पूर्व आईपीएस अधिकारी को मिला प्रथम राजभाषा पुरस्कार
आजमगढ़ के बसहिया गांव के निवासी और पूर्व सीआरपीएफ स्पेशल डीजी राजेश प्रताप सिंह को हिंदी दिवस पर उनकी पुस्तक 'नक्सलवाद आकाश- कुसुम या यथार्थ' के लिए राजभाषा गौरव पुरस्कार मिला। यह पुरस्कार केंद्रीय...
आजमगढ़, संवाददाता। अतरौलिया क्षेत्र के बसहिया गांव निवासी और सीआरपीएफ के पूर्व स्पेशल डीजी सेवानिवृत्ति आईपीएस अधिकारी राजेश प्रताप सिंह को हिंदी दिवस के अवसर पर उनकी पुस्तक ‘नक्सलवाद आकाश- कुसुम या यथार्थ के लिए राजभाषा गौरव पुरस्कार प्रथम मिला है। यह पुरस्कार केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने हिंदी दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में राजभाषा हीरक जयंती समारोह और चतुर्थ अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में राजेश प्रताप सिंह को प्रदान किया है। राजेश प्रताप सिंह को पुरस्कार पुलिस अनुसंधान, अपराध शास्त्र और पुलिस प्रशासन, न्यायालयी विज्ञान में मौलिक पुस्तक लेखन के लिए राजभाषा गौरव पुरस्कार योजना-2023 श्रेणी-2 में प्रदान किया गया है। राजेश प्रताप सिंह वर्तमान में भारतीय शिक्षा बोर्ड के सचिव है। उन्होंने सेवानिवृत होने के बाद निरंतर अध्ययन और लेखन जारी रखा है। पुलिस सेवा में वह अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें 1995 में वीरता के लिए ' पुलिस पदक' और 2003 में सराहनीय सेवाओं के लिए 'पुलिस पदक' से अलंकृत किया गया। उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए उन्हें 2009 में राष्ट्रपति का 'पुलिस पदक' भी मिला।
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