बोले अलीगढ़: सुदामापुरी अतिक्रमण और गंदगी की चपेट में
शहर का ऐतिहासिक सुदामापुरी बाजार और उसके आसपास का इलाका आज बदहाली की तस्वीर बन चुका है। यहां अतिक्रमण, दूषित जलापूर्ति, खस्ताहाल सड़कें, गिरासू इमारतें, बिजली के लटकते तार, सफाई व्यवस्था की बदहाली और जलभराव जैसी समस्याओं ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है।
वार्ड नंबर 82 सुदामापुरी इलाके में अतिक्रमण की समस्या इतनी गंभीर हो गई है कि बाजार में पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। दुकानदारों ने फुटपाथों और सड़कों तक अपना सामान फैला रखा है, जिससे रास्ता संकरा हो गया है। हाथ ठेले और अवैध रूप से लगी दुकानों के कारण सड़कें जाम रहती हैं। एंबुलेंस और दमकल वाहन तो यहां से निकल ही नहीं सकते। रिहायशी इलाकों में दूषित जलापूर्ति की समस्या विकराल हो चुकी है। पाइपलाइन में लीकेज होने के कारण घरों में गंदा और बदबूदार पानी आ रहा है। महिलाओं का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद जल निगम ने अब तक पाइपलाइन को ठीक नहीं किया है। गंदा पानी पीने से इलाके में डायरिया, पीलिया और टाइफाइड जैसी बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। लेकिन प्रशासन इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा।
हिन्दुस्तान समाचार पत्र की टीम ने सुदामापुरी के लोगों से संवाद किया। बोले अलीगढ़ अभियान के तहत लोगों ने टीम को अपनी समस्याएं बताई। लोगों ने बताया कि बिजली विभाग के सामने स्थित एक जर्जर इमारत हादसे को न्योता दे रही है। इस इमारत की दीवारें और छतें धीरे-धीरे कमजोर हो रही हैं और आए दिन यहां से ईंट-पत्थर गिरते रहते हैं। इसके नीचे कई दुकानें संचालित हो रही हैं, जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। बरसात के दौरान इस इमारत की हालत और भी खराब हो जाती है, लेकिन नगर निगम अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाया है। बताया कि सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। सड़कों और गलियों में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं, जिससे बदबू और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। नालियां गंदगी से भरी पड़ी हैं, जिससे मच्छर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि सफाई कर्मचारी महीने में सिर्फ दो-तीन बार आते हैं और सिर्फ औपचारिकता निभाकर चले जाते हैं। इलाके की सड़कें भी बदहाल हो चुकी हैं। गड्ढों में तब्दील सड़कों पर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। बरसात में इन गड्ढों में पानी भर जाता है, जिससे सड़कें और खतरनाक हो जाती हैं। कई बार दुपहिया वाहन चालक इन गड्ढों में गिरकर चोटिल हो जाते हैं, लेकिन नगर निगम के पास सड़क मरम्मत के लिए कोई ठोस योजना नहीं है।
लोगों में जताई नाराजगी
सुदामापुरी बाजार और उसके आसपास की बदहाल स्थिति से त्रस्त स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन के प्रति नाराजगी जाहिर की है। बाजार में अतिक्रमण, जलभराव, गंदगी, गिरासू इमारतें, खराब सड़कें और बिजली के लटकते तारों की समस्या को लेकर लोग आक्रोशित हैं। कई बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन की अनदेखी से जनता का धैर्य जवाब देने लगा है। इलाके के व्यापारी और निवासी अब इस स्थिति को लेकर मुखर हो गए हैं और त्वरित समाधान की मांग कर रहे हैं।
बोले लोग
बाजार में अतिक्रमण की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इलाके की सड़कें पूर्ण रूप से जर्जर हो गई हैं। घरों में दूषित जलापूर्ति हो रही है। अगर प्रशासन जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाता, तो हमें मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा। समस्याओं का समाधान हो।
शैंकी पंडित
इलाके में जलभराव और जलनिकासी की समस्या को लेकर लोग नाराज हैं। हल्की बारिश में ही बाजार में पानी भर जाता है, जिससे दुकानें और मकान जलमग्न हो जाते हैं। नालों की सफाई नियमित रूप से नहीं होती, जिससे गंदा पानी गलियों में बहता रहता है।
कुलदीप सारस्वत
घरों में दूषित जलापूर्ति हो रही है। पाइपलाइन में लीकेज की वजह से लोगों को गंदा और बदबूदार पानी पीना पड़ रहा है। इससे इलाके में डायरिया, पीलिया जैसी बीमारियां फैल रही हैं। बिजली के तार घरों के आगे लटके हैं। लेकिन प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है।
शरद शर्मा
इलाके की सफाई व्यवस्था बदहाल है। यूजर चार्ज के नाम पर नगर निगम वसूली कर रहा है। बाजार और रिहायशी इलाकों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। सड़कें कूड़े से पटी रहती हैं। सफाई कर्मचारी सिर्फ औपचारिकता निभाने के लिए कभी-कभी आते हैं।
वीरेंद्र कुमार
बिजली घर के सामने एक गिरासू इमारत है। पुरानी और जर्जर इमारतों की दीवारें और छतें गिर रही हैं। जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। हम कई बार प्रशासन से इसे गिराने की मांग कर चुके हैं। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसका समाधान कराया जाए।
