एएमयू को लेकर कांग्रेस व सपा का वर्जन
अलीगढ़। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। संविधान से बड़ा कुछ नहीं
अलीगढ़। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। संविधान से बड़ा कुछ नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने न्याय किया है। भाजपा को करारा जवाब मिला है। सोमवीर सिंह, कांग्रेस जिलाध्यक्ष।
विश्व में अलीगढ की पहचान एएमयू से है। सुप्रीम कोर्ट ने एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे को बरकरार रखा है। भाजपाइयों को इससे सबक सीखने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत और सराहना करतीं हूं। लक्ष्मीधनगर, सपा जिलाध्यक्ष।
एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर तीन जजों की खंडपीठ से आशा है कि वह सर सैयद की सोच के मद्देनजर आगामी फैसला सुनाएगी। ऐसा भी नहीं है कि गैर मुस्लिमों की तालीम व रोज़गार को लेकर अनदेखी की जाती हो। यहां सभी को तालीम लेने का हक है।
-एम.जमाल खाँ, प्रभारी पश्चिमी यूपी, ऑल इंडिया क़ौमी तंज़ीम
सुप्रीम कोर्ट ने तमाम हमारे बुज़ुर्ग और संस्थान से जुड़े तालिब-ए-इल्म की भावनाओं को ध्यान में रखकर अपना एतहासिक फैसला सुनाया है। यह हर हिंदुस्तानी के लिए फ़ख़्र का मौका है जो हमारे मुल्क की गंगा-जमुनी तहज़ीब का हिस्सा हैं।
-सलमान शाहिद, पूर्व एएमयू छात्र व बसपा नेता
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