को गिरफ्तार कर जेल भेजा। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अतिशीघ्र सात जनवरी को ही न्यायालय में आरोप पत्र भेज दिया। जिस पर 13 जनवरी को न्यायालय ने मामले में सुनवाई शुरू की। अभियोजन पक्ष की ओर से 10 गवाहों का बयान दर्ज कराया गया। बचाव पक्ष की ओर से फर्जी फंसाए जाने की बात कही गई। दोनों पक्षा की दलीलों को सुनने के पश्चात न्यायालय ने मासूम के साथ की गई घटना को जघन्य अपराध मानते हुए दोषी को 20 साल की सजा सुनाई है। साथ ही पीड़िता के पिता को दस हजार रुपए अर्थदंड अदा करने का भी आदेश पारित किया है। जुर्माना न देने पर दोषी को पांच साल की अतिरिक्त कारवास भुगतने का भी आदेश पारित किया गया है।

घटना के एक माह के भीतर आया फैसला

शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पवन कुमार वर्मा ने बताया कि मासूम के साथ हुई घटना को न्यायालय ने गंभीरता से लिया है। घटना के एक माह के भीतर ही दोषी को न्यायालय ने सजा सुना दी है। न्यायालय के इस फैसले से लोगों में कानून के प्रति विश्वास बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रकरण में 13 जनवरी को न्यायालय में चार्ज बनाया गया। 15 दिन में ही सभी गवाहों के बयान दर्ज करा दिए गए। 29 जनवरी को न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुना दिया है। बताया कि नए कानून के तहत न्यायालय का पहला आदेश है।

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