बोले अलीगढ़: गांवों की सुरक्षा में लगे चौकीदारों की समस्याओं का समाधान कब
गांव-गांव में गश्त कर आपराधिक मामलों की निगरानी करने वाला चौकीदार आज मानदेय से लेकर वर्दी तक की कमी से जूझ रहा है। जिले के प्रत्येक गांव के थाने में दो-दो चौकीदारों की तैनाती हैं। सभी की जिम्मेदारी गांव की निगरानी करने की है। एक माह में चार दिन थाने में गांव की सूचनाएं देनी होती है।
चौकीदार को एक वर्दी, टॉर्च दी जाती है। वो भी पिछले 6-7 साल से नहीं मिली। थाने में चौकीदारों से अन्य कार्य कराए जाते हैं। जो उनके कार्यक्षेत्र में नहीं आते। चौकीदारों ने बताया कि मानदेय के रूप में उन्हें केवल ढाई हजार रुपये मिलते हैं। इतने रुपये में आज की महंगाई में गुजारा करना बेहद मुश्किल है। चौकीदारों ने बताया कि उन्हें हर माह 18 हजार रुपये न्यूनतम वेतन दिया जाए। इसके अलावा उन्हें वर्दी भी उपलब्ध कराई जाए।
चौकीदार समाज का एक महत्वपूर्ण अंग हैं, जो दिन-रात हमारी सुरक्षा में लगे रहते हैं। ये ग्रामीण अंचल का प्रहरी है। जो सबसे पहले सूचनाएं पुलिस तक पहुंचाते हैं। चौकीदारों को बहुत कम वेतन मिलता है, जिससे वे अपने परिवार का भरण-पोषण मुश्किल से कर पाते हैं। ग्रामीण अंचलों में चौकीदारों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। लेकिन उनकी मेहनत और जिम्मेदारी के बावजूद वे अनेक समस्याओं से जूझ रहे हैं। ग्रामीण चौकीदारों को बहुत कम वेतन मिलता है, जिससे उनका गुजारा करना मुश्किल हो जाता है। कई मामलों में उन्हें समय पर वेतन नहीं मिलता और महीनों तक भुगतान लंबित रहता है।
हिन्दुस्तान समाचार पत्र ने शुक्रवार को जिले के 1200 से अधिक चौकीदारों की समस्याएं सुनी। बोले अलीगढ़ अभियान के तहत चौकीदारों ने टीम को अपनी समस्या बताई। चौकीदारों ने बताया कि वह अनुबंध या दिहाड़ी पर काम करते हैं, जिससे उनकी नौकरी की कोई गारंटी नहीं होती। स्थायी पद न होने के कारण उन्हें किसी भी समय हटाया जा सकता है। गांव में चौकीदारों से अपेक्षा की जाती है कि वे चौबीसों घंटे सतर्क रहें। कई बार उन्हें सुरक्षा के अलावा सफाई, देखरेख और अन्य सरकारी कार्यों में भी लगा दिया जाता है। जबकि इसके लिए उन्हें अलग से कोई भुगतान नहीं मिलता। चौकीदारों को अक्सर बिना किसी सुरक्षा उपकरण के काम करना पड़ता है। कई स्थानों पर उन्हें लाठी तक उपलब्ध नहीं होती, जिससे किसी आपात स्थिति में वे खुद को बचाने में असमर्थ रहते हैं। अधिकांश चौकीदारों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं जैसे कि स्वास्थ्य बीमा, पेंशन और अन्य सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता। वे अपने इलाज और बुढ़ापे की चिंता में रहते हैं। चौकीदारों को वह सम्मान नहीं मिलता, जो अन्य सरकारी कर्मचारियों को दिया जाता है। कई बार लोगों द्वारा उन्हें कमतर आंका जाता है और उनके काम को महत्वहीन समझा जाता है। अगर इनकी वेतन वृद्धि और समय पर भुगतान मिल जाए तो समस्या कुछ कम होगी। इसके अलावा सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें समय पर भुगतान मिले। चौकीदारों की नियुक्ति स्थायी होनी चाहिए ताकि वे वित्तीय असुरक्षा से मुक्त हो सकें। साथ ही, उन्हें स्वास्थ्य बीमा और पेंशन जैसी सुविधाएं दी जानी चाहिए।
बोले जिम्मेदार
जिले में करीब 1200 से अधिक चौकीदार हैं। इनके परिचय पत्र की समस्या थी। जिसे थाना स्तर से निस्तारित कराया जाएगा। सभी चौकीदारों के परिचय पत्र बनवाएं जाएंगे।
अमित कुमार भट्ट, एडीएम सिटी
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चौकीदार पुलिस विभाग के लिए काफी मददगार है। ग्रामीणांचल के प्रहरी है। उनको समय-समय पर प्रोत्साहित किया जाता है। स्थानीय स्तर की समस्याओं का निदान कराया जाएगा।
मृगांक शेखर पाठक, एसपी सिटी
समस्या
-चौकीदारों को बहुत कम वेतन मिलता है, जिससे उनका गुजारा मुश्किल होता है।
-कई बार महीनों तक वेतन नहीं मिलता, जिससे आर्थिक संकट बना रहता है।
-चौकीदारों को दिन-रात सतर्क रहना पड़ता है, लेकिन अतिरिक्त समय का कोई भुगतान नहीं किया जाता।
