अयोध्या राम मंदिर का निकास मार्ग होगा और चौड़ा, भीड़ में रामभक्तों को होगी आसानी
- अयोध्या राम मंदिर(Ayodhya Ram Mandir) का निकास मार्ग और चौड़ा होगा। दरअसल, ज्यादा संख्या होने के बावजूद श्रद्धालुओं को मंदिर से बाहर निकलने में दिक्कतों का सामना न करना पड़े। भीड़ में रामभक्तों को आसानी होगी।
अयोध्या राम मंदिर(Ayodhya Ram Mandir) में रामभक्तों की सुविधाओं को देखते हुए नित नए प्रयोग किए जा रहे हैं। इसी क्रम में अब निकास मार्ग के कुछ मीटर के हिस्से को और चौड़ा किया जा रहा है जिससे ज्यादा संख्या होने के बावजूद श्रद्धालुओं को मंदिर से बाहर निकलने में दिक्कतों का सामना न करना पड़े। 15 से 20 मीटर तक मार्ग को चौड़ा करने का कार्य शुरू कर दिया गया है जिसे दो दिन के भीतर पूरा करने लेने की तैयारी है।
माघ माह की अमावस्या यानी मौनी अमावस्या 29 तारीख को है। इसके बाद 2 फरवरी को बसंत पंचमी है। इन दिनों रामलला के दर्शन के लिए सबसे ज्यादा भीड़ आने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसलिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और परिसर की सुरक्षा से जुड़े अधिकारी भीड़ के मुताबिक व्यवस्थाओं को अमली जामा पहनाने में जुटे हुए हैं।
सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक रामजन्मभूमि में आने वाले दिनों में प्रतिदिन साढ़े तीन लाख राम भक्तों को दर्शन करने की व्यवस्था बनाई गई है जो अभी तक ढाई लाख प्रतिदिन है। इसलिए रामजन्मभूमि पथ से मंदिर में प्रवेश करने के लिए पहले से अतिरिक्त लेन बनाकर दर्शन कराया जा रहा है।
राम मंदिर के गर्भगृह में जितने भी श्रद्धालु प्रवेश कर रहे हैं उसी अनुपात में उनके निकास की व्यवस्था भी जरूरी है। ऐसा न होने की स्थिति में भीड़ को बाहर निकलने में ज्यादा समय लग रहा था। इस कारण प्रवेश को कुछ मिनट के लिए रोकना पड़ रहा था। नई व्यवस्था के तहत अब परकोटे के बगल से 15 से 20 मीटर तक मार्ग और चौड़ा किया जा रहा है जिससे अंगद टीला मार्ग पर निकासी का फ्लो बराबर बना रहे और प्रवेश कर रही भीड़ को रोकना भी पड़े। इस व्यवस्था को दो दिन के भीतर लागू करने की कवायद है।
हनुमानगढ़ी में दर्शन करने वालों की लाइन रामथ तक लगी
गुरुवार को भी श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ दिखी जिससे हनुमानगढ़ी में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की लाइन भक्तिपथ के बाहर निकल कर राम पथ पर 50 मीटर से अधिक दूरी तक लगी रही। यानी हनुमान गढ़ी मंदिर से लेकर भक्तों को लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबी लाइन में लगकर दर्शन करने का अवसर मिला। यह दृश्य सुबह से शाम तक दिखाई पड़ा। यहां भी प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है।