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विशेष खबर: नेशनल से लेकर स्टेट हाईवे पर अवैध निर्माणों की बाढ़, हादसों को दावत

अलीगढ़ में नेशनल और स्टेट हाईवे के किनारे 100 से ज्यादा अवैध निर्माण हो चुके हैं, जो हादसों को न्यौता दे रहे हैं। नियमों का उल्लंघन करते हुए होटल और अन्य निर्माण बिना अनुमति के किए गए हैं। एनएचएआई और...

Newswrap हिन्दुस्तान, अलीगढ़Wed, 11 Sep 2024 03:11 PM
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विशेष खबर: नेशनल से लेकर स्टेट हाईवे पर अवैध निर्माणों की बाढ़, हादसों को दावत -कई स्थानों पर हाईवे पर अवैध निर्माणों के चलते यातायात भी बाधित हो रहा

-हाईवे की ग्रीन बेल्ट के बाद 10 मीटर के दायरे में कोई निर्माण नहीं हो सकता

-निर्माण बेहद जरूरी होने पर सड़क परिवहन मंत्रालय व एनएचएआई से एनओसी जरूर

-अलीगढ़ में तीन एनएच व दो स्टेट हाईवे होकर हैं गुजरते, सभी पर 100 अवैध निर्माण

-अधिकारी सोते रहे और हाईवे के दोनों तरफ होटल, बैंक्यूट हाल सहित अन्य निर्माण हुए

फोटो-

अलीगढ़। वरिष्ठ संवाददाता।

केस नंबर-1

कानपुर-गाजियाबाद हाईवे के दोनों तरफ अलीगढ़ सीमा में होटल, मार्केट सहित अन्य पक्के निर्माण हो चुके हैं। नियमों की अनदेखी कर किए इन निर्माणों को न एनएचएआई से एनओसी जारी है और न ही अलीगढ़ विकास प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत है।

केस नबंर-2

अलीगढ़-पलवल हाईवे के दोनों तरफ खेरेश्वर धाम से यमुना एक्सप्रेस के दोनों तरफ अवैध निर्माणों की भरमार है। यहां भी बैंक्वेट हॉल, फार्म हाउस, होटलों का निर्माण हो चुका है। जिसमें अधिकतर निर्माण नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। कई अवैध कॉलोनियों भी इस हाईवे पर काटी जा रही हैं।

नेशनल हाईवे व स्टेट हाईवे के किनारे हुए अवैध निर्माणों के यह कुछ ही उदाहरण हैं। जबकि अलीगढ़ से होकर गुजरने वाले तीन एनएच व दो स्टेट हाईवे के दोनों तरफ 100 से ज्यादा अवैध निर्माण हो चुके हैं। यह अवैध निर्माण हादसों को न्यौता दे रहे हैं लेकिन हैरत की बात है कि सरकारी मशीनरी के द्वारा अब तक इनके खिलाफ प्रभावी कार्यवाही अमल में नहीं लाई जा सकी है।

हाईवे के किनारे प्लॉट लेना लोगों को फायदे का सौदा लगता है इसलिए रोड के आसपास की जमीनों को बिल्डर्स और डेवलपर्स औने-पौने दामों पर बेचते हैं। लेकिन, हाईवे के किनारे जमीन पर आवायीय या व्यवसायिक निर्माण को लेकर नियम निर्धारित हैं, जिनकी अनदेखी करने पर आपके घर व दुकानों को तोड़ा जा सकता है। बीते दिनों प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आउटर रिंग रोड पर कुछ ऐसा ही हुआ था। जिले में भी हाईवे के दोनों तरफ अवैध निर्माण की भरमार है।

0-हाईवे के किनारे ट्रकों की लाइन तो कहीं निर्माण सामिग्री का ढेर

बौनेरे से भांकरी तक हाईवे पर कई जगह ट्रकों की लाइन तो कहीं निर्माण सामिग्री का ढेर देखने को मिलता है। इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि हाईवे पर सफर कितना सुरक्षित है। इस तरह अलीगढ़-पलवल हाईवे पर रोड से सटाकर खोखे व अन्य अस्थाई निर्माण भी हादसों को न्यौता दे रहे हैं।

