69000 शिक्षक भर्ती: नई मेरिट लिस्ट आदेश के बाद कर्ज वसूली में कूद पड़े बैंक, नए लोन पर भी संकट
- 69000 शिक्षक भर्ती की नई मेरिट लिस्ट बनाने के आदेश के चलते हजारों शिक्षकों की नौकरी को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है। इस बीच कुछ बैंक इन शिक्षकों को दिए गए कर्ज की वसूली के जतन में जुट गए हैं। नया लोन मिलने की शिक्षकों की उम्मीदों पर भी संकट मंडरा रहा है।
हाईकोर्ट और योगी सरकार के आदेश के बाद 69000 शिक्षक भर्ती की नई मेरिट लिस्ट बनने वाली है। इस फैसले से हजारों सहायक टीचरों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। टीचरों की धड़कन बढ़ी हुई है। इस बीच कुछ बैंक भी इन शिक्षकों को दिए कर्ज की वसूली की चिंता में पड़ गए हैं और इसके लिए जतन करने लगे हैं। शिक्षकों के नए लोन पर भी संकट है। मंगलवार को वायरल हुए एक पत्र ने हड़कंप मचा दिया। इसमें बैंकों से कहा गया था कि शिक्षकों को ओडी लिमिट/ऋण, परसनल लोन न दिया जाए। पत्र वायरल हुआ तो खलबली मच गई। देर शाम एक और पत्र वायरल हुआ। इसमें पहले वाले आदेश को निरस्त करार दिया गया। अब भले ही आदेश निरस्त हो गया हो लेकिन शिक्षकों की बेचैनी तो बढ़ ही गई है। एक तरफ नौकरी पर संकट गहराया हुआ है तो दूसरी तरफ जरूरत पड़ने पर लोन नहीं मिलने का संकट पैदा होने का डर है।
उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले के बाद मुद्दा गरमाया हुआ है। योगी सरकार ने भी हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं देने का फैसला किया है। हाईकोर्ट के ही आदेश को लागू करने का फैसला किया है। करीब छह साल से विवाद में चली आ रही इस शिक्षक भर्ती का कोर्ट के आदेश पर नई मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी। कोर्ट के नई मेरिट लिस्ट जारी करने के फैसले के बाद सरकार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के बीच मंथन चल रहा है।
इसी बीच मंगलवार को बांदा डिस्ट्रिक्ट को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वायरल पत्र के मुताबिक, यदि 69 हजार भर्ती शिक्षक में किसी को भी बैंक से ओडी लिमिट/ ऋण, परसनल लोन या अन्य कोई ऋण स्वीकृत कर वितरित किया गया हैं तो ऐसे शिक्षकों के खाता का परीक्षण कर लिया जाए। साथ ही सूची तैयार कर बैंक की धन की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए ससमय वसूली की प्रभावी कार्यवाही कर समस्त ऋण की ब्याज सहित शत-प्रतिशत वसूली की जाए।
यह भी लिखा है कि जब-तक स्थिति स्पष्ट न हो जाए, तब तक उपरोक्त शिक्षकों को ओडी लिमिट/ऋण, परसनल लोन आदि का कोई ऋण भुगतान न किया जाए। इसकी प्रतिलिपि सूचनार्थ और आवश्यक कार्यवाही के लिए बांदा-चित्रकूट की सभी बैंक शाखाओं, बैंक सभापति को प्रेषित किए जाने की बात लिखी है।
देर शाम आदेश निरस्त का पत्र भी वायरल
वसूली और ऋण प्रतिबंध का पत्र दिनभर सोशल मीडिया पर वायरल रहा। देर शाम बैंक का ही एक और पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें आदेश को निरस्त बताया गया। दूसरे वायरल पत्र में साफ लिखा है कि उच्च न्यायालय के पारित आदेश के क्रम में बैंक धन की सुरक्षा के लिए ओडी लिमिट/ऋण सम्बन्धी सूची आदि तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं। बैंक सभापति ने समीक्षा कर निर्देश दिये कि अग्रिम आदेशों तक उक्त पत्र का अनुपालन न कर तत्काल निरस्त किया जाए।
द डिस्ट्रिक बोर्ड टीचर्स को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड बांदा-चित्रकूट के अध्यक्ष जय किशोर दीक्षित के अनुसार को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा जल्दबाजी में लिया गया निर्णय है। सरकार द्वारा प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद जो निर्णय लिया जाएगा। उसके अनुसार कार्य किया जाएगा। फिलहाल बैंक की ओर से सूची मांगी गई है, वो तैयार कर ली जाएगी। सोसाइटी शिक्षकों के साथ है। किसी को हड़बड़ाने की जरूरत नहीं है।