एएमयू वर्जन
एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार है। सुप्रीम कोर्ट की बैंच ने विश्वविद्यालय से पूछा कि किन आधारों पर इसे अल्पसंख्यक दर्जा दिया जाए। यह फ़ैसला 1967 के अज़ीज़ बाशा बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया केस के संबंध...
एएमयू वर्जन सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बैंच अभी फैसला लेगी। बैंच एएमयू से यह पूछेगी कि आपको किन आधार पर अल्पसंख्यक दर्जा दिया जाए। न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है कि जो भी निर्णय आएगा वह जनमानस के अनुरूप होगा।
-अनिल पाराशर, कोल विधायक
सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला स्वागत योग्य है। हमारी लड़ाई अज़ीज़ बाशा वर्सस यूनियन ऑफ़ इंडिया के 1967 वाले फ़ैसले को हटाने की थी। जिसके तहत विश्वविद्यालय का अल्पसंख्यक दर्जा ख़तरे में आया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने उस फ़ैसले को दरकिनार कर दिया है और मानदण्ड बता दिये हैं। कि किन आधार पर अल्पसंख्यक दर्जा दिया जायेगा। फ़िलहाल विश्वविद्यालय का अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार रहेगा।
-फ़हद ख़ान, एडवोकेट, सुप्रीम कोर्ट
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