Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Akhilesh Yadav said thanks on Mayawati s gratitude said This unity will write golden history

यह एकजुटता सुनहरा इतिहास लिखेगी, अखिलेश यादव ने मायावती के आभार पर ऐसे कहा धन्यवाद

  • बसपा प्रमुख मायावती के आभार का जवाब सोमवार को अखिलेश यादव ने धन्यवाद के साथ दिया है। इसके साथ ही यह भी कहा कि भाजपा कही भी किसी को किसी के साथ नहीं आने देना चाहती है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानMon, 26 Aug 2024 03:35 PM
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यूपी की राजनीति में ऐसा लगता है कि अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और मायावती की बहुजन समाज पार्टी के बीच 2019 लोकसभा चुनाव के बाद जमी बर्फ पिघल रही है। मायावती को यूपी की सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री बताने वाले भाजपा विधायक के बयान पर अखिलेश यादव ने जैसे ही विरोध दर्ज कराया, मायावती की तरफ से सपा प्रमुख का आभार जताया गया। इस आभार का जवाब सोमवार को अखिलेश यादव ने धन्यवाद के साथ दिया है। इसके साथ ही यह भी कहा कि भाजपा कही भी किसी को किसी के साथ नहीं आने देना चाहती है। उन्होंने कहा कि बसपा प्रमुख मायावती ने आभार व्यक्त किया तो हम धन्यवाद देना चाहते हैं। यह भी कहा कि राजनीतिक हालात ऐसे है कि कोई धन्यवाद भी स्वीकार नहीं करेगा। इसमें भी हमें भाजपा की कोई चाल लगती है।

लखनऊ में पत्रकारों से बात करते हुए अखिलेश ने भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि राजनीतिक रूप से भी और सामाजिक तौर पर भी हजारों साल से पीडीए परिवार ने इस तरह का व्यवहार देखा है। हमें उम्मीद है आज नहीं तो कल जिस तरह से जातिगत जनगणना के लिए सब पक्ष एक हो रहा है। वैसे ही ओल्ड पेंशन स्कीम के लिए भी सब लोग एक साथ हो जाएंगे। भाजपा जल्द यू टर्न वाली पार्टी बनने वाली है। राजनीति का चक्र आज वहां पहुंच गया है कि हर दल जातीय जनगणना की बात कर रहा है। वह दिन भी आएगा जब भारतीय जनता पार्टी स्वीकार करेगी और जातीय जनगणना के लिए आगे आएगी।

अखिलेश ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर मायावती के आभार पर यह भी लिखा कि सच तो ये है कि ये आभार उन लोगों का है जो पिछले दो दिनों से अपने मान-सम्मान की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरकर अपना सक्रिय विरोध दर्शा रहे हैं। इस विरोध का मूल कारण है, भाजपा के एक विधायक द्वारा शोषित-वंचित समाज की एक सम्मानित भूतपूर्व महिला मुख्यमंत्री जी का सरेआम किया गया अपमान।

लिखा कि सदियों से समाज के प्रभुत्ववादियों द्वारा किये जा रहे मानसिक-शारीरिक-आर्थिक-सामाजिक उत्पीड़न के विरुद्ध आज उपेक्षित व तिरस्कृत समाज के लोगों में यह जो नई चेतना आई है, उसकी एकता और एकजुटता आनेवाले कल का सुनहरी समतावादी-समानतावादी इतिहास लिखेगी।

कहा कि ये एक शुभ संकेत है कि पीडीए समाज अब प्रभुत्ववादी सत्ताधीशों के विभाजनकारी खेल को समझने लगा है। चंद लोगों की मजबूरी का फ़ायदा उठाकर, ये विघटनकारी सत्ताधारी भले कुछ लोगों को हाथ पकड़कर कुछ भी कहने-लिखने पर मजबूर कर लें परंतु मन से वो ‘कुछ मजबूर लोग’ भी हमारे ही साथ हैं क्योंकि ऐसे मजबूर लोग भी जानते हैं कि ये प्रभुत्ववादी कभी उनके भले के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं। सदियों से शोषित-वंचित समाज के 99% लोग, अब पीडीए में ही अपना सुनहरा भविष्य देख रहे हैं।

अखिलेश ने कहा कि जो राजनीतिक शक्तियां अपनी सत्ता को बचाने के लिए, अपने स्वार्थ भरे पत्रों पर दमित समाज से हस्ताक्षर करवाने पर बाध्य करती आई हैं, अब उनके बुरे दिन शुरू हो गये हैं। 90% में 99% जागरण आ गया है। पीडीए समाज में आया ये जागरण राजनीतिक दलों की सीमाएँ तोड़कर मान-सम्मान की लड़ाई लड़ रहे पीडीए से जुड़ गया है। जो जुड़ने शेष हैं, वो भी आनेवाले समय में शेष नहीं रहेंगे। समाज की 90% जनसंख्या अर्थात पीडीए का आपस में 100% जुड़ जाना ही, सामाजिक न्याय की क्रांति होगा। ये एकता, हमख़्याली व इत्तिहाद ही सैकड़ों सालों से चली आ रही नाइंसाफ़ी को ख़त्म करेगा। पीडीए ही शोषित-वंचित का भविष्य है। हम एक हैं, एक रहेंगे। पीडीए एकता ज़िंदाबाद!

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