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जलस्तर घटते ही तेज हुई कटान

घाघरा नदी का जलस्तर घटने से कटान तेज हो गई है। पानी और कीचड़ से ग्रामीणों को आवागमन में कठिनाई हो रही है। मच्छरों का प्रकोप बढ़ने से लोग परेशान हैं। स्वास्थ्य विभाग की फागिंग और एंटी लार्वा छिड़काव...

Newswrap हिन्दुस्तान, आजमगढ़Sat, 31 Aug 2024 11:58 PM
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लाटघाट, हिन्दुस्तान संवाद। सगड़ी तहसील के उत्तर में बहने वाली घाघरा नदी का जलस्तर कम होने लगा है। पानी घटने के बाद अब कटान तेज हो गई है। चौबीस घंटे में 30 सेमी जलस्तर घटा है। नदी खतरा बिंदु से 39 सेमी नीचे बह रही है। उधर, संपर्क मार्गों पर पानी और कीचड़ होने के चलते ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी उठानी पड़ रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से फागिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव न होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। जिससे लोग परेशान हैं। घाघरा के जलस्तर में शुक्रवार को भी कमी दर्ज की गई थी। शनिवार को जलस्तर खतरा बिंदु 71.68 से 39 सेमी नीचे 71.29 मीटर रिकार्ड किया गया। शुक्रवार को यहां का जलस्तर 71.59 मीटर रिकार्ड किया गया था। 24 घंटे में 30 सेमी पानी कम हुआ है। जलस्तर कम होने के साथ ही झगरहवा, बगहवा और बासू का पुरवा में कटान तेज हो गई है। इससे लोग दहशत में हैं। उधर, अभी भी दर्जनभर गांवों के रास्ते पानी और कीचड़ फैला हुआ है। जिसके कारण आवागमन में ग्रामीणों को दिक्कत हो रही है। पानी ज्यादा कम होने से नाव का संचालन संभव नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नावों का संचालन बंद कर दिया है। जहां जरूरत है वहां ग्रामीण अपने स्तर से नाव की व्यवस्था कर रहे हैं। जहां पानी पूरी तरह से हट गया है वहां कीचड़ से होकर आवागमन करने में मुश्किल हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि जलस्तर कम होने और कीचड़ के कारण मच्छरों का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि रात तो दूर दिन में रहना मुहाल हो गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से न तो फागिंग कराई जा रही है और न ही एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है।

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