पिछड़े और दलित वर्ग के सभी नेता भाजपा छोड़कर PDA के साथ आएं, अखिलेश यादव ने फिर दिया ऑफर
- शिक्षक भर्ती पर हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि पिछड़े और दलित वर्ग के सभी नेता PDA के साथ आएं। पीडीए को अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव से अपना मुख्य मुद्दा बनाया हुआ है।
सौ विधायक लाओ सरकार बनाओ, मॉनसून ऑफर देने वाले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अब इसी तरह का नया ऑफर दिया है। शिक्षक भर्ती पर हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि पिछड़े और दलित वर्ग के सभी नेता PDA के साथ आएं। पीडीए को अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव से अपना मुख्य मुद्दा बनाया हुआ है। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी अखिलेश यादव ने पिछड़े और दलित वर्ग के नेताओं को गोलबंद करने की कोशिश की थी। ओपी राजभर, दारा सिंह चौहान, धर्म सिंह सैनी आदि को अपने साथ लाने में कामयाब हुए थे। लेकिन सरकार बनाने लायक सीटें नहीं मिल सकी थीं।
रविवार को लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री 69000 शिक्षक भर्ती मामले में रास्ता नहीं निकाल सकते, पिछड़े और दलित वर्ग के शिक्षक अभ्यर्थियों को न्याय नहीं दे सकते तो सत्ता छोड़ दें। भाजपा सरकार ने पिछड़ों, दलितों का आरक्षण छीना है। 69000 शिक्षक भर्ती में पिछड़ों, दलितों को न्याय नहीं मिला। भाजपा सरकार ने अपना भ्रष्टाचार और गलत काम छिपाने के लिए शिक्षक अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है।
कहा कि भाजपा सरकार लोगों के साथ भेदभाव कर रही है। संविधान और आरक्षण को नुकसान पहुंचा रही है। सुल्तानपुर में अभियन्ता की हत्या कर दी गयी। ठेकेदार और जेई ने मिलकर पहले घपला, घोटाला, भ्रष्टाचार किया, फिर पेमेन्ट वसूली को लेकर इंजीनियर की हत्या हो जाती है। जीरो टालरेन्स की बात जीरो हो चुकी है। सरकार पूरी तरह फेल है। हर विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और बजट की लूट हो रही है। वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की आक्रोशित जनता भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीयत हमेशा से लोगों में बटवारे की रही है।
अखिलेश ने कहा कि हम लोग हमेशा कहते रहे हैं कि भाजपा की नजरें संविधान और आरक्षण पर है। भाजपा लगातार इस प्रयास में लगी है कि आरक्षण और संविधान की धज्जियां उड़ाई जाएं। लैटरल ऐंट्री इसी का उदाहरण है। इन लोगों को जब भी मौका मिल रहा है आरक्षण से खिलवाड़ कर रहे हैं।