घटते जलस्तर के बाद भी संकटों की धारा में फंसा देवारा
घाघरा नदी का जलस्तर कम होने के बावजूद देवारावासी संकटों में हैं। 24 घंटे में जलस्तर 4 सेमी घटा है। रास्तों पर कीचड़ और फिसलन से आवागमन में परेशानी हो रही है। कई गांवों में कटान शुरू हो गई है और स्कूल...
लाटघाट, हिन्दस्तान संवाद। सगड़ी तहसील के देवारा क्षेत्र में बहने वाली घाघरा नदी का जलस्तर कम होने के बाद भी देवारावासी संकटों की धारा के बीच दिन-रात गुजार रहे हैं। शनिवार की अपेक्षा रविवार को 24 घंटे के अंदर मात्र चार सेमी नदी का जलस्तर घटा है। अभी भी बाढ़ का संकट बरकरार है। बाढ़ का पानी खत्म होने से रास्तों पर कीचड़ और फिसलन के कारण आवागमन में परेशानी बढ़ गई है। घाघरा का जलस्तर घटने के साथ ही नदी से देवारा खास राजा ग्राम सभा के बगहवा और झगरहवा में होने वाली कटान बासू का पुरा में भी शुरू हो गई है। झगरहवा में 18 घर नदी की धारा के मुहाने पर आने के कारण ग्रामीणों ने सामान समेटना शुरू कर दिया है। बगहवा, चक्की हाजीपुर, शाहडीह, भदौरा मकरंद समेत 20 परिषदीय स्कूलों में बच्चों के लिए पहले ही अवकाश घोषित कर दिया गया है। रविवार को नदी खतरा निशान 71.68 मीटर से 27 सेमी नीचे बह रही है। रविवार को जलस्तर 71.41 मीटर पर रिकार्ड किया गया। जबकि शनिवार को जलस्तर 71.45 मीटर था। इस बीच 41वें दिन भी तीन बैराजों से छोड़े गए 2,50,841 क्यूसेक पानी के कारण बाढ़ का संकट समाप्त नहीं हुआ है। इस प्रकार अब तक 1,13,82,424 क्यूसेक पानी घाघरा में छोड़ा जा चुका है। बीच में 25 जुलाई को पानी नहीं छोड़ा गया था। दर्जन भर गांवों के रास्ते पर कीचड़ के कारण फिसलन और आसपास जलभराव के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति को देखते हुए 12 नावों का संचालन अभी बंद नहीं किया गया है। जलस्तर में तीन महीने उतार-चढ़ाव के कारण फिलहाल नदी के तटवर्ती गांवों के लोगों की चिंता बनी हुई है। उधर गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से देवारा वासी भयभीत हैं। क्योंकि घाघरा नदी के जलस्तर में भी बढ़ोतरी होगी।
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