बहराइच के बाद अब बाराबंकी में भी मेला रद्द, सालार साहू गाजी की दरगाह पर नहीं जुटेगा जनसैलाब
बहराइच के बाद अब बाराबंकी जिले में स्थित सैयद सालार साहू गाजी की दरगाह पर लगने वाला पारंपरिक मेला इस बार आयोजित नहीं होगा। दरअसल पुलिस प्रशासन ने मेला आयोजित नहीं करने की सिफारिश की है।

बहराइच के बाद अब बाराबंकी जिले के सतरिख थाना क्षेत्र स्थित कस्बे में सैयद सालार साहू गाजी की दरगाह पर लगने वाला पारंपरिक मेला इस बार आयोजित नहीं होगा। दरअसल पुलिस प्रशासन ने मेला आयोजित नहीं करने की सिफारिश की है। थाना प्रभारी ने मेले के आयोजन से कानून व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका जताते हुए इसे रोकने की सिफारिश की है।
इससे पहले कई हिंदू संगठन संभल और बहराइच के बाद इस दरगाह पर भी मेला नहीं आयोजित करने की मांग कर रहे थे। कुछ दिन पहले स्थानीय लोगों ने थाने में दरगाह के आसपास की जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत भी दर्ज कराई थी। पुलिस ने बताया कि एक हिंदू संगठन ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर कहा था कि सतरिख स्थित मजार सैयद सालार साहू गाजी की है, जो महमूद गजनवी का सेनापति था और उसने सोमनाथ मंदिर पर हमला कर बड़ी संख्या में हिंदुओं का जबरन धर्म परिवर्तन कराया था। बाद में महाराजा सुहेलदेव पासी ने बहराइच के युद्ध में उसे पराजित कर मार दिया था।
ज्ञापन देने वालों का कहना था कि इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करते हुए उसे सूफी बताकर यहां मेला आयोजित किया जाता है, जो पूरी तरह गलत व देश के स्वाभिमान के खिलाफ है। मेला समिति ने इस बार 14 और 15 मई को मेले के आयोजन की अनुमति प्रशासन से मांगी थी। प्रशासन ने इसके आयोजन को लेकर थाना प्रभारी से रिपोर्ट मांगी थी।
पुलिस ने शुरुआती दौर में ही रिपोर्ट भेजकर साफ कर दिया था कि मेले का आयोजन नहीं हो। सतरिख के थाना प्रभारी अमर चौरसिया ने प्रशासन को मेले के आयोजन पर अपनी स्पष्ट रिपोर्ट भेजी थी और बताया कि देश में मौजूदा घटनाक्रम के चलते इस मेले का आयोजन नहीं करने की सिफारिश की गई है। पुलिस से अनुमति नहीं मिलने के कारण आयोजन से जुड़ी सभी तैयारियां भी ठप हो गई हैं। मेला समिति को मेले में दुकान लगाने वाले दुकानदारों को जमीन आवंटित नहीं करने के लिए भी कहा गया है।