हाई कोर्ट से झूठ बोलने वाले पुलिसकर्मियों पर ऐक्शन, इंस्पेक्टर समेत चार को पुलिस कमिश्नर ने किया सस्पेंड
- पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड पुलिस की छवि सुधारने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन पुलिसकर्मी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। सदर पुलिस इंस्पेक्टर और तीन पुलिसकर्मियों ने कोर्ट से जारी वारंट तामील कराने के मामले में झूठा शपथपत्र हाई कोर्ट में दिया।
पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड पुलिस की छवि सुधारने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन पुलिसकर्मी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। सदर पुलिस इंस्पेक्टर और तीन पुलिसकर्मियों ने कोर्ट से जारी वारंट तामील कराने के मामले में झूठा शपथपत्र हाई कोर्ट में दिया। हाईकोर्ट ने झूठ पकड़ लिया तो पुलिस आयुक्त को स्वयं हाई कोर्ट में पेश होना पड़ा। हाई कोर्ट से झूठ बोलने वाले पुलिस कर्मियों पर पुलिस कमिश्नर ने बड़ी कार्रवाई की। इंस्पेक्टर सदर, तत्कालीन चौकी प्रभारी समेत चार पुलिसकर्मियों को तुरंत सस्पेंड कर दिया गया है।
मधु नगर, सदर निवासी डांस अकादमी संचालक अंकित शर्मा ने वर्ष 2018 में देवरी रोड के रहने वाले मनोज कुमार को तीन लाख रुपये उधार दिए थे। मनोज फूल विक्रेता है। उसने रकम वापस लौटाने के लिए उन्हें चेक दिए थे। चेक दो बार बाउंस हो गए। अंकित शर्मा ने बताया कि उन्होंने मनोज कुमार के विरुद्ध वर्ष 2019 में न्यायालय में चेक बाउंस का मुकदमा दायर किया। मामले में न्यायालय द्वारा जारी समन व गैर जमानती वारंट सदर पुलिस ने प्रतिवादी को तामील नहीं किए। जिसे लेकर उन्होंने पांच महीने पहले अपने अधिवक्ता रघुवीर के माध्यम से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने पुलिस आयुक्त से अबतक की गई कार्रवाई के बारे में आख्या तलब की थी। सदर इंस्पेक्टर की ओर से हाईकोर्ट को अवगत कराया गया कि उन्हें समन एवं वारंट प्राप्त नहीं हुए हैं।
पैरोकार को समन रिसीव कराने की प्रति से खुला झूठ
पुलिस के शपथपत्र के बाद हाईकोर्ट ने स्थानीय न्यायालय से आख्या मांगी। स्थानीय न्यायालय ने समन एवं वारंट की सदर थाने के पैरोकार को रिसीव कराई गई प्रति हाईकोर्ट को भेज दी। सदर पुलिस द्वारा न्यायालय से झूठ बोलने पर नाराजगी जताते हुए पुलिस आयुक्त को शुक्रवार को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के आदेश दिए थे। मामले में सदर इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार सहित तत्कालीन चौकी प्रभारी सीओडी सोनू कुमार, डाक मुंशी और पैरोकार को पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड ने निलंबित कर दिया। हाईकोर्ट ने भविष्य में इस तरह की लापरवाही न होने की चेतावनी भी दी है।