राम वनगमन देख आंखें नम
अवंतिकापुरी में चल रही रामलीला में राम वनगमन का मंचन दर्शकों को भावुक कर गया। भरत और कैकेयी के बीच का संवाद विशेष रूप से मार्मिक था। राम, लक्ष्मण और माता सीता के साथ वन को चले जाते हैं, जबकि दशरथ अपने...
रानी की सराय, हिन्दुस्तान संवाद। धार्मिक स्थली अवंतिकापुरी आंवक में चल रही रामलीला में रविवार की रात राम वनगमन का मंचन देख दर्शकों की आंखें नम हो गईं। इस दौरान भरत और कैकयी का संवाद काफी मार्मिक रहा। रामलीला में चारों भाइयों के विवाह के बाद सभी अयोध्या आते हैं। इधर, कुछ दिन बाद भरत और शत्रुघ्न ननिहाल चले जाते हैं। अयोध्या में राम को राजपाट सौंपने की दशरथ सोचते हैं। तभी मंथरा कैकेयी को युद्ध के दौरान के वचन याद दिलाती है। मंथरा के कहने पर कैकेयी अपने वर में राम को चौदह वर्ष का वनवास मांगती हैं। राम पिता का वचन निभाने के लिए वन चल देते हैं। साथ में लक्ष्मण और माता सीता जाती हैं। इधर, राम के वन वियोग में दशरथ अपने प्राण त्याग देते हैं। शव को रखकर भरत को बुलाया जाता है। अयोध्या पहुंचने पर भरत को जब सब पता चलता है वे क्रोधित होकर महल में अपनी मां के पास पहुंचते हैं। इस दौरान भरत और कैकेयी के बीच हुआ संवाद मार्मिक रहा। रामलीला मंचन के दौरान जयश्रीराम के जयघोष से क्षेत्र गूंजायमान हो उठा था।
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