-उनके पास लाठी, टॉर्च या संचार उपकरण नहीं होते, जिससे किसी आपात स्थिति में वे असहाय हो जाते हैं।
-पेंशन, बीमा, स्वास्थ्य सुविधाएं जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिलता।
-कई बार उनसे सफाई, चौकीदारी के अलावा अन्य काम भी करवाए जाते हैं, जिनका अलग से भुगतान नहीं होता।
-गांव में चौकीदारों को सम्मान नहीं दिया जाता। उनके कार्य को कम महत्व दिया जाता है।
-सुरक्षा से जुड़े आधुनिक तरीकों और उपकरणों का प्रशिक्षण नहीं दिया जाता।
सुझाव
-सरकार को चौकीदारों के वेतन में वृद्धि करनी चाहिए।
-प्रशासन को सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें हर महीने समय पर वेतन मिले।
-चौकीदारों की नियुक्ति स्थायी की जाए ताकि वे सुरक्षित महसूस करें।
-चौकीदारों के लिए अधिकतम 8-10 घंटे की शिफ्ट होनी चाहिए।
-उन्हें टॉर्च, लाठी, वॉकी-टॉकी जैसी सुविधाएं दी जाएं।
-चौकीदारों को स्वास्थ्य बीमा, पेंशन और अन्य सुविधाएं दी जाएं।
-गांव के लोगों को उनके प्रति सम्मानजनक रवैया अपनाने के लिए जागरूक किया जाए।
-चौकीदारों के लिए बीमा योजना शुरू की जाए। ताकि किसी हादसे में उन्हें सहायता मिले।
-आधुनिक सुरक्षा तकनीकों का प्रशिक्षण देकर उनकी दक्षता बढ़ाई जाए।
गांव में चौकीदारों की समस्याएं बनीं चिंता का विषय
गांवों में सुरक्षा का दायित्व संभालने वाले चौकीदार खुद अनेक समस्याओं से जूझ रहे हैं। कम वेतन, अस्थायी नौकरी और लंबी ड्यूटी उनके जीवन को कठिन बना रही है। अधिकतर चौकीदारों को समय पर वेतन नहीं मिलता, जिससे उनका परिवार आर्थिक संकट में रहता है। चौकीदारों को 12-14 घंटे तक काम करना पड़ता है, लेकिन ओवरटाइम का कोई भुगतान नहीं होता। सुरक्षा के लिए आवश्यक उपकरण, जैसे टॉर्च, लाठी और संचार सुविधाएं भी उन्हें नहीं मिलतीं। सरकारी योजनाओं का लाभ भी अधिकांश चौकीदारों को नहीं मिलता। जिससे वे स्वास्थ्य सेवाओं और पेंशन से वंचित रहते हैं। इसके अलावा, चौकीदारों को सफाई और अन्य अतिरिक्त कार्यों में भी लगा दिया जाता है। जबकि उन्हें केवल सुरक्षा के लिए नियुक्त किया गया है। समाज में भी उन्हें वह सम्मान नहीं मिलता, जिसके वे हकदार हैं। चौकीदारों की स्थिति सुधारने के लिए सरकार को उनके वेतन में वृद्धि, स्थायी नियुक्ति और सुरक्षा सुविधाएं प्रदान करने जैसे कदम उठाने होंगे।
बोले चौकीदार
हम दिन-रात गांव की सुरक्षा में लगे रहते हैं, लेकिन हमें न वेतन समय पर मिलता है, न ही कोई अन्य सुविधा। हमारी मांगें अनसुनी की जा रही हैं। चौकीदार का मानदेय भी सिपाही के बराबर होना चाहिए।
जसवंत सिंह
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सरकार को हमारी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। चौकीदारों को स्थायी कर्मचारी का दर्जा मिलना चाहिए, जिससे हमें वेतन और अन्य सुविधाएं मिल सकें। कई चौकीदारों पर वर्दी तक नहीं है।
धर्मेंद्र सिंह
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हमारी स्थिति बहुत दयनीय है। न तो हमें सामाजिक सुरक्षा मिलती है और न ही किसी तरह का भत्ता। सरकार को जल्द से जल्द हमारी समस्याओं का समाधान करना चाहिए। सभी चौकीदारों को वर्दी दी जाए।
अमित कुमार
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हम चौकीदारों को गांव की शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी दी जाती है। लेकिन, जब हमारे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होती है, तब कोई हमारी मदद के लिए आगे नहीं आता।
यतेंद्र
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कई बार हम प्रशासन के अधिकारियों को अपनी मांगों के बारे में बता चुके हैं। लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिलता है। आज तक चौकीदारों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है। हमारा मानेदय बढ़ना चाहिए।
धीरज कुमार
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गांव में सुरक्षा का दायित्व हमारे कंधों पर है, लेकिन हमारा वेतन बहुत कम है। जिससे गुजारा करना मुश्किल हो रहा है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी वर्दी तक नहीं है। थाने में उल्टे-सीधे कार्य कराए जाते हैं।