0-क्या कहता है एनएचएआई का नियम

नेशनल हाईवे की चौड़ाई 60 से 75 मीटर तक होती है। इसके बाद 30 मीटर ग्रीन बेल्ट के लिए जमीन छोड़ी जाती है। इस ग्रीन बेल्ट के 10 मीटर तक नियमानुसार निर्माण नहीं हो सकता है। अगर कोई निर्माण हो रहा है तो वह अवैध श्रेणी में आता है। अगर निर्माण बेहद जरूरी है तो इसके लिए सड़क परिवहन मंत्रालय और एनएचएआई से मंजूरी लेनी पड़ती है। वहीं सभी नेशनल हाईवे के दोनों किनारों के 90 मीटर के भीतर कृषि भूमि की बिक्री निषिद्ध है, क्योंकि भविष्य में सड़क विस्तार के लिए जगह की आवश्यकता होती है। हाईवे के किनारे खेती पर कोई रोक नहीं है। किसान अपनी झोपड़ी भी बना सकते हैं, लेकिन किसान पथ के दोनों किनारों के 90 मीटर के भीतर जमीन पर कोई स्थायी निर्माण नहीं हो सकता है।

0-नेशनल हाईवे कंट्रोल एक्ट, सेक्शन 42 में हाईवे के किनारे निर्माण कार्यों को लेकर नियम स्पष्ट

नेशनल हाईवे कंट्रोल एक्ट, सेक्शन 42 में हाईवे के किनारे निर्माण कार्यों को लेकर नियम स्पष्ट किए गए हैं। इन नियमों के तहत राजमार्ग के मध्य से 40 मीटर तक निर्माण की मंजूरी बिल्कुल नहीं मिलेगी, जबकि 40 से 75 मीटर के दायरे में निर्माण बहुत जरूरी है तो जमीन मालिक को एनएचएआई से अनुमति लेनी होगी।

0-एनएचएआई भी करता है अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही

हाईवे के किनारे हुए अतिक्रमण हटाने के लिए एनएचएआई द्वारा भी कार्यवाही की जाती है। एनएच लैंड एंड ट्रेफिक कंट्रोल-2002 एक्ट के तहत नोटिस जारी कर फोर्स के साथ अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है।

0-सुप्रीम कोर्ट ने भी बीते दिनों दिए हैं निर्देश

हाईवे से सटे अवैध निर्माणों को लेकर बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने भी दिशा-निर्देश एनएचएआई को दिए थे। जिसके बाद अब एनएच के स्तर पर जनता द्वारा सीधे शिकायत दिए जाने के संबंध में हेल्पलाइन की सुविधा शुरू की जाएगी।

0-अलीगढ़ से गुजरने वाले नेशनल हाईवे व स्टेट हाईवे

अलीगढ़-पलवल नेशनल हाईवे

कानपुर-गाजियाबाद नेशनल हाईवे

अलीगढ़-आगरा नेशनल हाईवे

अलीगढ़-रामघाट स्टेट हाईवे

अलीगढ़-मुरादाबाद स्टेट हाईवे

0-वर्जन

हाईवे के किनारे निर्माण के लिए एनएचएआई सहित अन्य विभागों की एनओसी के बाद प्राधिकरण मानचित्र स्वीकृत करता है। जो भी होटल, बैंक्वेट हॉल व अन्य निर्माण बिना मानचित्र स्वीकृत कराए संचालित हो रहे हैं। उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

-अपूर्वा दुबे, वीसी, एडीए

एनएच के सेंटर से जहां सड़क समाप्त होती है। उसके बाद ग्रीन बेल्ट समाप्त होने के बाद 10 मीटर तक कोई भी स्थायी निर्माण नहीं किया जा सकता है। इस तरह के निर्माणों को नोटिस जारी किया जाएगा।

-इंद्रेश कुमार, परियोजना निदेशक, एनएचएआई

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