घटने के साथ ही तीन पुर्वें में शुरू हुई कटान, ग्रामीणों में दहशत
लाटघाट, हिंदुस्तान संवाद। सगड़ी तहसील के उत्तर बहने वाली घाघरा नदी का । हरैया विकास खंड के 20 विद्यालय अभी भी बंद हैं। इसमें से 6 विद्यालय परिसरों
लाटघाट, हिंदुस्तान संवाद। सगड़ी तहसील के उत्तर बहने वाली घाघरा नदी का जलस्तर घटने लगा है। 24 घंटे में 26 सेमी जलस्तर घटने के बाद भी खतरा बिंदु से 21 सेमी ऊपर नदी बह रही है। जलस्तर 71.89 मीटर पर पहुंच गया। खतरा बिंदु 71.68 मीटर है। बुधवार को जलस्तर 72.15 मीटर रिकार्ड किया गया था। जलस्तर घटने के साथ प्रशासन ने नावों की संख्या भी घटा दी है। मंगलवार तक चलने वाली 61 नाव की जगह बुधवार को 51, तो गुरुवार को 40 कर दी गई। अभी भी दर्जन भर गांवों के रास्ते पानी में डूबे हैं। चक्की हाजीपुर गांव बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है। जिससे लोगों को कुछ किमी पैदल चलकर आवागमन करना पड़ रहा है। खेतों में पानी होने के कारण हरे चारे की समस्या उत्पन्न हो गई है। ग्रामीण महुला-गढ़वल बंधे के दक्षिण तरफ 5 से 6 किलोमीटर की दूरी तय करके पशुओं के लिए हरा चारा लेकर घर जा रहे हैं। हरैया विकास खंड के 20 विद्यालय अभी भी बंद हैं। इसमें से 6 विद्यालय परिसरों में पानी भरा हुआ है। जबकि 14 विद्यालय बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। देवारा खास राजा ग्राम सभा के झगरहवा का पुरवा, कोमल का पुरवा, बासू का पुरवा, बगहवा का पुरवा, लाला का पुरवा, पालकी का पुरवा, बांका, बूढ़नपट्टी, सोनौरा, अजगरा मगर्बी, अभ्भन पट्टी, भदौरा, शाहडीह सहित 17 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। इन ग्रामों के रास्ते पानी से डूबे हुए हैं। मच्छरों का प्रकोप बढ़ने से संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका बनी हुई है। जलस्तर कम होने के साथ झगरहवा, बगहवा और बासू का पुरवा में मध्यम गति से कटान शुरू होने से आसपास के लोग दहशत में हैं। इस बीच 52वें दिन भी तीन बैराजों से 1,48,883 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बाढ़ का खतरा बरकरार है। जलस्तर में तीन महीने से उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट दिख रहा है। किसी भी आपात स्थिति के लिए पीएसी की फ्लड कंपनी तैनात की गई है तो 10 बाढ़ चौकियां और 14 राहत शिविरों की व्यवस्था की गई है।
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