एक अरब 77 करोड़ से दम भरेगी मनरेगा
Azamgarh News - आजमगढ़ में मनरेगा योजना के तहत नए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1 अरब 77 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस बार 75 लाख मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना...

आजमगढ़, संवाददाता। जिले में इस बार एक अरब 77 करोड़ रुपये के बजट से मनरेगा योजना दम भरेगी। नए वित्तीय वर्ष में मनरेगा के लिए भारी भरकम बजट की कार्ययोजना तैयार की गई है। इस वित्तीय वर्ष में 75 लाख मानव दिवस सृजित किए जाएंगे। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार मानव दिवस के सृजन में दस प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। विभागीय अधिकारियों ने इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है। मनरेगा (महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना) का नए वित्तीय वर्ष के लिए जिले के अधिकारियों ने बजट का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। नए सत्र में मनरेगा में ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को जोड़ने के लिए तैयारियां चल रही हैं। उपायुक्त मनरेगा ने नए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 75 लाख मानव दिवस का लक्ष्य बनाकर शासन को प्रस्ताव भेजा है। उन्होंने जिले के लिए तकरीबन 1 अरब 77 करोड़ 75 लाख रुपये का बजट मांगा है। शासन से अप्रैल माह के प्रथम पखवारे में बजट जारी होने की उम्मीद है। जिले में मौजूदा समय में 80 हजार से अधिक श्रमिक सक्रिय हैं।
ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को जोड़ने का लक्ष्य
मनरेगा के तहत अधिक से अधिक श्रमिकों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराए जाने का शासन का निर्देश है। शासन के निर्देश को देखते हुए जिले में नए वित्तीय वर्ष में मानव दिवस में 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। नए वित्तीय वर्ष में 75 लाख मानव दिवस का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष में मानव दिवस की संख्या तकरीबन 70 लाख थी। नया वित्तीय वर्ष एक अप्रैल से चालू होगा।
मनरेगा श्रमिकों को प्रतिदिन मिलते हैं 237 रुपये
मनरेगा में मजदूरों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। इसके लिए प्रतिदिन 237 रुपये शासन से मजदूरी निर्धारित की गई है। श्रमिकों द्वारा जितने मानव दिवस लगाए जाते हैं, उसके आधार पर उनका भुगतान विभाग की ओर से होता है। अप्रैल माह से शुरू हो रहे नए वित्तीय वर्ष के लिए नए सिरे से बजट और मानव दिवस निर्धारित किए गए हैं।
अस्सी हजार से अधिक श्रमिक प्रतिदिन करते हैं काम
जिले में करीब 80 हजार श्रमिक प्रतिदिन मनरेगा में कार्य करते हैं। मनरेगा से गांवों में विकास कार्य एवं चकरोड, खड़ंजे, पोखरे की खुदाई सहित अन्य कार्य कराए जाते हैं। प्रत्येक माह मजदूरों के खाते में मानव दिवस के हिसाब से उनका भुगतान होता है। जिले में मानव दिवस लगभग शत-प्रतिशत रहता है। सर्दी के मौसम में मजदूरों की संख्या में कुछ कमी आती है।
कोट -
नए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए मानव दिवस की संख्या बन गई है। इस बार 75 लाख मानव दिवस का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया गया है। मनरेगा में श्रमिकों को प्रतिदिन 237 रुपये की मजदूरी मिलती है। इस हिसाब से जिले के लिए 1 अरब 77 करोड़ 75 लाख का बजट बनाया गया है। जल्द ही शासन स्तर से स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।
रामउदरेज यादव, उपायुक्त, श्रम रोजगार
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