ऐतिहासिक परिदृश्य और वर्तमान परिदृश्य पर हुई कार्याशाला
Azamgarh News - आजमगढ़ में शिब्ली नेशनल कॉलेज के इतिहास विभाग द्वारा भारत और मध्य पूर्व देशों के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रो. रफीउल्लाह खान आजमी ने प्राचीन...

आजमगढ़,संवाददाता। शिब्ली नेशनल कॉलेज के इतिहास विभाग द्वारा मिटिंग हाल में सोमवार को ‘भारत के मध्य पूर्व देशों से संबंध: ऐतिहासिक परिदृश्य और वर्तमान परिदृश्य विषय पर कार्याशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान भारत और मध्य पूर्व देशों के बीच प्राचीन काल से लेकर आधुनिक युग तक के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, व्यापारिक और रणनीतिक संबंधों का विस्तृत और गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया। मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय हैदराबाद के इतिहास विभाग केअध्यक्ष प्रो. रफीउल्लाह खान आजमी ने कहा कि प्राचीन काल में भारत के मालाबार, गुजरात और कोंकण तटों से अरब सागर के रास्ते मसाले, रेशम, सोना और अन्य कीमती वस्तुओं का व्यापार होता था। यह व्यापार केवल आर्थिक लेन—देन तक सीमित नहीं था, बल्कि इसने भारत और अरब के बीच सांस्कृतिक, भाषाई और बौद्धिक सेतु का निर्माण किया। भारत के बंदरगाहों पर अरब व्यापारियों का आगमन न केवल व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देता था, बल्कि कला, साहित्य और दर्शन के आदान—प्रदान को भी प्रोत्साहित करता था। अरबी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. मोहिउद्दीन आजाद इस्लाही ने कहा कि अरब और हिंदुस्तान के बीच सांस्कृतिक और व्यापारिक रिश्ते सदियों पुराने हैं। यह संबंध आज भी शिक्षा और व्यापार में मजबूती से कायम है। इसके अलावा प्रो. अलाउद्दीन खां, प्रो. मोहिउद्दीन आजाद इस्लाही, प्राध्यापक डॉ. सिद्धार्थ सिंह, डॉ. तबरेज आलम, डॉ. शहरयार, राजनीति विज्ञान विभाग आदि लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किया।
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