मम्मी-पापा मैं आप से बहुत प्यार करती हूं, ड्यूटी से लौटकर KGMU हॉस्टल की छत से महिला डॉक्टर ने लगाई छलांग
- केजीएमयू के मेडिसिन विभाग में तैनात जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने मंगलवार सुबह ड्यूटी से लौटने के बाद हॉस्टल की छत से छलांग लगा दी। सुरक्षा गार्ड ने डॉक्टर को खून से लथपथ देख अधिकारियों को बताया।
केजीएमयू के मेडिसिन विभाग में तैनात जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने मंगलवार सुबह ड्यूटी से लौटने के बाद हॉस्टल की छत से छलांग लगा दी। सुरक्षा गार्ड ने डॉक्टर को खून से लथपथ देख अधिकारियों को बताया। आनन-फानन में उसको ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया। चौक पुलिस को डॉक्टर के कमरे से एक नोट मिला है। इसमें उसने लिखा है, मम्मी-पापा मैं आप लोगों से बहुत प्यार करती हूं, पर आपकी आकांक्षाओं पर खरी नहीं उतर पा रही। सेवा का उद्देश्य भी पूरा नहीं हो रहा है।
कानपुर निवासी छात्रा ने केजीएमयू से एमबीबीएस करने के बाद मेडिसिन विभाग में पीजी प्रथम वर्ष में दाखिला लिया था। एक सप्ताह पूर्व जूनियर रेजीडेंट के तौर पर ज्वाइन किया। छात्रा कुलपति आवास के निकट आरएच हॉस्टल के सेकेण्ड फ्लोर पर कमरा नम्बर 206 में रहती है। सुबह करीब सात बजे अचानक छत से किसी के गिरने की आवाज आई। सुरक्षा कर्मी मौके पर पहुंचे तो छात्रा को सड़क पर बेहोशी की हालत में देखा। शरीर के कई अंगों से खून बह रहा था। आनन-फानन में सुरक्षाकर्मियों ने हॉस्टल के प्रवोस्ट को घटना की जानकारी दी।
वेंटिलेटर यूनिट में किया गया भर्ती
सूचना पर आरएच हॉस्टल के प्रवोस्ट, प्रतिकुलपति डॉ. अपजीत कौर समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। सुरक्षाकर्मियों की मदद से छात्रा को ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया। वहां सीटी स्कैन समेत दूसरी जांचें कराई गईं। ट्रॉमा सर्जरी विभाग के डॉ. समीर मिश्र व डॉ. अनीता सिंह के निर्देशन में इलाज शुरू हुआ। डॉक्टरों ने रेजिडेंट को वेंटिलेटर पर भर्ती करने की जरूरत बताई।
डॉक्टरों की टीम कर रही सेहत की निगरानी
ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस डॉ. प्रेमराज का कहना है कि डॉक्टर की सलाह पर रेजिडेंट को क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग की वेंटिलेटर यूनिट में भर्ती किया गया है। डॉक्टरों की टीम छात्रा की सेहत की निगरानी कर रही है। छात्रा के पैर की हड्डियों में फ्रैक्चर है। पेट, सिर आदि अंगों में चोटें नहीं आई हैं। होश आने तक कुछ नहीं कहा जा सकता है।
अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर पा रही हूं...
छात्रा के कमरे से पुलिस ने एक नोट बरामद किया है। इसमें लिखा है कि मम्मी-पापा मैं आपसे बहुत प्यार करती हूं। मैं अपनी क्षमता के अनुसार मेहनत भी कर रही हूं। उसके बावजूद मैं आप सबकी अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर पा रही हूं। इसलिए आत्महत्या कर रही हूं। मुझे माफ कर देना...।
सुरक्षा व्यवस्था हवा-हवाई
रेजिडेंट डॉक्टरों का आरोप है कि हॉस्टल में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए हैं। सुरक्षा व्यवस्था भी ध्वस्त है। नतीजतन घटना की सच्चाई का पता लगाना कठिन हो गया है। रेजिडेंट डॉक्टरों ने हॉस्टल की सुरक्षा बढ़ाने और सीसीटीवी कैमरे लगवाने की मांग की है। केजीएमयू का सालाना बजट करीब 1000 करोड़ है। करोड़ों रुपये की आय जांच व ओपीडी शुल्क से है। इसके बावजूद मरीज व छात्र-छात्राओं की सुरक्षा हवा-हवाई है। तमाम विभागों की लिफ्ट खराब है। संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं।
केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. केके सिंह ने बताया, छात्रा ने व्यक्तिगत कारणों से ऐसा कदम उठाया होगा। कमरे से एक लेटर भी मिला है। काम के दबाव की बात पूरी तरह से झूठी है, क्योंकि एक सप्ताह पूर्व ही रेजिडेंट ने ज्वाइन किया है। पुलिस व केजीएमयू प्रशासन कारणों की जांच कर रहा है। छात्रा को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। वेंटिलेटर पर इलाज चल रहा है। इलाज पूरी तरह से मुफ्त मुहैया कराया जा रहा है। छात्रा के माता-पिता को सूचना दे दी गई है।
डीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव का कहना है कि हॉस्टल से एक नोट मिला है, जिसमें छात्रा ने तनाव होने और आकांक्षाओं पर खरा नहीं उतरने की बात लिखी है। किसी पर आरोप नहीं लगाया है। हिंसा, शोषण या रैगिंग का जिक्र नहीं है। छात्रा के माता-पिता से बात करने पर और कोई कारण सामने नहीं आया। होश आने के बाद बयान पुलिस लेगी।