पिटाई के बाद विधायक की बढ़ी सुरक्षा, तीन गनर रहेंगे साथ, सिपाहियों ने संभाली कमान
- लखीमपुर में मारपीट की घटना के बाद विधायक योगेश वर्मा की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सुरक्षा एसपी ने बढ़ाई है। अब विधायक के साथ तीन गनर रहेंगे।
लखीमपुर में मारपीट की घटना के बाद विधायक योगेश वर्मा की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सुरक्षा एसपी ने बढ़ाई है। अब विधायक के साथ तीन गनर रहेंगे। पहले विधायक के पास सिर्फ एक ही सुरक्षाकर्मी था। नियमानुसार हर विधायक को सुरक्षा मिलती है। भाजपा से सदर विधायक योगेश वर्मा के पास भी सुरक्षा थी। लेकिन उनकी सुरक्षा में सिर्फ एक ही सिपाही था। घटना के समय में वह विधायक के साथ था, लेकिन कुछ दूरी पर था।
विधायक योगेश वर्मा पर हमला हो गया और वह उन्हें बचा नहीं पाया। घटना को देखते हुए अधिकारियों ने विधायक की सुरक्षा के मुद्दे को गंभीरता से लिया है। एसपी गणेश प्रसाद साहा ने विधायक की सुरक्षा बढ़ा दी है। एसपी ने बताया कि विधायक की सुरक्षा में दो और सशस्त्र गनर बढ़ाए गए हैं। अब विधायक की सुरक्षा में तीन सिपाही हो गए हैं। सुरक्षा में बढ़ाए गए सिपाहियों ने अपनी ड्यूटी संभाल ली है।
विधायक की सुरक्षा में अक्सर देखी जाती है लापरवाही
विधायक की सुरक्षा में अक्सर लापरवाही देखने को मिलती है। ज्यादातर विधायक बिना गनर के ही नजर आते हैं। इससे पहले भी जब उनपर हमला हुआ था और पैर में गोली लगी थी। तब भी उनके सुरक्षाकर्मी उनके साथ नहीं थे। इस बार बुधवार को विधायक के साथ मारपीट हो गई। उनका सुरक्षाकर्मी दूर खड़ा था। इंस्पेक्टर ने बीच में आकर विधायक और अवधेश सिंह को संभाला। उनका सुरक्षा कर्मी काफी देर बाद उनके पास पहुंचा। एसपी ने गनर की फटकार लगाई है। इसी के साथ अब विधायक की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
विधायक के समर्थन में उतरा पटेल समाज, सौंपा ज्ञापन
मोहम्मदी। सदर विधायक योगेश वर्मा के साथ हुई मारपीट की घटना को लेकर पटेल जन कल्याण सेवा संस्थान के सदस्यों ने एसडीएम को ज्ञापन दिया। मुख्यमंत्री, अध्यक्ष बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश और पुलिस महानिदेशक समेत कई लोगों को संबोधित ज्ञापन में आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की गई। कहा गया कि चुनाव के दौरान सदर विधायक योगेश वर्मा पर बार संघ के अध्यक्ष अवधेश सिंह और उनके लोगों द्वारा विधायक पर हमला किया गया। संगठन ने सभी आरोपियों के खिलाफ रासुका लगाने की भी मांग की है। साथ ही अधिवक्ता आचरण नियमावली के विरुद्ध पाए जाने पर बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश से कार्रवाई करने की मांग करने का ज्ञापन एसडीएम को सौंपा गया है।