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जयंती पर याद किए गए महाराणा प्रताप

Azamgarh News - आजमगढ़ और लालगंज में महाराणा प्रताप की 485वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। वक्ताओं ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके योगदान का स्मरण किया। कार्यक्रम में महाराणा प्रताप की वीरता और साहस की चर्चा हुई।...

Newswrap हिन्दुस्तान, आजमगढ़Sat, 10 May 2025 03:44 AM
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जयंती पर याद किए गए महाराणा प्रताप

आजमगढ़, संवाददाता। शारदा तिराहा स्थित एक होटल सभागार में महाराणा प्रताप सेना के तत्वावधान में शुक्रवार को महाराणा प्रताप की जयंती मनाई गई। इस दौरान वक्ताओं ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके पद चिंह पर चलने का संकल्प लिया। इसके पूर्व महाराणा प्रताप सेना के कार्यकर्ताओं ने पूरे शहर में बाइक रैली निकाली। सर्व प्रथम नगर के ठंडी सड़क से महाराणा प्रताप सेना के कार्यकर्ताओं ने बाइक रैली निकाली। जो शहर के विभिन्न मोहल्लों से भ्रमण करते हुए मड़या मोहल्ला स्थित कार्यक्रम स्थल पर पहुंचा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र प्रदेश के प्रभारी हेमंत सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप इतिहास के वह योद्धा हैं, जिन्होंने कभी अपने राज्य को परातंत्र नहीं होने दिया।

मेवाड़ के स्वाभिमानी योद्धा, राष्ट्रभक्ति की प्रतिमूर्ति वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती अनंत काल तक उनके गौरवगाथा का यशोगान करती रहेगी। धर्म रक्षा के लिए उन्होंने विशाल मुगल सेना के सामने चट्टान के भांति अडिंग रहे। प्रदेश अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि कहा कि वीर योद्धा महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कुंभगढ़ में हुआ था। उन्हें केवल राजस्थान का ही नहीं बल्कि पूरी भारत का वीर सपूत कहा जाता है। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष सुरेश सिंह, दीनानाथ सिंह, दुर्गेश सिंह, मिथिलेश सिंह, गुलाब चंद्र राय, राजेश द्विवेदी, शशिकांत राय, दिनेश खंडेलिया आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता प्रभु नारायण पांडेय प्रेमी और संचालन अनिल सिंह ने किया। धूम-धाम से मनाई गई महाराणा प्रताप की जयंती लालगंज,हिन्दुस्तान संवाद। लालगंज के अधिवक्ता संघ भवन में शुक्रवार को महाराणा प्रताप की 485 वी जयंती धूम-धाम के साथ मनायी गई। इस दौरान वक्ताओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया। वरिष्ठ अधिवक्ता समर बहादुर सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप का जन्म नौ मई 1540 को राजस्थान के कुंभलगढ़ में महाराणा उदय सिंह के घर हुआ था। 28 वर्ष की उम्र में उन्होंने मेवाड़ राज्य की कमान संभाली थी। 29 वर्ष तक शासन किया। इस दौरान उन्होंने कई युध्द बहादुरी के साथ लड़ा। जिसके कारण आज भी लोग वीरता के मामले में राणा प्रताप की चर्चा करते हैं। ऐसे बहादुर और साहसी कभी-कभी धरती पर पैदा होते हैं। अंत में निवर्तमान उपजिलाधिकारी श्याम प्रताप सिंह का संघ भवन में विदाई समारोह आयोजित कर अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर विदाई दी गई। समारोह में विंध्यवासिनी राय, नागेंद्र सिंह,धर्मेश पाठक, राजेंद्र प्रसाद सिंह, राम सेवक यादव, सूर्यमणि यादव, प्रसिद्ध नरायन सिंह, सुनीश कुमार श्रीवास्तव आदि लोग उपस्थित रहे।

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