बोले अलीगढ़: अलीगढ़ को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित किया जाए
अलीगढ़ में 250 से अधिक होटल 300 रेस्टोरेंट हो रहे हैं संचालित, -पिछले कई सालों में नामी कंपनियों के होटल अलीगढ़ में आए, रमाडा, लेमन ट्री, फार्यचुन समेत कई कंपनियों ने होटल किए स्थापित, अलीगढ़ को होटल इंडस्ट्री के विकास को पर्यटन से जोड़ा जाए.
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ब्रज क्षेत्र से सटे अलीगढ़ में पर्यटन सेक्टर में अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन स्थलों के विकास से ही होटल इंडस्ट्री का कारोबार रफ्तार पकड़ता है। अलीगढ़ अतिथि सात्कार को अच्छी तरह जानता है, लेकिन यहां पर बाहर से आने वालों की कमी है। पिछले कई सालों में बड़ी कंपनियों के होटल स्थापित हुए। जिस तरह से अलीगढ़ में डिफेंस कॉरिडोर, स्टेट यूनिवर्सिटी, ग्रेटर अलीगढ़ का प्रस्ताव, ट्रांसपोर्ट नगर व सीमेंट इकाइयों की स्थापना हुई उससे लगा कि होटल इंडस्ट्री विकास करेगी। लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। होटल कारोबारियों की मानें तो अलीगढ़ की होटल इंडस्ट्री के विकास को गुजरात, मंुबई, साउथ, राजस्थान, उत्तराखंड के लिए कनेक्टिविटी की जरूरत है। अलीगढ़ में थ्री स्टार श्रेणी के होटल हैं, लेकिन उनको ग्राहक नहीं मिल रहे हैं। होटल संचालक सरकार से नीतियों में बदलाव चाहते हैं।
होटल इंडस्ट्री के उत्थान को विदेशी बॉयरों के अनुकूल स्थापित हो इंटरनेशनल एक्सपो सेंटर
अलीगढ़ में पौराणिक स्थलों की भरमार है। पर्यटन के लिहाज से अलीगढ़ को विकसित किया जा सकता है। प्राचीन धरणीधर सरोवर, श्री खेरेश्वरधाम और इसके अलावा शेखाझील यहां पर घूमने लायक स्थल है। लेकिन इनको विकसित नहीं किया गया है। हिन्दुस्तान समाचार पत्र के अभियान बोले अलीगढ़ के तहत अलीगढ़ के होटल एंड रेस्टोरेंट इंडस्ट्री के संचालकों ने अलीगढ़ में होटल इंडस्ट्री के समक्ष आने वाली कठिनाइयों व उसके समाधान को लेकर सुझाव दिया।
अलीगढ़ में 250 से अधिक छोटे बड़े होटल संचालित हैं। पिछले दो सालों में करीब 25 से अधिक नए होटल स्थापित हुए। अलीगढ़ में बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर को देखते हुए होटल कंपनियों ने पैर जमाया। लेकिन होटल कंपनियों को उम्मीद के मुताबिक कारोबार नहीं मिल पा रहा है। होटल एंड रेस्टोरेंट संचालकों की मानें तो ताला तालीम के नाम से देश विदेश में अलीगढ़ की प्रसिद्ध है। लेकिन इस प्रसिद्ध का लाभ होटल इंडस्ट्री को नहीं मिल रहा है। होटल संचालकों ने कहा कि दूसरे राज्यों व जिलों में लोग बाहर से आते हैं और अलीगढ़ में उल्टा लोग यहां से जाते हैं। जबतक लोगों का आवागमन बाहर से नहीं होगा तबतक होटल इंडस्ट्री विकास नहीं कर पाई है। अलीगढ़ में चार से पांच हजार ताला-हार्डवेयर संचालक व 300 से अधिक निर्यातक हैं। लेकिन सभी को कारोबार के लिए विजिट करने बाहर जाना पड़ता है। अलीगढ़ में बाहर से आने वाले बॉयरों की संख्या नहीं के बराबर है। अलीगढ़ में बाहर से विदेश व घरेलू बॉयरों का आगमन होगा तो यहां के होटलों के कमरे बुक होंगे और यहां की इकाइयों को सुविधा मिलेगी। अलीगढ़ में पर्यटन के अधिकारियों की नियुक्ति होनी चाहिए। यहां पर फूड मैनेजमेंट व होटल मैनेजमेंट संबंधित इंस्टीट्यूट की स्थापना की जाए। ताकि होटल इंडस्ट्री को आसानी से कर्मचारी मिल सकें।
अलीगढ़ इंटरनेशनल एक्सपो सेंटर स्थापित हो
होटल संचालकों ने कहा कि अलीगढ़ में पर्यटन की संभावनाएं बहुत हैं। इसको इको टूरिज्म से जोड़ने के साथ अलीगढ़ें इंटरनेशनल स्तर का एक्सपो सेंटर स्थापित होना चाहिए। इसके स्थापित होने से औद्योगिक, शैक्षणिक, कॉमर्शियल व बैंकिंग सेक्टर समेत अन्य निजी संस्थानों के इवेंट प्रस्तावित होंगे। यहां पर ताला-हार्डवेयर की अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनी लगे तो होटल इकाइयों को काम मिलेगा।
पौराणिक स्थलों को विकसित किया जाए
