Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Another big achievement UP government UP leads in reporting TB state reaches close to annual target

यूपी सरकार की एक और बड़ी उपलब्धि, इस काम में आगे निकला यूपी, वार्षिक लक्ष्य के करीब पहुंचा प्रदेश

  • यूपी सरकार ने टीबी के खिलाफ लड़ाई में एक और उपलब्धि हासिल की है, जिसने पूरे प्रदेश में टीबी के मरीजों की पहचान और उपचार में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। अधिकारियों ने बताया इस वित्तीय वर्ष में यूपी ने एक बार फिर प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के प्रयास में अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया है।

Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊ, वार्ताSun, 3 Nov 2024 06:45 PM
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यूपी सरकार ने टीबी के खिलाफ लड़ाई में एक और उपलब्धि हासिल की है, जिसने पूरे प्रदेश में टीबी के मरीजों की पहचान और उपचार में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। अधिकारियों ने बताया इस वित्तीय वर्ष में यूपी ने एक बार फिर प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के प्रयास में अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने बताया कि 6.5 लाख टीबी मरीजों की पहचान करने के लक्ष्य के साथ, प्रदेश ने अक्टूबर के अंत तक इस लक्ष्य का 86 प्रतिशत पहले ही पहचान कर लिया है, जिससे वह टीबी की सूचना देने में अग्रणी राज्य बन गया है।

हाल के आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक अधिसूचित मामलों के साथ यूपी शीर्ष पर है, इसके बाद महाराष्ट्र में 1,85,765 मरीज और बिहार में 1,67,161 मरीज हैं। यह निरंतर गति पिछले साल की सफलता को दर्शाती है, जो दर्शाती है कि राज्य एक बार फिर अपने टीबी अधिसूचना लक्ष्य को पार करने की राह पर है। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि देश और यूपी से टीबी रोग को खत्म करने के लिए ज्यादा से ज्यादा टीबी रोगियों की पहचान करना और उनका इलाज करना बेहद जरूरी है। इस प्रयास को समर्थन देने के लिए केंद्रीय टीबी प्रभाग ने साल की शुरुआत में हर राज्य के लिए अधिसूचना लक्ष्य तय किए थे।

यूपी को 6.5 लाख टीबी रोगियों की पहचान का लक्ष्य दिया गया था, जो पिछले साल 5.5 लाख था। 31 अक्टूबर तक राज्य ने 5.59 लाख टीबी रोगियों की पहचान की है, इस संख्या तक पहुंचने में निजी डॉक्टरों की अहम भूमिका रही है। इनमें से करीब 40 फीसदी मामले यानी दो लाख से ज्यादा मरीज निजी डॉक्टरों के जरिए पंजीकृत हुए। आगरा, मथुरा, झांसी, कानपुर, मेरठ और मुरादाबाद जैसे शहरों में टीबी अधिसूचनाओं में निजी डॉक्टरों ने सरकारी डॉक्टरों से बेहतर प्रदर्शन किया है। लखनऊ, गोरखपुर और बरेली में सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों ने टीबी मामलों की पहचान में बराबर का योगदान दिया।

राज्य टीबी अधिकारी डॉ. शैलेंद्र भटनागर ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदत्यिनाथ के मिशन के बाद 2025 तक यूपी को टीबी मुक्त बनाने के प्रयास जोरों पर हैं। उन्होंने कहा इन कठोर उपायों के कारण, राज्य पूरे देश में टीबी अधिसूचनाओं में अग्रणी बना हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख पहलों, जैसे हर महीने की 15 तारीख को मासिक एकीकृत नक्षिय दिवस, सक्रिय केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान और चल रहे दस्तक अभियान ने इस लक्ष्य की ओर प्रगति को काफी बढ़ावा दिया है। पिछले साल, इन प्रयासों के कारण राज्य ने अपने टीबी अधिसूचना लक्ष्य का 115 प्रतिशत हासिल किया।

2023 में, लक्ष्य 5.5 लाख अधिसूचनाओं का रखा गया था, लेकिन यूपी ने सफलतापूर्वक 6.33 लाख रोगियों की पहचान की जबकि राज्य भर में कई निजी डॉक्टर टीबी से निपटने के लिए सरकार के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं, कुछ जिले निजी अधिसूचनाओं में पिछड़ रहे हैं। उदाहरण के लिए, श्रावस्ती ने इस वर्ष केवल 38 निजी अधिसूचनाएँ दर्ज की हैं। कम निजी अधिसूचना वाले अन्य जिलों में महोबा (215), संत रविदास नगर (271), हमीरपुर (277), कन्नौज (293), सोनभद्र (297), चत्रिकूट (312), सुल्तानपुर (370), अमेठी (392), और कानपुर देहात (395) शामिल हैं।

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