Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़An Atal Vidyalaya will be built in every Nyaya Panchayat of UP, it will have state-of-the-art facilities

यूपी की हर न्याय पंचायत में बनेगा एक अटल विद्यालय, होंगी अत्याधुनिक सुविधाएं

यूपी की हर न्याय पंचायत में एक अटल विद्यालय बनेगा। सूबे की हर न्याय पंचायत में एक अटल विद्यालय बनाने की योजना है। हालांकि यह आवासीय नहीं होगा। अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी।

Deep Pandey लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊ। राजकुमार शर्माTue, 19 Nov 2024 05:22 AM
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यूपी के 18 मंडलों में अटल आवासीय विद्यालय खुल चुके हैं। मुख्यमंत्री हर जिले में ऐसे विद्यालय बनाने की घोषणा भी कर चुके हैं। मगर अब बात उससे भी आगे निकल कर हर न्याय पंचायत तक पहुंच गई है। सूबे की हर न्याय पंचायत में एक अटल विद्यालय बनाने की योजना है। हालांकि यह आवासीय नहीं होगा। इसे लेकर शासन स्तर पर उच्च स्तरीय कवायद चल रही है। स्कूलों के डिजाइन से लेकर उनकी लागत तक सबका आंकलन कराया जा रहा है। एक मोटे अनुमान के मुताबिक यदि यह स्कूल बने तो इन पर करीब आठ लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

अटल आवासीय विद्यालय योगी सरकार का एक बेहद महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। इसमें प्रदेश के पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के मजदूरों को मुफ्त पढ़ाने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त आवासीय विद्यालय हर मंडल मुख्यालय में बनाया गया है। अब इस परिकल्पना को नीचे तक यानि न्याय पंचायत स्तर तक ले जाने की योजना पर कवायद शुरू की गई है। फिलवक्त प्रदेश में अधिकांशत: ग्राम पंचायत स्तर पर प्राथमिक स्कूल बने हैं। वहीं तीन से चार ग्राम पंचायतों को मिलाकर एक न्याय पंचायत गठित है। प्रदेश में इनकी संख्या तकरीबन आठ हजार से अधिक है।

क्या है योजना

शासन स्तर पर चल रही कवायद को देखें तो योजना न्याय पंचायत स्तर पर एक ऐसा स्कूल बनाने की है, जिसके बाद ग्राम पंचायतों में अलग-अलग स्कूलों की जरूरत ही न रहे यानि इस स्कूल की क्षमता दो से ढाई हजार बच्चों की हो सकती है। बच्चों को बसों के जरिए इस स्कूल तक लाया जाना प्रस्तावित है। इन स्कूलों के निर्माण के लिए तकरीबन आठ लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी जो कि बहुत बड़ी धनराशि है। इन स्कूलों को बनाने के पीछे तर्क यह है कि स्कूलों की संख्या घटने से प्रभावी मॉनीटरिंग की जा सकेगी। वहीं स्कूली भवनों पर रखरखाव का खर्च भी घटेगा। मौजूदा स्कूली भवनों को फिर किसी अन्य उपयोग में लिया जाएगा। इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिली तो इसे कैबिनेट में ले जाया जाएगा।

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