बिना पानी की झील और टूटी बेंच देखने भी आते हैं पर्यटक
Aligarh News - फोटो.. दयनीय स्थिति में चल रही है शेखा झील 40 से 50 पर्यटक झील को

फोटो.. दयनीय स्थिति में चल रही है शेखा झील 40 से 50 पर्यटक झील को निहारने आते हैं रोज पानी न होने के चलते जल कुंभी सूख कर कचरा बनी बर्ड फ्लू के चलते एक सप्ताह के लिए किया गया है बंद अलीगढ़, कार्यालय संवाददाता। विलेज टूरिज्म में विकसित होने वाली शेखा झील दयनीय हालत में है। न तो वहां पर पानी है और नहीं बैठने की ठीक व्यवस्था। यहां पर आने वाले पर्यटक वहां की खराब स्थिति की छवि अपने कैमरे में कैद कर ले जाते हैं। वैसे तो शेखा झील में इस समय न के बराबर पक्षी हैं, फिर भी बर्ड फ्लू चलते उसे एक सप्ताह तक बंद किया गया है।
जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर 40 हेक्टेयर में फैली शेखा झील सर्दियों के मौसम में करीब 186 प्रवासी मेहमान परिंदों की सबसे पसंदीदा जगह है। नवंबर से लेकर फरवरी तक ही झील पक्षियों से गुलजार रहती है। गर्मियों की शुरुआत में ही अपने ये परिंदे अपने वतन लौटने लगते हैं। वर्तमान में शेखा झील की स्थिति दयनीय है। यहां पर पक्षियों की संख्या बेहद कम है। झील में पानी न होने के चलते जल कुंभी सूख गई है। झील के कुछ दायरे में ही पानी देखा गया है। साथ ही पर्यटकों के बैठने के लिए दी गई बेंच भी टूटी पड़ी है। इसके अलावा पर्यटकों को धूप से बचाने वाली बनाई गई लकड़ी और झाड़ियों की छतरी भी क्षत-विक्षत अवस्था में है। जबकि बताया जाता है कि रोज यहां पर 40 से 45 पर्यटक आते हैं। ऐसे में पर्यटक यहां की दयनीय स्थिति को अपने कैमरे में कैद कर ले जाते हैं। इतने पक्षी आते हैं यहां पर यहां पर विदेशी सारस, मुरैन पनकौआ, जलकौआ, ब्लैक आइविश, बड़ा बगुला, स्काट बिल, जल मुर्गा, पिनटेल, कॉमन टेल, ब्लैक पिनटेल, डार्टर, ग्रे हीरोन, पेटेंड स्ट्रोक, ग्रेट कोरमोरेंट, पर्पल हीरोन, कॉम्ब डक, व्हाइट आईबिज, ब्लैक हैडेड आईबिज, ओपन बिल स्ट्रोक, स्पॉट बिल्ड डक, ब्लैक नेक्ड स्ट्रोक, व्हाइट ब्रेस्टेड वाटर हेन, कॉमन मूरहेन, लिटिल कोरमोरेंट, व्लाइट आईबिज, सोवलर, ग्रेलेग गूज, गेटबेल, सुर्खाव, सावलर, दूब आदि परिंदे हर साल प्रवास के लिए पहुंचते हैं। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती जाएगी वैसे ही विदेशी परिंदों के आने का सिलसिला बढ़ जाता है। लेकिन वर्तमान में झील में पानी न होने के चलते यहां पर स्टोर्क, स्पॉट बिल, ब्लेकनेट स्टोर्क, पेन्थिक स्टोर्क, सारस और लोकल चिड़िया ही हैं। वर्जन शेखा झील में प्राकृतिक रूप से पानी भरता है। यहां पर किसी अन्य स्त्रोत से पानी भरने की व्यवस्था नहीं है। वहां पर जो भी स्थिति खराब है। उसे ठीक कराया जाएगा। टूटी बेंच और छाया के लिए किए गए इंतजामों को दिखवाकर ठीक कराया जाएगा। साफ सफाई भी कराई जाएगी। नवीन प्रकाश शाक्य, प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग, अलीगढ़
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