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साइबर अपराध बढ़ा, बड़ी कंपनियां हो रहीं हैक; अखिलेश यादव बोले– देश की सुरक्षा दांव पर

अखिलेश यादव ने कहा है कि साइबर क्राइम का अपराध बढ़ रहा है, जिससे बड़ी से बड़ी कंपनियां हैक हो रही हैं और आम आदमी ठगा जा रहा है। ऐसी सेवाओं पर देश की सरकार का नियंत्रण हर हाल में होना चाहिए।

Pawan Kumar Sharma विशेष संवाददाता, लखनऊSat, 10 May 2025 07:46 PM
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साइबर अपराध बढ़ा, बड़ी कंपनियां हो रहीं हैक; अखिलेश यादव बोले– देश की सुरक्षा दांव पर

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि साइबर क्राइम का अपराध निरंतर बढ़ रहा है, जिससे बड़ी से बड़ी कंपनियां हैक हो रही हैं और आम आदमी ठगा जा रहा है। टेक्नोलॉजी का विकास वैश्विक होता है, लेकिन ऐसी सेवाओं पर देश की सरकार का ‘निर्णायक नियंत्रण’ हर हाल में होना चाहिए। सरकार चाहे तो किसी आपातकाल या विपरीत परिस्थितियों या खराब हालातों में ऐसी विदेशी कंपनियों पर तत्काल नियंत्रण कर सके।

अखिलेश ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा है कि वैश्विक संबंध चूंकि सिर्फ अपने हाथ में नहीं होते हैं, इसीलिए इस क्षेत्र में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत पड़ती है। ‘अंतर्राष्ट्रीय संबंधों’ में हम कभी ये नहीं कह सकते हैं कि कोई किसी का स्थायी मित्र है, क्योंकि दूसरे देशों में भी राजनीतिक परिस्थितियां और आर्थिक नीतियां स्थायी नहीं होती है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संबंध व्यक्तिगत नहीं होते हैं और अगर किसी काल विशेष में कुछ समय के लिए हो भी जाएं तो भी वो हमेशा स्थायी रहें, इसकी ‘गारंटी’ कोई भी नहीं दे सकता है। इसीलिए ऐसे गंभीर मुद्दों पर कुछ ज़्यादा ही एहतियात बरतने की ज़रूरत होती है।

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उन्होंने कहा कि दूसरे देशों से तकनीकी भले ले ली जाए, परंतु आत्मनिर्भरता के प्रयासों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए और न ही इस शर्त को कि इस टेक्नोलॉजी के संचालन या कहें ऑपरेशन्स पर हम जब चाहे युक्तियुक्त नियंत्रण और पाबंदी लगा सकेंगे। ये देश की सिक्योरिटी और सेफ्टी का बेहद सेंसेटिव मुद्दा है, ये बात हमेशा याद रखनी चाहिए। एक तरफ सरकार अपनी एजेंसियों का दुरुपयोग करके स्थानीय कारोबारियों को परेशान करती है, निवेश करनेवालों से कमीशन मांगती है जिससे देश के उद्योगपति से लेकर स्टार्टअप तक हतोत्साहित होते हैं और दूसरी तरफ विदेशी कंपनियों के लिए ‘स्वागत द्वार’ बनाती है। जब तक देश के व्यापारियों के लिए सुरक्षित माहौल नहीं होगा तब तक देश में उत्पादन और रिसर्च एंड डवलपमेंट का सकारात्मक वातावरण नहीं बनेगा।

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