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बिजली विभाग की कछुआ चाल, 14 उपकेंद्र बेहाल

अजमगढ़ में बिजली विभाग की धीमी प्रक्रिया के कारण 14 उपकेंद्रों में ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का काम अब तक पूरा नहीं हुआ है। इससे लो वोल्टेज और बार-बार ट्रिपिंग की समस्याएँ बढ़ रही हैं। शासन ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, आजमगढ़Thu, 19 Sep 2024 06:40 PM
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अजमगढ़, संवाददाता। बिजली विभाग की कछुआ चाल के कारण अभी तक जिले के 14 उपकेंद्रों में ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का काम पूरा नहीं हो सका है। जिसके चलते लोगों को लो वोल्टेज और ट्रिपिंग की समस्या से जूझना पड़ रहा है। जिले में वर्ष 2023-24 में अतिरिक्त बिजनेस प्लान के अंतर्गत 22 विद्युत सब स्टेशनों के ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि समेत अन्य कार्य कराए जाने थे। जिसके लिए शासन की तरफ से 62 करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त हुई थी। अब तक केवल आठ विद्युत सब स्टेशनों में ही ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का काम पूरा हो सका है। शेष 14 सब स्टेशनों में बेहद धीमी गति से काम चल रहा है। इन उपकेंद्रों से जुड़े इलाकों में लो-वोल्टेज, बार-बार ट्रिपिंग व ओवरलोड के चलते आए दिन ट्रांसफार्मरों के जलने की शिकायत रहती है। विद्युत विभाग के प्रस्ताव पर शसन की तरफ से जनपद के लिए 62 करोड़ रुपये की धनराशि भी जारी कर दी गई है। सूत्रों के अनुसार विभाग और कार्यदायी संस्थाओं की लापरवाही के कारण अभी तक 14 उपकेंद्रों की क्षमता वृद्धि का काम पूरा नहीं हो सका है। गर्मी से पहले ही यह काम पूरा हो जाना था। विभाग की लापरवाही के कारण उपभोक्ताओं को अभी भी लो-वोल्टेज और ट्रिपिंग की समस्या से जूझना पड़ रहा है। आजमगढ़ प्रथम सर्किल में 13 व द्वितीय सर्किल में नौ विद्युत सब स्टेशनों में ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की जानी है।

इन सब स्टेशनों में पूरा हो चुका है काम

प्रथम सर्किल में सात विद्युत बस स्टेशनों में ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का काम पूरा हो चुका है। इनमें बरदह, ठेकमा, लालघाट, मेंहनगर और पल्हना में पावर प्रवर्तकों की क्षमता बढ़ाई जा चुकी है। वहीं, द्वितीय सर्किल में नौ में से दो विद्युत सब स्टेशनों के पावर प्रवर्तकों की क्षमता वृद्धि की गई है।

384 कार्यों में सिर्फ 221 हुए पूरे

आजमगढ़ सर्किल प्रथम में कुल 384 कार्यों की स्वीकृति शासन की तरफ से मिली थी। इनमें से अब तक सिर्फ 221 कार्य ही पूर्ण हो सके हैं। गांवों में एलटी लाइन, जर्जर लाइन तार बदलने के लिए 38 कार्य स्वीकृत हैं। जिसमें सिर्फ 13 कार्य ही पूरे हुए हैं।

कोट

विद्युत उपकेंद्रों में पावर प्रवर्तकों की क्षमता वृद्धि के अलावा जर्जर एलटी तार बदलने के लिए 62 करोड़ रुपये मिले हैं। क्षमता वृद्धि समेत अन्य कार्य कराए जा रहे हैं। आठ उपकेंद्रों की क्षमता वृद्धि कराई जा चुकी है।

घनश्याम, अधीक्षण अभियंता, विद्युत वितरण मंडल प्रथम

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