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एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जा रहने का कोई औचित्य नहीं: सांसद सतीश

एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे पर भाजपा सांसद सतीश गौतम ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं है और सरकार को...

Newswrap हिन्दुस्तान, अलीगढ़Fri, 8 Nov 2024 07:08 PM
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एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जा रहने का कोई औचित्य नहीं: सांसद सतीश -सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भाजपा सांसद ने दी अपनी राय

-काफी समय से से एएमयू व प्रबंधन रहा है भाजपा सांसद के निशाने पर

अलीगढ़। वरिष्ठ संवाददाता। एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले पर अलीगढ़ सांसद सतीश गौतम ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। कहा कि एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार रहने का कोई औचित्य नहीं है। सरकार को चाहिए कि संस्थान को अल्पसंख्यक स्वरूप रहने के चलते जो भी मदद दी जाती हैं, उन्हें रोक दे।

भाजपा सांसद के निशाने पर हमेशा से ही एएमयू रहा है। कभी जिन्ना की तस्वीर, कभी एएमयू में प्रवेश प्रक्रिया, कभी मेडीकल कॉलेज में उपचार में भेदभाव किए जाने को लेकर सांसद सवाल उठाते आए हैं। एएमयू के अल्पसंख्यक स्वरूप को लेकर भी संसद में सांसद के द्वारा कई बार सवाल किया जा चुका है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद हिन्दुस्तान से बातचीत में सांसद ने कहा कि अभी कोई नया फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा नहीं दिया गया है। पुराने अल्पसंख्यक स्वरूप को ही बरकरार रखा है। वहीं अब तीन जजों की नई बेंच आने वाले दिनों में फैसला लेगी। सांसद ने कहा कि अल्पसंख्यक वह कहलाते हैं जो वर्ग पूरे देश में पांच प्रतिशत हो। जबकि यूपी में ही मुस्लिमों की आबादी 19 से 20 प्रतिशत है। जिन जातियों की आबादी दो से तीन प्रतिशथ है, वह अल्पसंख्यक हैं, उन्हें ही अल्पसंख्यक दर्जे का लाभ मिलना चाहिए।

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