मीना वार्ष्णेय
बाजार की सड़कों की जर्जर स्थिति है। सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। बरसात के समय ये गड्ढे और खतरनाक हो जाते हैं। जिससे वाहन चालक आए दिन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। घरों में जलापूर्ति का कोई समय नहीं है। प्रेशर काफी कम आता है। जिससे परेशानी होती है।
प्रियंका शर्मा
बिजली के लटकते तारों की वजह से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। बारिश या हवा चलने पर तारों से चिंगारी निकलने लगती है। लेकिन बिजली विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। गलियों में कूड़ा-गंदगी पसरी रहती है। इतने पुराना बाजार का भी विकास नहीं है।
ऊषा सैनी
इलाके के हैंडपंप लंबे समय से खराब पड़े हैं। गरीब और जरूरतमंद परिवारों के पास महंगा पानी खरीदने का विकल्प नहीं है। जिससे वे मजबूरी में दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। जगह-जगह पाइपलाइन में लीकेज की समस्या बनी रहती है। सीवर व्यवस्था ध्वस्त पड़ी है।
निर्मला सारस्वत
बाजार में दिनभर अतिक्रमण की वजह से जाम की समस्या बनी रहती है। पैदल चलना मुश्किल हो गया है और स्कूली बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। इतना टैक्स देने के बाद भी घरों में दूषित जलापूर्ति हो रही है। गली-मोहल्लों में गंदगी पसरी रहती है।
नीता शर्मा
प्रशासन की लापरवाही के चलते लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। शिकायत करने के बावजूद कोई समाधान नहीं किया जाता। लोगों की दिक्कतों को नजरअंदाज करना प्रशासन की पुरानी आदत बन चुकी है। महिलाएं पानी के लिए काफी परेशान रहती हैं।
सुनीता
सुदामापुरी बाजार की हालत बद से बदतर हो चुकी है। यहां ना तो यातायात व्यवस्था सही है और ना ही सफाई व्यवस्था। बिजली के लटकते तार और खस्ताहाल इमारतें जानलेवा साबित हो सकती हैं। सड़कें पूरी तरह से जर्जर हालत में हैं। पानी की किल्लत बनी हुई है।
पप्पन
व्यापारियों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ता है। बरसात में दुकानें जलमग्न हो जाती हैं, जिससे सामान खराब हो जाता है और बिक्री पर असर पड़ता है। हल्की बारिश में ही जलभराव हो जाता है। घरों में भी पानी घुस जाता है। लोगों को ऊपरी मंजिल पर रहना पड़ता है।
भोपाली
इस इलाके में पुराना बाजार है। यहां करीब 200 से अधिक दुकानें भी हैं। बाजार के दोनों ओर रिहायशी इलाका है। जहां हजारों की संख्या में लोग रहते हैं। लेकिन, मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। जिसके कारण स्थानीय नागरिक परेशान है। समस्याओं का निदान होना चाहिए।
शिव कुमार
नगर निगम के अधिकारी सो रहे हैं। इलाके की सफाई व्यवस्था और जलभराव की समस्या को हल करने के लिए ठोस योजना नहीं बनाई जा रही है। हर साल यही स्थिति होती है। लेकिन प्रशासन पर इसका कोई असर नहीं है। नगर निगम सिर्फ कर वसूली के लिए बना है।
मधु
बिजली विभाग, नगर निगम और जल विभाग की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। सभी विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर बचने की कोशिश करते हैं। इससे आम नागरिक परेशान है। समन्वय बैठाकर इलाके की समस्याओं का निदान होना चाहिए।
धर्मेंद्र सिंघल
बाजार और रिहायशी इलाके में काफी परेशानी है। नलों से दूषित जलापूर्ति हो रही है। बाजार और गली-मोहल्लों में नियमित साफ-सफाई का अभाव है। अगर जल्दी ही इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो इलाके के नागरिक सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे।
शिब्बू वार्ष्णेय
प्रशासन का रवैया बेहद गैर-जिम्मेदाराना है। जनता की परेशानियों को अनदेखा करना अधिकारियों की आदत बन गई है। इतने सालों से इलाके की यही हाल बना हुआ है। एक-दो सड़क के अलावा निर्माण कार्य ही नहीं हुए हैं। गंदगी और जलभराव की समस्या प्रमुख है।
सुभाष चंद्र
सुदामापुरी बाजार के नागरिकों की मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द इन समस्याओं का समाधान करे। अन्यथा जनता मजबूर होकर उग्र प्रदर्शन करने के लिए तैयार है। बिजली के लटकते तार भी लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं। बरसात के दौरान सुदामापुरी की स्थिति और भी भयावह हो जाती है।
धर्मेंद्र
नालियों की सही निकासी न होने के कारण बाजार और घरों में पानी भर जाता है। जलभराव की स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि लोग मजबूर होकर अपने घरों की ऊपरी मंजिलों पर चले जाते हैं। रिहायशी इलाके के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।
आकाश
प्रशासन की लापरवाही के कारण सुदामापुरी बाजार और आसपास के इलाके में काफी परेशानी है। जलभराव की समस्या काफी विकराल हो जाती है। गलियों की सफाई नहीं होती। यूजर चार्ज लेने के बाद भी बाजारों में कूड़ा पड़ा रहता है। नालियां लबालब भरी हुई हैं।
मीना
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