होटल इंडस्ट्री के संचालकों ने कहा कि अयोध्या, वाराणसी व महाकुंभ से पूर्वांचल की अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिल रहा है। वहां पर बड़ी बड़ी कंपनियों के होटल रेस्टोरेंट स्थापित हो रहे हैं। उनको काम मिल रहा है। इसी तरह से अलीगढ़ के पौराणिक स्थलों को विकसित किया जाए। दिल्ली एनसीआर से सटे अलीगढ़ जिले हाईस्पीड ट्रेनों से जोड़ा जाए।
अलीगढ़ की सड़कों को सुधारा जाए और पार्किंग की सुविधा हो
होटल एंड रेस्टोरेंट इंडस्ट्री के संचालकों ने कहा कि अलीगढ़ में वर्तमान समय में होटल इंडस्ट्री के विकास के लिए स्थानीय स्तर पर कई काम करने होंगे। अलीगढ़ की सड़कों को सुधारा जाए। बाजार व प्रमुख स्थलों के पास पार्किंग की सुविधा दी जाए। स्मार्ट सिटी के तहत सेंटर प्वाइंट को अभी तक पूरी तरह नहीं विकसित किया जा सका है। समद रोड पर हमेशा जाम लगता है। स्टेशन वाली रोड का निर्माण शुरू नहीं हुआ। चारों सड़कों के पास मल्टीलेवल पार्किंग प्रस्तावित थी, लेकिन अभी तक नहीं बनी। सड़कें अच्छी होंगी और पार्किंग की व्यवस्था होगी तो इससे स्थानीय स्तर पर ग्राहक आउटिंग के लिए निकलेगा। जीटी रोड स्थिति खराब है। आगरा रोड बाईपास पर जलभराव होता है। शहर में घुसते ही बाहर से आने वाले नकारात्मक दृष्टिकोण से देखते हैं।
होटल इंडस्ट्री को कुशल कारीगर नहीं मिल रहे
स्थानीय स्तर पर होटल इंडस्ट्री को अच्छे कारीगर नहीं मिल रहे हैं। होटल संचालकों ने इसके पीछे कारण सरकार की नीतियों को बताया। कहा कि लोग अब अपना स्वयं का काम करना पसंद कर रहे हैं। 20 से 30 हजार रुपये की नौकरी नहीं कर रहे हैं। दूसरी ओर सस्ता कर्ज, मुफ्त राशन स्कीम का भी प्रभाव पड़ रहा है। जिसके कारण कारीगर व हेल्पर नहीं मिल रहे हैं।
फूड विभाग होटल-रेस्टोरेंट को टारगेट नहीं करे
होटल संचालकों ने कहा कि अलीगढ़ में बड़ी संख्या में शाम होते ही प्रमुख सड़कों के किनारे रेहड़ी पटरी सज जाती है। लोग अब वहां पर फास्ट फूड खा रहे हैं और जो लाखों रुपये लगाकर रेस्टोरेंट व होटल खोलकर बैठा है वह खाली है। शाम को रेस्टोरेंट में ग्राहक नहीं होते हैं और रात को होटल में डिनर के लिए लोग नहीं आ रहे हैं। फूड विभाग होटल रेस्टोरेंट पर आए दिन नमूने लेता है। लेकिन स्ट्रीट वेंडरों की जांच, हाईजीन, क्या सामग्री इस्तेमाल कर रहे हैं किसी तरह की सैंपलिंग फूड विभाग नहीं करता है। सरकारी विभाग होटल संचालकों को टारगेट नहीं करें।
हैबिटेट सेंटर का स्वरूप बदला जाए
स्मार्ट सिटी के तहत लाल डिग्गी पर 75 करोड़ रुपये से बनाए गए हैबिटेट सेंटर को लेकर भी होटल संचालकों ने सवाल खड़े किए। कहा कि पहले इसको एक एक्सपो सेंटर कहकर निर्माण किया गया था। लेकिन बनने के बाद उसमें बैंक्वेट हाल, जिम व अन्य कॉमर्शियल गतिविधि हो रही है। हैबिटेट सेंटर में सरकारी व निजी संस्थाओं के आयोजन होते तो उसका फायदा होटल इंडस्ट्री को मिलता। इसके स्वरूप में बदलाव पर विचार करना चाहिए।
अलीगढ़ को मेंडू लाइन से जोड़ा जाए, एअरपोर्ट से उड़ानें शुरू हों
अलीगढ़ से राजस्थान, मंुबई, गुजरात की रेल कनेक्टिविटी नहीं है। होटल कारोबारियों ने कहा कि हाथरस के मेंडू लाइन से अलीगढ़ को जोड़ा जाए। ताकि ट्रेनों का संचालन अलीगढ़ तक हो सके। मथुरा व आगरा भी रेल मार्ग से जोड़ा जाए। इसके अलावा धनीपुर एअरपोर्ट से मंुबई, हैदराबाद, बैंग्लोर, अहमदाबाद, गुवाहाटी, उत्तराखंड के लिए हवाई सेवाएं शुरू की जाएं।
अलीगढ़ का प्राचीन नाम कोल था। द्वापरयुग में यहां भगवान श्रीकृष्ण अपने बड़े भाई बलराम के साथ आए थे। कोल नामक राक्षस का वध किया था। लोधा क्षेत्र में श्री खेरेश्वरधाम मंदिर स्थित विशाल टीला था। यहां पर भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बड़े भाई के साथ विश्राम किया था। यहीं पर स्थित शिवलिंग का पूजन भी किया था। इसी के बाद से यह स्थान धार्मिक स्थल के रुप में प्रसिद्ध हो गया। यहां बांके बिहारीजी की तरह कन्हैया विराजमान हैं। संगीत सम्राट और भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त स्वामी हरिदासजी की भी प्रतिमा स्थापित है। इससे यह मंदिर ब्रज को जोड़ता है।
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