बलवीर
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हम चौकीदारों को किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिलता। हमारी न पेंशन है और न ही कोई बीमा। हमारी सुरक्षा और भलाई के लिए सरकार को कुछ कदम उठाने चाहिए। जिससे चौकीदारों का उत्थान हो सके।
मुकेश चौहान
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हम गांव में अपराध रोकने के लिए हर समय सतर्क रहते हैं। लेकिन हमारी परेशानियों को कोई नहीं देखता। चौकीदारों के लिए वेतन बढ़ाने और अन्य सुविधाएं देने की जरूरत है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।
दीपेश पाठक
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हमसे 24 घंटे काम लिया जाता है। लेकिन इसके बदले में हमें न तो सही वेतन मिलता है और न ही कोई अन्य सुविधा। यह चौकीदार बिरादरी के साथ अन्याय है। हमें समाज से अपेक्षित रखा जाता है।
ईशेंदर
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हम चाहते हैं कि चौकीदारों को भी स्वास्थ्य बीमा और भविष्य निधि जैसी सुविधाएं दी जाएं। जिससे हमारा भविष्य सुरक्षित हो सके। इसके अलावा चौकीदारों का मानदेय बढ़ाया जाए। जिससे वह एक बेहतर जिंदगी जी सकें।
राम प्रसाद
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गांव में शांति और सुरक्षा बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। लेकिन हमें जो वेतन मिलता है, उससे परिवार पालना मुश्किल हो रहा है। सबसे पहले एक इज्जतदार जिंदगी जीने के लिए मानदेय बढ़ाया जाए।
बालकिशन
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सरकार को चौकीदारों की स्थिति पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और हमें सरकारी कर्मचारी का दर्जा देना चाहिए। सिपाही के बराबर वेतनमान रखा जाए। तभी कुछ इस बिरादरी का उद्धार हो सकता है।
समीर
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चौकीदारों की स्थिति बहुत खराब है। हम सरकार से बार-बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अगर जल्द हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो हमें बड़े स्तर पर आंदोलन करना पड़ेगा।
नीटू चौधरी, अध्यक्ष, ग्राम चौकीदार एसोसिएशन
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हम चौकीदारों को बहुत मेहनत करनी पड़ती है। लेकिन हमें किसी तरह की सरकारी सुविधा नहीं दी जाती। यह गलत है। स्वास्थ्य बीमा और ईपीएफ जैसी सुविधा मिलनी चाहिए। जिससे परिवार सुरक्षित रहे।
जुम्मन खान
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हम दिन-रात गांव की रक्षा में लगे रहते हैं, लेकिन हमें कोई मान-सम्मान नहीं मिलता। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। सभी चौकीदारों को वर्दी मिले और सम्मान जनक वेतन मिलना चाहिए।
अमर सिंह
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चौकीदारों को नियमित वेतन और सुविधाएं मिलनी चाहिए। जिससे वह अपने परिवार का पालन-पोषण सही तरीके से कर सकें। बीमा और भविष्य निधि जैसी सुविधाएं मिलेंगी तो परिवार का ख्याल अच्छे से रखा जा सकेगा।
राम कुमार
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हमारी मांगें बहुत समय से लंबित हैं। सरकार को इस पर ध्यान देकर जल्द से जल्द समाधान करना चाहिए। सरकार को चौकीदारों की स्थिति पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और हमें सरकारी कर्मचारी का दर्जा देना चाहिए।
प्यारे सिंह
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गांव की सुरक्षा हमारे भरोसे रहती है, लेकिन हमारी अपनी स्थिति दयनीय बनी हुई है। हमें भी अन्य सरकारी कर्मचारियों की तरह सुविधाएं मिलनी चाहिए। निशुल्क बीमा सुविधा मिले। जिससे गंभीर बीमारियों का इलाज हो सके।
विजय पाल सिंह
नंबर गेम
-1200 से अधिक जिले में चौकीदारों की संख्या।
-2.5 हजार रुपये मिलता है मानदेय।
-18 हजार रुपये न्यूनतम मानदेय देने की मांग की।