पॉलीटेक्निक कॉलेज में कई ट्रेड की सीटें हुई आधी
पॉलिटेक्निक संस्थाओं में छात्रों के कम रुझान के कारण कॉलेज प्रबंधन ने तीन ट्रेड में सीटों की संख्या आधी कर दी है। पिछले 5 सालों में छात्रों की संख्या में कमी आई है, जिससे संसाधनों का अभाव और रोजगार के...
पॉलिटेक्निक संस्थाओं में छात्रों के कम रुझान के चलते सीटें नहीं भर पा रही हैं तो कॉलेज प्रबंधन ने तीन ट्रेड में सीटों में ही कटौती कर डाली। प्राविधिक शिक्षा परिषद से हरी झंडी मिलने के बाद इन ट्रेड में सीटों की संख्या आधी कर दी गई हैं। दरअसल, पिछले 5 सालों से पॉलीटेक्निक के प्रति छात्रों का जिस तरह से रुझान कम हुआ है, वह वास्तव में चिंता में डालने वाला है। पिछले 5 साल से प्राविधिक शिक्षा परिषद को पॉलीटेक्निक संस्थानों की सीटों को भरने के लिए अलग से पॉलिटेक्निक चलो अभियान तक की शुरुआत करनी पड़ी। इसके बावजूद ऐसा कोई भी ट्रेड नहीं है जिसमें सीटें फुल हुई हो। साल दर्शन छात्र छात्रों की संख्या पॉलिटेक्निक कॉलेज में घटती जा रही है यही कारण है कि दिगंबर जैन पॉलिटेक्निक में कॉलेज प्रबंधन ने परिषद को पत्र लिखकर चिंता जाहिर की और सीटों में कटौती के लिए भी आवेदन कर डाला। परिषद ने कॉलेज प्रबंधन का यह प्रस्ताव स्वीकार किया। जिसके बाद तीन ट्रेड में सीटों की संख्या एक दो की गिनती में नहीं बल्कि आदि घटा दी गई। ये ट्रेड हैं कंप्यूटर साइंस, सिविल ईपीसी और इलेक्ट्रॉनिक्स। इन तीनों ट्रेड में अभी तक 75-75 सीटें हुआ करती थी, लेकिन इस नए शैक्षिक सत्र में इन तीनों ही ट्रेड में 38-38 सीटें रह जाएगी।
पॉलिटेक्निक में विभिन्न ट्रेड में दाखिला लेने के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अभी तक 60 फ़ीसदी सीटें भी नहीं भर पाई है।
पॉलिटेक्निक कॉलेजों में संसाधनों का अभाव तथा पॉलिटेक्निक करने के बाद भी रोजगार के अवसरों में कमी इस बात का मुख्य कारण है। छात्रों के कम रुझान को लेकर शिक्षक भी परेशान है। पॉलिटेक्निक के कार्यवाहक प्रधानाचार्य रणंजय लाम्बा का कहना है कि कॉलेज में तीन ट्रेड में 75-75 सीट के बजाय अब 38-38 सीट ही रह गई है। छात्रों के काम होते रुझान से हर कोई चिंतित है।
कॉलेज में सीटों की स्थिति:
दिगम्बर जैन पॉलीटेक्निक की बात करें तो करें तो यहां पर कुल 575 सीटें हुआ करती थी। मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, सिविल में मॉर्निंग एवं इवनिंग में 150-150 सीट हैं। इसके अलावा स्ववित्त योजना के तहत इलेक्ट्रॉनिक, कंप्यूटर साइंस तथा सिविल ईपीसी मैं 75-75 सीटें मौजूद थी।
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जनपद में दो संस्थाएं है इंजीनियरिंग की जिनमे डीजे पॉलिटेक्निक, इंडो यूनिवर्सल
- 15 संस्थाएं फार्मेसी की हैं।
ग्रुप अ की संस्थाएं कोताना व किरठल में भी है। ये राजकीय पालीटेक्निक संस्थाए हैं।
कोताना में 150 सीट
किरठल में 150 सीट
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